Move to Jagran APP

यहां रावण दहन को लेकर ही संशय, कोर्ट ने नोटिस भेज समितियों से जवाब किया तलब

11 अधिवक्‍ताओं ने कोर्ट में रावण दहन न करने को लेकर लगाई याचिका, कोर्ट ने रावण दहन करने वाली समितियों के अलावा प्रदूषण बोर्ड व नगर परिषद चेयरमैन को जारी किया नोटिस

By manoj kumarEdited By: Published: Thu, 18 Oct 2018 05:03 PM (IST)Updated: Thu, 18 Oct 2018 05:03 PM (IST)
यहां रावण दहन को लेकर ही संशय, कोर्ट ने नोटिस भेज समितियों से जवाब किया तलब
यहां रावण दहन को लेकर ही संशय, कोर्ट ने नोटिस भेज समितियों से जवाब किया तलब

जेएनएन, भिवानी । दहशरे का त्‍योहार बुराई पर अच्‍छाई की जीत के प्रतीक का त्‍योहार भले ही है, मगर इस दिन रावण दहन करने को लेकर सबकी राय एक नहीं है। यह बात हम नहीं कहते बल्कि भिवानी में सामने आए एक अलग तरीके का केस दर्शा रहा है। दरअसल इस बार रावण दहन को लेकर होने वाले प्रदूषण को लेकर 11 अधिवक्ताओं ने सिविल जज आशुतोष की अदालत में याचिका दायर कर रावण दहन के पुतलों का दहन रोकने की अपील की है। यह अपील स्वीकार करते हुए कोर्ट ने कड़ा संज्ञान लिया है। न्यायालय ने राज्य सरकार, जिला प्रदूषण बोर्ड, नगर परिषद चेयरमैन, किरोड़ीमल पार्क में रावण दहन कार्यक्रम का आयोजन करने वाली श्री अग्रवाल रामलीला कमेटी के केयर टेकर पवन बुवानीवाला व सेक्टर-13 में रावण दहन करने वाले भिवानी क्लब के अध्यक्ष राजेंद्र वर्मा को नोटिस जारी किए हैं। अदालत ने इस संबंध में 18 अक्टूबर दहशरे के दिन ही जवाब मांगा है। जिसके बाद अब शहर में रावण दहन को लेकर संशय बन गया है।

loksabha election banner

किरोड़ीमल पार्क में दहशरे के त्यौहार पर श्री अग्रवाल रामलीला कमेटी द्वारा हर साल रावण, कुंभकरण सहित उसके परिवार के पुतलों का दहन किया जाता है। जबकि सेक्टर-13 में भिवानी क्लब द्वारा भी रावण दहन का आयोजन किया जाता है तो कृष्ण कालोनी व अन्य क्षेत्रों में भी रावण के पुतले जलाए जाते है। एडवोकेट सौरभ पंडित व अन्य ग्यारह अधिवक्ता सदस्यों ने बुधवार को बताया कि एडवोकेट सत्यजीत पिलानिया के माध्यम से बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश अनुसार पटाखों का इस्तेमाल प्रतिबंधित है, जबकि रावण, कुंभकर्ण व मेघनाथ के पुतलों को दहन करने में पटाखों का प्रयोग किया जाता रहा है।

18 अक्‍टूबर देना होगा जवाब

भिवानी शहर के मुख्य अस्पताल से कुछ दूरी पर ही व रिहायशी क्षेत्र किरोड़ीमल पार्क व सेक्टर-13 में रावण दहन किए जाने से हर वर्ष क्षेत्र में दृश्यता कम हो जाती है, जिससे बुजुर्गों व बच्चों को खासी परेशानी होती है। जिसके बाद कोर्ट ने सम्बंधित प्रतिवादीगण को 18 अक्तूबर को पेश होकर अपना जवाब देने के आदेश दिए हैं। स्थानीय सिविल जज आशुतोष की अदालत ने हरियाणा सरकार, जिला प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, श्री अग्रसेन रामलीला कमेटी भिवानी केयर टेकर, नगर परिषद के चेयरमैन, भिवानी क्लब के अध्यक्ष को 18 अक्तूबर के लिए नोटिस जारी किए हैं।

कोर्ट के नियमों का किया जाएगा पालन

नगर परिषद चेयरमैन रणसिंह यादव ने कहा अभी अदालत से नोटिस नहीं मिला है, लेकिन अदालत द्वारा जो भी आदेश दिए जाएंगे। उनकी अनुपालना सख्ती के साथ की जाएगी। रावण दहन व दीपावली पर पटाखों के प्रयोग से बचने की अपील नगर परिषद द्वारा की जाती रही है। 

न्‍यालय से आस्‍था को ध्‍यान में रख निर्णय देने की अपील

भिवानी क्लब के पूर्व प्रधान एवं वरिष्ठ सदस्य नरेंद्र शर्मा ने कहा कि सेक्टर 13 में सन 2003 से दशहरा पर्व मनाते आ रहे हैं। रावण व कुंभकरण के पुतले बनाने का कार्य एक महीने पहले शुरू हो गया था। कलाकारों की कड़ी मेहनत के बाद पुतले तैयार होते हैं और एक पुतले पर 30 हजार से लेकर 50 हजार रुपये तक का खर्च आता है। 45 फुट ऊंचे पुतले बनाने के लिए खुले मैदान का चयन करते हैं। लेकिन ऐसे में कई बार बंदर इन पुतलों को फाड़ देते हैं। इस बार तो दोहरी मेहनत करनी पड़ी और खर्चा भी डबल हुआ है।अतिथियों को निमंत्रण दिया जा चुका है। उन्होंने न्यायालय अपील की कि इस मामले में आस्था को ध्यान में रखते हुए रावण दहन की अनुमति देनी चाहिए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.