हिसार में बड़ा फैसला, जीजेयू के सात विद्यार्थी व शोधार्थी लैब में करेंगे कोरोना जांच
जीजेयू के पांच विद्यार्थी 60 हजार प्रतिमाह के वेतन पर शौध वैज्ञानिक व दो विद्यार्थी 30 हजार प्रतिमाह के वेतन पर शोध सहायक के लिए चयनित।
हिसार, जेएनएन। कोविड-19 महामारी एक तरफ जहां युवाओं के रोजगार के कम होने की चुनौती लेकर आई है, वहीं दूसरी ओर गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के बायो एंड नेनो टेक्नोलॉजी विभाग के विद्यार्थियों एवं शोधार्थियों के लिए रोजगार का अवसर भी बनी है। विभाग के सात शोधार्थी व विद्यार्थी महाराजा अग्रसैन मेडिकल कॉलेज, अग्रोहा में अपनी सेवाएं देंगे।
ये विद्यार्थी एवं शोधार्थी महाराजा अग्रसैन मेडिकल कॉलेज, अग्रोहा की कोरोना जांच के लिए स्थापित लैब में कोरोना संदिग्ध रोगियों के नमूनों की जांच करेंगे। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार व कुलसचिव प्रो. हरभजन बंसल चयनित शोधार्थियों एवं विद्यार्थियों तथा विभाग को बधाई दी है। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने बताया कि यह विश्वविद्यालय के लिए गौरव की बात है। इससे विश्वविद्यालय के बायो एंड टेक्नोलॉजी विभाग के विद्यार्थियों के कौशल को राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय पहचान मिलेगी।
यह विद्यार्थी करेंगे कोरोना के टेस्ट -
विश्वविद्यालय के प्रो. विनोद छोकर ने बताया कि चयनित होने वालों में डा. मीनाक्षी पाल, डा. कनु प्रिया, मोनिका, सुधांशु तथा अनिता देवी ने शोध वैज्ञानिक के रूप में पद ग्रहण किया है। इन्हें 60000 रूपये प्रतिमाह वेतन मिलेगा। साथ ही संतलाल तथा कोशल्य ने शोध सहायक के रूप में पद ग्रहण किया है। इन्हें 30000 रूपये प्रतिमाह वेतन मिलेगा। इसके अतिरिक्त बीएससी तथा एमएससी के आठ विद्यार्थी शालू, सलोनी, पुष्पा, पूजा, पूजा शर्मा, प्रिया, सोनिका तथा इश्वेता की भी हाल ही में एवीएम हैल्थकेयर प्रोडक्टस लिमिटेड, नई दिल्ली में प्लेसमैंट हुई है।
15 विद्यार्थियों का विभिन्न कंपनियों में चयन -
प्रो. विनोद छोकर ने बताया कि वर्तमान दौर में विभाग के 15 विद्यार्थियों का प्रतिष्ठित कम्पनी तथा सरकार से संबंधित संस्थानों में चयन विश्वविद्यालय तथा विभाग के लिए गौरव की बात है। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय का बायो एंड टेक्नोलॉजी विभाग अपने विद्यार्थियों में व्यवसायिक कौशल उत्पन्न करने पर पूरा ध्यान देता है ताकि विद्यार्थी राष्ट्र व मानवता की सेवा के लिए अपने आपको तैयार कर सके।
विज्ञान एवं तकनीक मंत्रालय से अनुदान प्राप्त करने वाला प्रदेश का एकमात्र विश्वविद्यालय -
प्रो. विनोद ने बतााय कि गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय हरियाणा का अकेला ऐसा विश्वविद्यालय है जिसके एमएससी बायोटेक्नोलॉजी प्रोग्राम को भारत सरकार के विज्ञान एवं तकनीक मंत्रालय के बायोटेक्नोलॉजी विभाग से अनुदान प्राप्त होता है। विभाग में जीएटी-बी परीक्षा के आधार पर एमएससी बायोटेक्नोलॉजी में दाखिला दिया जाता है। इस प्रकार दाखिला पाने वाले विद्यार्थियों को 5000 रूपये प्रति माह फैलोशिप दी जाती है।