आशा वर्करों की हड़ताल जारी, गर्भ में तीसरे बच्चे ने भी तोड़ा दम
संवाद सहयोगी, हिसार : नागरिक अस्पताल में आशा वर्कर मांगों को लेकर सातवें दिन भी हड़ताल पर रहीं। इसके
संवाद सहयोगी, हिसार : नागरिक अस्पताल में आशा वर्कर मांगों को लेकर सातवें दिन भी हड़ताल पर रहीं। इसके कारण ग्रामीण क्षेत्रों में टीकाकरण से लेकर अन्य स्वास्थ्य सेवाएं भी प्रभावित हुई। वहीं, वीरवार को एक और बच्चे की गर्भ में मौत हो गई। जिले में अब तक यह तीसरा मामला है, जिसमें शिशु ने दम तोड़ा है। कारण यह है कि सही निर्देशन न मिलने से डिलीवरी में चूक होती है, जिससे गर्भ में ही बच्चे की मौत हो जाती है। इसके अलावा जिले में हड़ताल के दौरान अब तक कुल नौ होम डिलीवरी हो चुकी हैं। आशा वर्करों द्वारा हड़ताल पर जाने से अस्पताल में टीकाकरण से लेकर अन्य सर्वे न होने से विभाग के लिए सिरदर्द बनता जा रहा है। रोषित आशा वर्करों का कहना है कि जब घर पर गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी होती थी तो स्वास्थ्य विभाग की ओर से आशा वर्करों से स्पष्टीकरण मांगा जाता था। अब हर रोज घर पर डिलीवरी हो रही हैं, इसका जिम्मेवार कौन है।
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टीकाकरण के अलावा अब पल्स पोलिया अभियान पर भी लटकी तलवार
आशा वर्करों की लगातार हड़ताल के चलते ग्रामीण स्तर पर टिकाकरण तो प्रभावित हो रहा है, अब तीन दिन तक चलने वाला पोलिया अभियान भी प्रभावित होने के आसार लग रहे है। आशा वर्कर यूनियन की उप प्रधान रंजू देवी ने बताया कि जिले में ग्रामीण स्तर पर आशा वर्करों ने घर घर जाकर पांच साल तक के बच्चों का रिकार्ड बनाया है। आशा वर्करों को पता है कि किस घर में छोटे बच्चे है और कितनी डोज बच्चों को पिलानी है। उनका कहना है कि आशा वर्करों की हड़ताल के चलते पोलिया अभियान भी प्रभावित होगा। वीरवार दोपहर धरने को सीटू जिला सचिव एवं पूर्व जिला पार्षद कामरेड सुरेश कुमार ने कहा कि हमें आन्दोलन करने का शौक नहीं है बल्कि सरकार ने हमें इस हालात में लाकर खड़ा कर दिया है कि आन्दोलन कर रहे हैं। उनका कहना है कि जब तक आशा वर्करों की मांगे पूरी नहीं होती वे अपना आंदोलन जारी रखेगी।