आस्ट्रेलिया, यूएसए की सुंदरियों को पछाड़ हिसार की पूजा ने जीता बेस्ट इंडिया फेस का ताज
कभी शादी के लिए तो कभी पढ़ाई के लिए विरोध के बावजूद पूजा ने जारी रखा संघर्ष। महिलाओं के लिए समाज की रूढ़ीवादी सोच को बदलने के जज्बे ने दिलाई सफलता
हांसी/हिसार, जेएनएन। भारतीय समाज में महिलाएं अब सामाजिक बंदिशों को तोड़कर नए आयाम स्थापित कर रही हैं। ग्रामीण पृष्ट भूमि से संबंध रखने वाली हांसी की पूजा आल्याण पहले तो शादी ना करने के लिए अपने परिवार से लड़ी और फिर शादी के बाद पढ़ाई जारी रखने के लिए अपने ससुराल से। इन विपरीत परिस्थितियों का सामना करते हुए भी पूजा ने मिसेज इंडिया प्रतियोगिता तक का सफर तय करके बेस्ट इंडिया फेस का खिताब जीत कर रुढि़वादी सोच पर कड़ा प्रहार किया है।
पूजा ने आस्ट्रेलिया, यूएसए, सिंगापुर जैसे देशों की सुंदरियों को हराकर मिसेज इंडिया क्वीन ऑफ सब्सटेंस प्रतियोगिता में अंतिम चरण तक का सफर तय करके बेस्ट इंडिया फेस का ताज जीता है। बेस्ट इंडिया फेस बनने से ज्यादा खुशी पूजा को इस बात की है कि उसने समाज की रुढि़वादी सोच हरा दिया है।
मिसेज इंडिया प्रतियोगिता में बेस्ट इंडिया फेस का खिताब जीतने वाली पूजा मूल रूप से हांसी के उत्तम नगर की रहने वाली हैं व वर्तमान में पंचकूला में ङ्क्षहदी विषय की सहायक प्रोफेसर है। बचपन से ही उसकी तमन्ना भीड़ से हटकर कुछ अलग करने की थी जिससे समाज की रुढि़वादी सोच को तोड़ा जा सके।
पूजा आल्याण ने दैनिक जागरण से बातचीत करते हुए बताया कि वह बचपन से ही समाज की महिलाओं के प्रति सोच को लेकर परेशान थी। उसकी इच्छा के बैगर परिवार ने उसकी शादी कर दी। जिसके बाद उसने ससुराल पक्ष के विरोध के बावजूद अपनी पढ़ाई को जारी रखी व एमफिल का शोध कार्य पूरा किया। पूजा ने पिछले साल मिसेज इंडिया क्वीन ऑफ सब्सटेंस प्रतियोगिता में हिस्सा लिया व 2019 की प्रतियोगिता में फाइनलिस्ट का सफर तय करते हुए बेस्ट इंंडिया फेस का खिताब जीता।
पूजा ने कहा कि यह खिताब उसने बड़ी मेहनत से जीता है। उन्होंने बताया कि उसके पति बैंक अधिकारी हैं और वो एक बच्चे की मां है। घर की जिम्मेदारियों को बखूबी निभाते हुए पूजा समाज की सोच बदलने के लिए लगातार काम कर रही है। पूजा पंजाब यूनिवर्सिटी से पीएचडी की पढ़ाई भी कर रही है।
अभी तो शुरुआत है लंबा सफर तय करना है
पूजा ने कहा समाज में महिलाओं की स्थिति में बदलाव आ रहा है। शहरों में बदलाव तेज गति से आ रहा है लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी लड़कियों को अपने सपने साकार करने के लिए परिवार व समाज से लड़ाई लडऩी पड़ती है। मैं महिलाओं के सामने रोल मॉडल बनकर उनका हौसला बढ़ाना चाहती है। महिलाओं को कहना चाहती हूं कि हार नहीं माननी है, जीत हर हाल में हमारी होगी।