एससी वर्ग-ए बहाल नहीं हुआ तो बीजेपी को भुगतने होंगे गंभीर परिणाम : दुग्गल
हिसार एससी वर्ग-ए से जुड़ी 42 जातियों ने चेतावनी दी है कि अगर इस वर्ग को
जागरण संवाददाता, हिसार : एससी वर्ग-ए से जुड़ी 42 जातियों ने चेतावनी दी है कि अगर इस वर्ग को पुन: बहाल नहीं किया गया तो आगामी विधानसभा चुनावों में बीजेपी को गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। एससी ए वर्ग की पुन: बहाली के लिए संघर्ष समिति का गठन किया गया है, जो प्रदेश स्तर पर अपना आंदोलन शुरू करेगी। यह बात समिति की सदस्य एवं समाजसेवी कृष्णा दुग्गल, एएसएफ के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सुल्तान खटक, डा. वेदप्रकाश खटक व हिसार जिलाध्यक्ष जोगेंद्र नंदा ने कही। वे रविवार को हिसार में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।
संघर्ष समिति सदस्यों ने कहा कि पूर्व सीएम चौधरी भजनलाल ने एससी वर्ग में 20 फीसद आरक्षण के लाभ की स्थिति को जानने के लिए गुरमान सिंह आयोग का गठन किया था। इसके बाद 1994 में सरकारी नौकरियों में एससी को वर्ग-ए और एससी-बी वर्ग का वर्गीकरण लागू कर दिया गया। 1996 में चौधरी बंसीलाल ने इस वर्गीकरण को शिक्षण संस्थानों में भी लागू कर दिया। मगर वर्ष 2005 में तत्कालीन सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने राजनीतिक दबाव में आकर इस वर्गीकरण को तोड़ दिया, जिसका खामियाजा एससी वर्ग-ए की 42 जातियों को शिक्षा व नौकरियों में भुगतना पड़ रहा है। सरकारी नौकरियों व शिक्षण संस्थानों में एससी वर्ग बी की एकमात्र जाति को इसका लाभ मिल रहा है। इस मौके पर मंगत इंदौरा हांसी, धानक समाज युवा उत्थान संगठन जींद से वेदप्रकाश आसन, दीपक अटकान, एडवोकेट कुलभूषण नागर, डा. आनंद इंदौरा, सुमित धारीवाल, प्रदीप मुंडई, राजेश वाल्मीकि आदि मौजूद रहे।