प्रदेश की जीडीपी ग्रोथ में 9 फीसद की औसत वार्षिक वृद्धि
जागरण संवाददाता हिसार हरियाणा प्रदेश की जीडीपी ग्रोथ में 9 फीसद की औसत वार्षिक वृद्धि हु
जागरण संवाददाता, हिसार : हरियाणा प्रदेश की जीडीपी ग्रोथ में 9 फीसद की औसत वार्षिक वृद्धि हुई है। जो कि पूरे देश की औसतन 7 फीसद जीडीपी से ज्यादा है। जीडीपी ग्रोथ की दृष्टि से हरियाणा भारत का अग्रणीय प्रदेश है। जिसकी प्रति व्यक्ति आय 2 लाख 83 हजार रुपये है। प्रदेश के बजट में शिक्षा-स्वास्थ्य, कृषि पर भी फोकस किया गया, हालांकि बेरोजगारी, महिला सुरक्षा, स्वालंबन की कमियां भी बजट में दिख रही हैं। यह बातें सामने आई गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय के चौधरी रणबीर सिंह सभागार में दैनिक जागरण की ओर से आयोजित हरियाणा बजट-2020 पर आयोजित बजट मंथन कार्यक्रम में। विश्वविद्यालय के हरियाणा स्कूल ऑफ बिजनेस से प्रो. कर्मपाल नरवाल, इकनॉमिक्स विभाग के अध्यक्ष प्रो. एनके बिश्नोई, उद्यमी डा. अजय बत्रा, सीए रामनिवास अग्रवाल और आदिश जैन, डा. दीपा मंगला व दलबीर सिंह ने बजट को लेकर मंथन किया। इस दौरान हरियाणा स्कूल ऑफ बिजनेस के विद्यार्थी भी उपस्थित रहे। अंत में विशेषज्ञों को ट्राफी देकर सम्मानित किया गया।
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बजट पर नियमित रुप से हो चर्चा
प्रो. कर्मपाल ने बताया कि बजट पर चर्चा नियमित रुप से होनी चाहिए। हरियाणा की जनसंख्या देश की जनसंख्या के 2 फीसद के करीब है जबकि क्षेत्रफल 1.2 फीसद है। पिछले पांच वर्षो में हरियाणा की जीडीपी ग्रोथ में 9 फीसद की औसत वार्षिक वृद्धि हुई है। जो पूरे देश की औसतन 7 फीसद जीडीपी से ज्यादा ग्रोथ की है। राजकोषीय घाटे की दृष्टि से हरियाणा प्रदेश का बजट मूल सिद्धांतों पर खरा उतरता है। क्योंकि राजकोषीय घाटा 3 फीसद से नीचे प्रस्तावित है। वहीं प्रारंभिक घाटा एक फीसद से भी नीचे है। जो पब्लिक फाइनेंस पॉलिसी के नियमों के अनुरुप है।
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मैन्यूफैक्चरिग पर बजट में नहीं हुआ काम
डा. अजय बत्रा ने कहा कि प्रदेश के बजट में शिक्षा और स्वास्थ्य पर फोकस किया गया है। कुल बजट का 15 फीसद दिया गया है। लेकिन मिड-डे मील की सुविधा देने के साथ क्वालिटी पर ध्यान देना अधिक जरुरी है। प्रदेश में तीन नए मेडिकल कालेज खोलने की घोषणा से शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा। 21 हजार किलोमीटर रोड बनाने का प्रावधान है। लेकिन बजट में मैन्यूफैक्चरिग, बेरोजगारी पर अधिक काम नहीं हुआ है। वहीं एयरपोर्ट के लिए इंडस्ट्रीज को बढ़ावा देना चाहिए, एयरपोर्ट व इंडस्ट्री एक दूसरे को आगे बढ़ाने में मदद करेंगे।
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बजट का उद्देश्य तभी पूरा होगा, जब किसान की आय दोगूनी होगी
डा. विनोद बिश्नोई ने बताया कि कृषि बजट पर मुख्यमंत्री ने मैनेजमेंट पर काम किया है। लेकिन बजट का उद्धेश्य तभी पूरा होगा, जब किसानों की आय बढ़े। किसानों की सुविधा के लिए मेरी फसल मेरा ब्यौरा नाम से ई-पोर्टल बनाया गया है। जिससे किसान कितने एकड़ में कितनी फसल बोई गई है और आदि बातों की जानकारी ले पाएंगे। वहीं 54 मंडियों को भी ऑनलाइन जोड़ा गया है। लेकिन अभी तक 40 फीसद किसान ही इससे जुड़े है।
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बजट में विकास के लिए हुआ काम
आदिश जैन ने कहा कि बजट में प्रदेश के विकास के लिए काम हुआ है। हरियाणा की जीडीपी को मेंटेन किया है। वहीं अनाज मंडियों के गोदामों में सीसीटीवी कैमरा, 3 से 5 वर्ष तक के बच्चों के लिए प्ले स्कूल खोलने, बाल संरक्षण अधिकारी नियम के तहत 9 से 12वीं तक के विद्यार्थियों से फीस न लेने जैसी सुविधाएं बजट में दी गई हैं।
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लघू उद्योगों पर नहीं हुआ काम
प्रो. एनके बिश्नोई ने कहा कि हरियाणा की इकनॉमी बहुत अच्छी है। जीडीपी ग्रोथ रेट भी बढ़ा है। प्रति व्यक्ति आय में भी हरियाणा देश के अग्रणी राज्यों में शामिल है। बजट में शिक्षा और स्वास्थ्य पर फोकस रहा है। शिक्षा व स्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है, हालांकि पूंजीगत व्यय में गिरावट के संकेत व लघु उद्योगों की अपेक्षाओं को बजट संतुष्ट नहीं कर पाया है। कुल मिलाकर एक साहसिक बजट है।
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बजट में स्वालंबन जरुरी
सीए रामनिवास अग्रवाल ने कहा कि बजट में स्वालंबन जरुरी है। लेकिन स्वावलंबन का क्षेत्र काफी विस्तृत है। गुरुग्राम में 2.5 लाख लोग काम करते है लेकिन इसके लिए योग्यता होना जरुरी है। बजट मंथन में मनरेगा पर भी सवाल उठे, जिसके कारण लेबर समस्या होने की बात सामने आई। वहीं क्राइम कंट्रोल के सवाल पर विशेषज्ञों ने कहा कि पुलिस को साधन उपलब्ध करवाने की घोषणा की है। लेकिन समाज को अपनी मानसिकता में भी बदलाव लाना होगा, क्योंकि पुलिस हर जगह नहीं हो सकती।
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पैनल डिस्कशन में विद्यार्थियों ने पूछे सवाल
पैनल डिस्कशन में विद्यार्थियों ने उपरोक्त एक्सपर्ट से बजट को लेकर सवाल भी पूछे, हरियाणा स्कूल ऑफ बिजनेस से अमीषा, प्रगति, पारखी और वरुण ने बजट में स्वावलंबन, महिलाओं की सुरक्षा, बेरोजगारी, बढ़ते क्राइम कंट्रोल को लेकर सवाल पूछे। बेरोजगारी पर एक्सपर्ट ने बताया कि बजट में 75 हजार नई नौकरी का प्रावधान है, लेकिन इसके लिए युवाओं को अपने अंदर स्किल भी विकसित करनी होगी, क्योंकि नौकरी तो बहुत है, लेकिन देश में स्किल्ड युवा नहीं है।