हमेशा जवान रहना चाहते हैं तो खाने में प्रयोग करें काला गेहूं, इन बीमारियों को भी भगाता है दूर
सामान्य गेहूं के मुकाबले काला गेहूं में एंथोसावनिन उच्च मात्रा में पाया जाता है। यह तत्व शरीर से हानिकारक रेडिकल्स को हमारे शरीर से निकालने में सहायक होता है।
हिसार [वैभव शर्मा]। सिरसा रोड स्थित कृषि मशीनरी प्रशिक्षण एवं परीक्षण संस्थान (टीटीसी केंद्र) में तीन दिवसीय नौवें कृषि दर्शन किसान मेले के दौरान हरियाणा व आसपास के राज्यों से आए किसानों के बीच काला गेहूं आकर्षण का केंद्र रहा। इस बार मेले में किसान विकास सोसायटी द्वारा किसानों को काले रंग का गेहूं दिखाया गया। इसमें सामान्य गेहूं के मुकाबले एंथोसावनिन उच्च मात्रा में पाया जाता है। यह तत्व शरीर से हानिकारक रेडिकल्स को हमारे शरीर से निकालने में सहायक होता है।
इस गेहूं से बने खाद्य पदार्थ का प्रतिदिन सेवन लोगों में बुढ़ापा आने के प्रोसेस को धीमा कर देगा। इसके साथ ही मोटापा, हृदयरोग, मधुमेह आदि रागों की रोकथाम में मददगार है। इस गेहूं का दलिये में आम गेहूं के दलिए के मुकाबले चिकनाई व मिठास ज्यादा होती है। इससे बने हुए दलिए को हम बिना किसी चीज को अलग से मिलाएं भी आसानी खा सकते हैं। कृषि मेले में 160 स्टॉलों पर देश के कई राज्यों से 7,345 किसानों ने दिनभर कृषि के क्षेत्र में नई तकनीकों की जानकारी भी ली। इसमें विशेषत: हरियाणा, राजस्थान, पंजाब, हिमाचल, तमिलनाडू, केरल, गुजरात, छत्तीसगढ़, व उत्तर प्रदेश से किसानों ने भाग लिया। मेले का शुभारंभ टीटीसी संस्थान के निदेशक पीके पाण्डेय ने किया।
नवीन तकनीक : किसानो को मंडी भाव बताएगी एप
बैंक ऑफ बड़ोदा ने किसानों के लिए एक नई एप जारी की। जो प्रतिदिन की मंडी के भाव, मौसम, कृषि संबंधी सूचना, मंडी कीमत संबंधी सूचना, कृषि उपकरण किराये पर, फसल कटाई के बाद बिक्री की जानकारी व बीमा सेवाएं आदि ले सकेंगे।
बीज बिक्री: पहली बार हरियाणा कृषि विवि ने किसान मेले में शिरकत की। उन्होंने किसानों को गेहूं, चने व सरसों के बीज उपलब्ध करवाए।
सैकड़ों किसानों को शपथ दिलाकर पराली न जलाने का जागरण ने भरवाया संकल्प
लोगों के स्वास्थ्य व पर्यावरण के लिए नुकसानदायक बनी पराली खेतों में न जले इसके लिए किसानों का जागरुक होना जरूरी है। इसके लिए दैनिक जागरण ने मेले में पराली अभियान के तहत जागरुकता स्टॉल लगाई। जहां किसानों को सबसे पहले तो पराली के नुकसान बताए गए, फिर उन्हें समाधान भी सुझाए। इसके साथ ही दिनभर विभिन्न प्रदेशों से आए सैकड़ों किसानों ने शपथ भी ली कि वह अपने खेतों में पराली नहीं जलाएंगी। इसके साथ ही किसानों को पराली की गांठे बनाने वाली मशीन बेलर की काम करने की प्रक्रिया, मिल्चर मशीन से नाड़ को खाद में बदलने की विधि से रूबरू हुए।
किसानों ने इन स्टॉलों पर भी ली जानकारी
कृषि मेले में मिट्टी की गुणवत्ता बढ़ाने की जानकारी, खेती समस्याओं की जानकारी व उनके समाधान, कृषि सम्बंधित लोन की सुविधा, खेती मशीनरी की जानकारी, उन्नत बीज, कीटनाशक व उर्वरक की जानकारी, आधुनिक व नई तकनीक वाले कृषि यंत्रों की जानकारी के अलावा इरीगेशन, ग्रीन हाऊस, पंप व पाईप की जानकारी भी उपलब्ध कराई गई। किसान कैसे कम लागत में कम भूमि पर अधिक पैदावार करें, इस बारे में उसे नई तकनीकों से रूबरू करवाया गया।
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