पीएम स्वनिधि योजना में बैंक कर रहे लापरवाही
उपायुक्त ने कहा कि सभी बैंक पीएम स्वनिधि योजना के तहत स्ट्रीट वेंडर्स के ऋण आवेदनों की प्रक्रिया को तेज करते हुए आवेदकों को प्राथमिकता के आधार पर ऋण मुहैया करवाएं। उपायुक्त ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत योजना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की बहुत महत्वाकांक्षी योजना है जिसके तहत स्ट्रीट वेंडर्स को नाममात्र ब्याज दरों पर 10 हजार रुपए का ऋण उपलब्ध करवाया जाता है।
जागरण संवाददाता, हिसार : पीएम स्वनिधि योजना में अभी भी बैंक लापरवाही भरा रवैया अपना रहे हैं। डीसी डा. प्रियंका सोनी ने आशा के अनुरूप काम न करने वाले बैंकों को चेतावनी देकर कार्यप्रणाली में सुधार करने को कहा।
मंगलवार को वह समीक्षा बैठक में उन्होंने कहा कि जो बैंक निर्देशों की अनुपालना नहीं करेगा और आवेदकों को ऋण जारी करने में कोताही बरतेगा, उनके खिलाफ प्रदेश व केंद्र सरकार को लिखा जाएगा। उन्होंने बैठक से अनुपस्थित बैंकों को स्पष्टीकरण जारी करने के निर्देश जारी करते हुए इनके प्रतिनिधियों को बुधवार को अपने कार्यालय में तलब किया है। बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त अनीश यादव, एसीयूटी अंकिता चौधरी, एसडीएम राजेंद्र सिंह, विकास यादव, बेलिना व राजेश कुमार, सीटीएम अश्वीर सिंह सहित अन्य अधिकारी व बैंक प्रतिनिधि मौजूद रहे।
प्राथमिकता के आधार पर भी ऋण कराएं मुहैया
उपायुक्त ने कहा कि सभी बैंक पीएम स्वनिधि योजना के तहत स्ट्रीट वेंडर्स के ऋण आवेदनों की प्रक्रिया को तेज करते हुए आवेदकों को प्राथमिकता के आधार पर ऋण मुहैया करवाएं। उपायुक्त ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत योजना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की बहुत महत्वाकांक्षी योजना है जिसके तहत स्ट्रीट वेंडर्स को नाममात्र ब्याज दरों पर 10 हजार रुपए का ऋण उपलब्ध करवाया जाता है। उन्होंने कहा कि बैंकों के पास इस योजना के जितने आवेदन आए हैं उनकी प्रकिया को जल्द पूरा करके अभ्यर्थियों को तुरंत ऋण जारी करें।
सिबिल स्कोर या दस्तावेजों के नाम पर न करें परेशान
सभी बैंक केवल लोन स्वीकृत करने पर नहीं बल्कि लोन राशि लाभार्थी के खातों में जारी करवाने को प्राथमिकता दें। उन्होंने कहा कि बैंक पेंडिग आवेदनों को कल तक निपटाते हुए ऋण राशि खातों में भिजवाएं। उन्होंने कहा कि जिन बैंकों के अधिकारियों को प्रशिक्षण की आवश्यकता है उन्हें एसडीएम एलडीएम के साथ समन्वय करते हुए प्रशिक्षण उपलब्ध करवाएं। उन्होंने बैंकों को निर्देश दिए कि वह दस्तावेजों के नाम पर आवेदकों को परेशान न करें और सिबिल स्कोर के आधार पर आवेदनों को रद्द न करें।