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कुश्ती में चोटिल हो 7 साल खेल नहीं पाया, कबड्डी में दम आजमा यूरोप में छाया बहादुरगढ़ का छोरा

शानदार प्रदर्शन के बूते बेस्ट रेडर बने जसवीर ने अपनी टीम (ऑस्ट्रिया) को खिताब दिलाया।

By JagranEdited By: Published: Wed, 12 Sep 2018 04:43 PM (IST)Updated: Thu, 13 Sep 2018 05:05 PM (IST)
कुश्ती में चोटिल हो 7 साल खेल नहीं पाया, कबड्डी में दम आजमा यूरोप में छाया बहादुरगढ़ का छोरा
कुश्ती में चोटिल हो 7 साल खेल नहीं पाया, कबड्डी में दम आजमा यूरोप में छाया बहादुरगढ़ का छोरा

जेएनएन, बहादुरगढ़ : यूरोप में संपन्न हुए कबड्डी टूर्नामेंट में गाव सिद्दीपुर का जसवीर वत्स उर्फ जस्सू पंडित छाया रहा। शानदार प्रदर्शन के बूते बेस्ट रेडर बने जसवीर ने अपनी टीम (ऑस्ट्रिया) को खिताब दिलाया। जीतकर स्वदेश लौटे जसवीर का दिल्ली स्थित हनुमान अखाड़े में जोरदार अभिनंदन किया गया।

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पंजाब स्पो‌र्ट्स क्लब हालैंड की ओर से गत 12 अगस्त से 30 अगस्त तक ओपन यूरोपियन कबड्डी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस टूर्नामेंट में बहादुरगढ़ के 14 कबड्डी खिलाड़ियों ने भी भाग लिया। बहादुरगढ़ के गाव सिद्दीपुर का निवासी जस्सू पंडित भी इन खिलाड़ियों में शामिल रहा। पहले चरण में हालैंड में हुई यूरोप कबड्डी लीग हालैंड मेला में अपना जस्सू पूरी तरह से छाया रहा। जस्सू पंडित ने 14 रेड में से 13 प्वाइट लिए, जिसके बूते उसकी टीम आस्ट्रिया ने खिताब अपने नाम किया। बेहतर प्रदर्शन के बूते जस्सू को बेस्ट रेडर चुना गया। इसी टूर्नामेंट के दूसरे चरण के मुकाबले फ्र ास में हुए। इस यूरोपियन म्यूनिख कप में जस्सू हालैंड की ओर से खेला। हालैंड की टीम फाइनल में जर्मनी से हारकर उपविजेता रही। इस टूर्नामेंट में जस्सू संयुक्त रूप से बेस्ट रेडर चुना गया। यूरोप से जीतकर लौटे जसवीर उर्फ जस्सू पंडित का सोमवार को दिल्ली स्थित हनुमान अखाड़े में अभिनंदन किया गया। द्रोणाचार्य अवार्डी कोच महासिंह, कोच राज सिंह, अर्जुन अवार्डी सुरजीत मान, भारत केसरी राजीव तोमर, अनिल मोर और दिलबाग पहलवान आदि ने जस्सू को जीत की बधाई दी और उसके उच्च्वल भविष्य की कामना की। जस्सू ने अपनी जीत का श्रेय कोच रामबीर व परिजनों को दिया।

गौरतलब है कि कबड्डी से पहले जस्सू नामी पहलवान रहा है। बाल केसरी, बाल कुमार और भारत केसरी खिताब के अलावा कई पदक जीत चुका है। पाव में चोट लगने के कारण करीब सात साल पहले जस्सू ने पहलवानी छोड़ दी। इसके बाद चोट ठीक हुई तो जस्सू ने कबड्डी में जोर आजमाया। अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी धाक जमा रहा है। इसके अलावा वह गाव में नई प्रतिभाओ को पहलवानी और कबड्डी के गुर सिखा रहा है।


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