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बैंक का काम है तो आज ही निपटाएं, अब सीधे बुधवार को खुलेंगे बैंक

सभी सरकारी बैंक कर्मचारी दो दिनों तक हड़ताल में शामिल होंगे। सोमवार को खैराती खेड़ा रोड बने एसबीआई बैंक के बाहर धरना देंगे। इसी तरह रतिया व टोहाना उपमंडल में भी कर्मचारी धरना देकर प्रदर्शन करेंगे। एटीएम पर भी असर पड़ेगा।

By Umesh KdhyaniEdited By: Published: Sat, 13 Mar 2021 03:39 PM (IST)Updated: Sat, 13 Mar 2021 03:39 PM (IST)
बैंक का काम है तो आज ही निपटाएं, अब सीधे बुधवार को खुलेंगे बैंक
बैंक कर्मियों की हड़ताल के दौरान एटीएम भी सुचारू रूप से नहीं चलने से परेशानी बढ़ने वाली है।

हिसार/ फतेहाबाद, जेएनएन। बैंक कर्मचारी सरकार के निजीकरण के खिलाफ सोमवार व मंगलवार को दो दिवसीय हड़ताल पर रहेंगे। इससे बैंकिंग सिस्टम पर प्रभाव पड़ेगा। वहीं एटीएम भी सुचारू रूप से नहीं चलने से परेशानी बढ़ने वाली है। बैंक कर्मियों ने अपनी हड़ताल को कामयाब करने के लिए पिछले कई दिनों से अभियान चलाया हुआ है।

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बैंक कर्मचारियों का कहना है कि सरकार बैंक का निजीकरण अपने चंद पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए कर रही है। सरकार के निजीकरण का असर आमजन पड़ेगा। इसके लिए वे विरोध कर रहे हैं। वहीं बैंक की दो दिन की हड़ताल से आमजन जीवन पर व्यापक असर पड़ेगा। बैंक कर्मचारी यूनियन के अधिकारियों का कहना है क उनकी हड़ताल जायज है। वे सोमवार व मंगलवार को हड़ताल पर रहेंगे। बुधवार को ही बैंक में फिर से सही से कामकाज शुरू होंगे।

बैंक कर्मचारी देंगे धरना, सभी यूनियन शामिल

सभी सरकारी बैंक कर्मचारी दो दिनों तक हड़ताल में शामिल होंगे। सोमवार को खैराती खेड़ा रोड बने एसबीआई बैंक के बाहर धरना देंगे। इसी तरह रतिया व टोहाना उपमंडल में भी कर्मचारी धरना देकर प्रदर्शन करेंगे। कर्मचारी नेता जगदीश मोंगा का कहना है कि सरकार बैंक ऑफ महाराष्ट्रा, बैंक ऑफ इंडिया व सैंट्रल बैंक को सरकार निजी हाथों में सौंप रही है। इसका विरोध कर रहे हैं। इसकी वजह है कि इन बैंकों में आमजन के करोड़ बैंक खाते है। वहीं निजीकरण करने से 1 लाख 22 हजार कर्मचारियों के रोजगार खत्म हो जाएगा। इसका स्टेट बैंक ऑफ इंडिया स्टाफ एसोसिएशन कड़ा विरोध कर रही है। सरकार की गलत कार्य प्रणाली के खिलाफ आगामी 15 व 16 मार्च को समस्त बैंक यूनियनें द्वारा राष्ट्रव्यापी हड़ताल में शामिल होंगे।

निजीकरण होने के बाद नहीं मिलेगा केसीसी व अन्य लाभ

यूनियन के पदाधिकारी नरेंद्र लांबा, सतपाल बिश्नोई व जगदीश मोंगा ने बताया कि बैंक का निजीकरण होने से आमजन भी प्रभावित होंगे। जिन्होंने अब सरकारी बैंकों से किसान क्रेडिट कार्ड यानी केसीसी बनाया हुआ है। उनको 3 लाख रुपये तक सस्ता ऋण मिलता है। निजीकरण होने के बाद उन्हीं किसानों को 12 फीसद की दर से केसीसी बनेगा। केसीसी का सालाना चार्ज भी लिया जाएगा। जो ब्याज से अतिरिक्त रहेगा। अब जो निजी बैंक है वे किसानों को 12 से लेकर 15 फीसद तक ऋण दे रहे है। ऐसे में उनके समर्थन में किसान व आमजन भी साथ दे। वहीं जिनकी बैंक में एफडी व लॉकर बने हुए है। उनको भी सरकार के निजीकरण का सीधा असर पड़ेगा।

एटीएम में नहीं रखे जाएंगे रुपये

बैंक के दो दिन के अवकाश व दो दिन की हड़ताल के चलते एटीएम भी खाली हो जाएंगे। पुलिस प्रशासन के दिशा निर्देशानुसार अब एटीएम में रुपये संख्या में रखे जा रहे हैं। ऐसे में चार दिन तक एटीएम कैशलस हो जाएंगे। बैंक बंद व एटीएम में रुपये न होने से मार्केट पर इसका असर पड़ेगा। जिले में 135 एटीएम हैं। जो जिले के 7 शहरों व 258 गांवों में हैं।

निजी बैंक व एटीएम रहेंगे खुले

वहीं निजी क्षेत्र के बैंक व एटीएम खुले रहेंगे। जिले में करीब 38 निजी बैंक व उनकी शाखाएं हैं। उनमें पहले की तरह कामकाज होता रहेगा। लेकिन सार्वजनिक क्षेत्र के 147 बैंक बंद रहेंगे। निजी क्षेत्र बैंक अधिकांश शहरों में हैं। ऐसे में ग्रामीण क्षेत्र में परेशानी आएगी। निजी बैंक प्रबंधकों का कहना है कि उनकी तरफ से कर्मचारी हड़ताल में शामिल नहीं होंगे। पहले की तरह एटीएम व बैंक कार्य करेंगे। 

एटीएम व ऑनलाइन बैकिंग सुविधा चालू रहेगी : एलडीएम

एलडीएम उमाकांत चौधरी ने बताया कि बैंक के कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं। इस दौरान ऑनलाइन बैकिंग सुविधा चालू रहेगी। एटीएम में कैश की परेशानी नहीं आने दी जाएगी। अब अनेक एटीएम ऐसे है जिनमें रुपये जमा करवाए जा सकतो है। ऐसे में उनमें रुपये हरदम रहते हैं। उनमें रुपये जमा करवाने वाले अधिक होते हैं। ऐसे में एटीएम कैशलस नहीं होंगे।

आंकड़ों पर डालें नजर

जिले में बैंक : 185

जिले में निजी बैंक : 38

जिले में एटीएम : 135

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