बंसीलाल ने भजनलाल को दिया था बहुत बड़ा चैलेंज पर भजनलाल ने भी नहीं मानी हार
कूटनीति में माहिर भजनलाल ने देवीलाल के चचेरे भाई ओमप्रकाश हिटलर के घर झंडा गाड़ दिया। फिर क्या था राजनीति ने देवीलाल-हिटलर परिवार में मधुर रिश्तों में कड़वाहट घुल गई।
डबवाली (सिरसा) [डीडी गोयल] वर्ष 1972 में देवीलाल कांग्रेस को अलविदा कहकर तोशाम से बंसीलाल तथा आमदपुर से भजनलाल के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़े थे। दोनों सीटों पर उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। निराश देवीलाल घर बैठ गए थे। बंसीलाल ने सियासत की चाल चलते हुए भजनलाल पर तंज कसा कि दम है तो चौटाला गांव में कांग्रेस का झंडा लगाकर दिखा। कूटनीति में माहिर भजनलाल ने देवीलाल के चचेरे भाई ओमप्रकाश हिटलर के घर झंडा गाड़ दिया। फिर क्या था राजनीति ने देवीलाल-हिटलर परिवार में मधुर रिश्तों में कड़वाहट घुल गई। वर्ष 1977 में जनता दल के समय दोनों परिवार करीब आए। चुनाव बीतने के साथ ही दोनों परिवारों की राहें फिर जुदा हो गई।
वर्ष 1982 में हरियाणा की 90 सदस्यों वाली विधानसभा के चुनाव हुए थे। कांग्रेस तथा लोकदल ने सरकार बनाने की दावेदारी प्रस्तुत की थी। बताया जाता है कि देवीलाल ने लोकदल के विधायकों को तेजाखेड़ा फार्म हाऊस में रखा था। देवीलाल के चक्रव्यूह से विधायकों को निकालने के लिए भजनलाल ने ओमप्रकाश हिटलर का सहारा लिया था। हिटलर के बड़े बेटे संजय हिटलर दो विधायक लाल सिंह, बृजमोहन सिंह को निकालकर भजनलाल के पास ले गए थे। हिटलर की मदद से भजनलाल सरकार बनाने में कामयाब हुए थे। तपासे प्रकरण के साथ-साथ यह किस्सा आज भी हरियाणा की सियासत का अभिन्न अंग बना हुआ है।
ओमप्रकाश से हिटलर बनने का सफर
चौटाला गांव में तीन ओमप्रकाश थे। ओमप्रकाश वकील, ओमप्रकाश हिटलर तथा ओमप्रकाश देवीलाल। दबंग होने की वजह से ओमप्रकाश के पिता मनी राम को हिटलर कहा जाता था। विरासत में ओमप्रकाश को हिटलर नाम मिला। देवीलाल का सगा होने के बावजूद ओमप्रकाश हिटलर ने भजन लाल से नाता जोड़ा था। कांग्रेस से जुड़े रहने का कारण पंजाब के वरिष्ठ कांग्रेस नेता बलराम जाखड़ को बताया जाता है।
----संजय हिटलर (ओमप्रकाश हिटलर के बेटे) ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल के साथ मेरे पिता ओमप्रकाश हिटलर के बहुत गहरे संबंध थे। इसलिए हमनें 1972 में कांग्रेस का झंडा लगाया था। 1982 में भजनलाल को बहुमत साबित करने के लिए विधायकों की जरुरत थी। इधर देवीलाल ने विधायकों को फार्म हाऊस में रखा हुआ था। मेरे पिता ने कुछ विधायकों को भजनलाल के पास भेजा था। दो विधायकों को मैं खुद छोड़कर आया था।