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बहुत ही सस्ता व सरल व्यवसाय है मधुमक्खी पालन

प्रशिक्षण के दौरान डा. तरुण वर्मा ने बताया कि मधुमक्खी पालन शुरू करने के लिए अक्टूबर-नवंबर का महीना सबसे सही समय है। उन्होंने प्रतिभागियों को मधुमक्खी पालन के लिए जरूरी उपकरणों के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी।

By JagranEdited By: Published: Fri, 20 Nov 2020 06:46 AM (IST)Updated: Fri, 20 Nov 2020 06:46 AM (IST)
बहुत ही सस्ता व सरल व्यवसाय है मधुमक्खी पालन
बहुत ही सस्ता व सरल व्यवसाय है मधुमक्खी पालन

जागरण संवाददाता, हिसार : मधुमक्खी पालन बहुत ही सस्ता और सरल व्यवसाय है। इसे बहुत ही कम पैसों से शुरू किया जा सकता है। यह एक ऐसा व्यवसाय है जिसे नवयुवक व युवतियां कोई भी आसानी से कर सकता है। इसके लिए जमीन की भी विशेष रूप से कोई ज्यादा जरूरत नहीं होती है। इसलिए भूमिहीन किसान भी इसे आसानी से कर सकते हैं। यह बातें चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के सायना नेहवाल कृषि प्रौद्योगिकी प्रशिक्षण एवं शिक्षण संस्थान में कीट विज्ञान विभाग के सहायक निदेशक डा. भूपेंद्र सिंह ने कही। वह संस्थान की ओर से मधुमक्खी पालन विषय पर आयोजित तीन दिवसीय ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन अवसर पर प्रशिक्षणार्थियों को संबोधित कर रहे थे।

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शहद निकालने व प्रशिक्षण की दी जानकारी

प्रशिक्षण के दौरान डा. तरुण वर्मा ने बताया कि मधुमक्खी पालन शुरू करने के लिए अक्टूबर-नवंबर का महीना सबसे सही समय है। उन्होंने प्रतिभागियों को मधुमक्खी पालन के लिए जरूरी उपकरणों के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी। डा. सुरेंद्र ने बताया कि मधुमक्खी पालन से हमें शहद तो मिलता ही है, लेकिन इसके अलावा मधुमक्खियां परागण क्रिया द्वारा फसलों की पैदावार को भी कई गुणा बढ़ाकर किसानों को अप्रत्यक्ष रूप से लाभ पहुंचाती है।

डा. दलीप ने बताया कि जब मधुमक्खियों की संख्या कम हो जाती है तो दो डिब्बों को मिलाकर एक डिब्बा बना सकते हैं। इसके साथ ही उन्होंने मधुमक्खियों को नुकसान पहुंचाने वाले कीट व बीमारियों तथा उनकी रोकथाम के बारे में विस्तार से बताया। डा. निर्मल कुमार ने शहद को अच्छे दाम पर बेचने के गुर सिखाए। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रदेश के विभिन्न जिलों सहित अन्य प्रदेशों के 40 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।


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