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काले दुपट्टे ओढ़ थाली-चम्मच बजाकर सरकार को कोसा

सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने सहित अन्य मांगों के हल के लिए लघु सचिवालय के समक्ष आंदोलन कर रहीं आंगनबाड़ी वर्कर एंड हेल्पर यूनियन का आंदोलन आज भी जारी है।

By Edited By: Published: Fri, 09 Mar 2018 03:03 AM (IST)Updated: Fri, 09 Mar 2018 10:51 AM (IST)
काले दुपट्टे ओढ़ थाली-चम्मच बजाकर सरकार को कोसा
काले दुपट्टे ओढ़ थाली-चम्मच बजाकर सरकार को कोसा

जागरण संवाददाता, हिसार। सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने सहित अन्य मांगों के हल के लिए लघु सचिवालय के समक्ष आंदोलन कर रहीं हरियाणा संयुक्त कर्मचारी मंच एवं आंगनबाड़ी इंम्पलाइज फेड़रेशन ऑफ इंडिया से संबंधित आंगनबाड़ी वर्कर एंड हेल्पर यूनियन का आंदोलन 25वें दिन व भूख हड़ताल दूसरे दिन भी जारी रही।

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दूसरे दिन 7 महिलाएं भूख हड़ताल पर बैठी वहीं महिला दिवस के अवसर पर थाली-चम्मच बजाकर व काले दुपट्टे ओढ़कर अपना रोष जताया और केन्द्र व प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। हरियाणा रोडवेज संयुक्त कर्मचारी संघ के प्रदेशाध्यक्ष दलबीर किरमारा ने आंदोलनरत महिलाओं का समर्थन करते हुए उनके इतने लंबे आंदोलन को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और सरकार से उनकी मांगे व समस्याएं शीघ्र पूरी करने की अपील की।

जिला प्रधान बिमला राठी की अध्यक्षता में जिले में चलाए जा रहे आंदोलन के 25वें दिन व भूख हड़ताल के दूसरें दिन 7 महिलाएं सुशीला जांगड़ा, अनिता शर्मा, राजबाला, कृष्णा शर्मा, बिमला कस्वां, निर्मला व बिमला मोर भूख हड़ताल पर बैठी।

इस दौरान आंदोलनरत महिलाओं को संबोधित करते हुए जिला प्रधान बिमला राठी ने कहा कि एक तरफ सरकार महिला दिवस बारे अनेक घोषणाएं कर रही है वहीं दूसरी तरफ आंगनबाड़ी महिलाएं पिछले 25 दिनों से आंदोलरत हैं। ये महिलाएं सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिये जाने सहित अन्य मांगे उठा रही है लेकिन मुख्यमंत्री या सरकार के किसी मंत्री के कानों पर जूं नहीं रेंग रही है जो ¨नदनीय है।

महिलाओं को श्मशान घाट में बैठाना निंदनीय

किरमारा इस अवसर पर आंगनबाड़ी महिलाओं का समर्थन करने पहुंचे हरियाणा रोडवेज संयुक्त कर्मचारी संघ के प्रदेशाध्यक्ष दलबीर किरमारा ने कहा कि देश के आज तक के इतिहास में महिलाओं का शमशान घाट में जाना या उन्हें ले जाना अच्छा नहीं माना जाता लेकिन भाजपा सरकार में पहली बार इन महिलाओं को चंडीगढ़ प्रदर्शन के दौरान श्मशान घाट में ले जाकर बैठाया गया और उन्हें वहां पर रोके रखा गया, जो निंदनीय है।


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