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इंश्‍योरेंस क्‍लेम के लिए बड़े खेल, डॉक्‍टरों की मिलीभगत से चल रहे रैकेट का सनसनीखेज खुलासा

हरियाणा के हिसार जिले में भी बीमा क्‍लेम हड़पने के लिए बड़ा रैकेट चल रहा था। खुलासा हुआ है कि कैंसर से मरे रोगियों को हादसे में मरा दिखाकर बीमा की रकम ली जा रही थी।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Fri, 23 Aug 2019 10:40 AM (IST)Updated: Fri, 23 Aug 2019 11:27 AM (IST)
इंश्‍योरेंस क्‍लेम के लिए बड़े खेल, डॉक्‍टरों की मिलीभगत से चल रहे रैकेट का सनसनीखेज खुलासा
इंश्‍योरेंस क्‍लेम के लिए बड़े खेल, डॉक्‍टरों की मिलीभगत से चल रहे रैकेट का सनसनीखेज खुलासा

हिसार, जेएनएन। बीमा की राशि हड़पने के लिए बड़े खेल का खुलासा हुआ है। सारा रैकेट डॉक्‍टरों की मिलीभगत से चल रहा था। इसमें कैंसर मरीजों की मौत सड़क हादसों में दिखाकर बीमा क्लेम हड़पा जाता था। इस मामले में हिसार सिटी थाना में एफआइआर दर्ज की गई है। पुलिस ने यह कार्रवाई एक बीमा कंपनी की शिकायत पर की है।

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कैंसर मरीजों की मौत को सड़क दुर्घटना में दिखाकर बीमा क्लेम हड़पने पर केस दर्ज

इस संबंध में नोएडा के एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस कंपनी के मैनेजर मनोज कुमार ने शिकायत दी है। पुलिस ने हिसार के धर्मखेड़ी के नरेश कुमार और अन्य को आरोपित बनाया है। पुलिस के रडार पर अब हिसार व हांसी के संबंधित सरकारी डाक्टर और जींद व नारनौंद के एक-एक निजी अस्पताल संचालक व रैकेट से जुड़े अन्य आरोपित हैं।

मैनेजर मनोज कुमार ने पुलिस को शिकायत में कहा है कि गलत तरीके से बीमा क्‍लेम की राशि हासिल करने का खेल चल रहा है। उनको पता चला कि एक गिरोह काम कर रहा है। जो प्राकृतिक और बीमारियों से हुई मौत के मामलों को सड़क हादसे का रूप देकर क्लेम हड़प रहा है। इसमें कुछ डॉक्टर, पुलिस कर्मी और वकील शामिल हैं। कंपनी ने दो साल में 25 इस तरह के मामलों में 3.43 करोड़ का क्लेम पास किया है। इन क्लेम के मामलों में मृतकों का दूसरी बीमा कंपनियों से बीमा था।

डॉक्टरों और पुलिस के जांच अधिकारियों के अलावा रैकेट में वकील भी शामिल

शिकायत में कहा गया कि सारी कंपनियों से 21 करोड़ रुपये का क्लेम पास किया। इन मामलों में से कुछ केस हिसार और हांसी एरिया के हैं। इन मामलों में बीमा होने के एक साल के अंदर आदमी की मौत हो गई है। सिटी थाना पुलिस ने केस दर्ज कर जांच का दायर बढ़ा दिया है। मैनेजर ने नरेश के अलावा संदीप, सोनीपत के पवन भोरिया और एक वकील के नाम लिखवाए हैं।

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सड़क हादसों में दिखाई कैंसर मरीज की मौत

शिकायत के अनुसार, कंपनी को फर्जीवाड़े के मामलों में दो का रिकार्ड मिला है। नारनौंद निवासी सत्यनारायण की 10 दिसंबर 2017 को सिर में चोट लगने के कारण मौत दिखा बीमा पास कराया गया। जींद के भानाराम की 6 दिसंबर 2917 को सिर की चोट के कारण मौत दर्शाई है। पुलिस में दर्ज परिजनों के बयान के अनुसार सत्यनारायण घटना के दिन बैलगाड़ी से खेत में जा रहा था। वह बैलगाड़ी से गिर गया और सिर में ज्यादा चोट लगने से उसकी मौत हो गई। भानाराम की मौत दो सांडों टक्कर से होनी बताई गई। दोनों मृतक कैंसर के मरीज थे। बीमा हड़पने के लिए दोनों का नारनौंद और जींद के निजी अस्पताल में फर्जी नाम से इलाज कराया गया।

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यह है सारा मामला

सोनीपत पुलिस ने प्राकृतिक मौतों को सड़क हादसों में हुई मौत दिखाकर बीमा क्लेम लेने की पहली एफआइआर 12 अप्रैल को दर्ज की थी। सोनीपत पुलिस उस मामले में हिसार के सरकारी डाक्टर अमित कुमार, एक पुलिस वाले समेत कई लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। हिसार और हांसी के सरकारी अस्पतालों में ऐसे मामलों के पोस्टमार्टम की बात पहले ही सामने आ चुकी थी।

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