बहादुरगढ़ के उद्यमियों का ऐलान, फैक्ट्रियाें को बंद करके लाखों वर्करों के साथ उतरेंगे सड़क पर, ये मांग
ग्रेप की एक अक्टूबर से लागू हुई पाबंदियों के खिलाफ बहादुरगढ़ के उद्यमी भी एकजुट हो गए हैं। इस विषय को लेकर बहादुरगढ़ चैंबर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री (बीसीसीआई) और फुटवियर पार्क एसोसिएशन के बैनर तले फुटवियर पार्क में उद्यमियों ने बैठक की।
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़: ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान(ग्रेप) की एक अक्टूबर से लागू हुई पाबंदियों के खिलाफ बहादुरगढ़ के उद्यमी भी एकजुट हो गए हैं। इस विषय को लेकर बहादुरगढ़ चैंबर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री (बीसीसीआई) और फुटवियर पार्क एसोसिएशन के बैनर तले फुटवियर पार्क में उद्यमियों ने बैठक की। बैठक के दौरान ही पत्रकारों से बातचीत में उद्यमियों ने सरकार पर उनके हक की लड़ाई न लड़ने का आरोप लगाया। उद्यमियों ने कहा कि यहां के औद्योगिक क्षेत्रों में पीएनजी के कनेक्शन नहीं मिल रहे हैं।
ऐसे में प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग(सीएक्यूएम) की ओर से एक अक्टूबर से ग्रेप लागू कर जो पाबंदियां लागू की हैं, उनका पालन करना मुश्किल है। इन पाबंदियों में जनरेटर पर रोक भी शामिल है। बिजली पर्याप्त है नहीं और जनरेटर चलाना बंद हो जाएगा तो वे कैसे अपनी फैक्ट्रियों में उत्पादन करेंगे। उद्यमियों ने साफ तौर पर चेतावनी दी कि अगर एक सप्ताह के अंदर ग्रेप की पाबंदियों से राहत नहीं मिली तो वे अपनी फैक्ट्रियों को बंद कर देंगे।
करीब पांच लाख वर्करों के साथ सड़क पर उतरकर के सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे। उद्यमी बोले कि दो साल तक कोरोना में और एक साल किसान आंदोलन में उन्हें करोड़ों का नुकसान हुआ। अब वे और नुकसान सहने की स्थिति में नहीं हैं। सरकार उन्हें राहत देने का काम शीघ्र करे ताकि उद्योगों को बचाया जा सके।
फुटवियर पार्क एसोसिएशन व बीसीसीआइ के महासचिव सुभाष जग्गा ने बताया कि फैक्ट्रियों को बिजली की सप्लाई भी पर्याप्त नहीं मिल रही है। कई घंटे तक कट लगता है। हमारे यहां काफी संख्या में फैक्ट्रियां ऐसी हैं, जिसमें 24 घंटे का प्रोसेस होता है। अगर बिजली सप्लाई कटने पर जनरेटर नहीं चलाया तो लाखों का नुकसान उठाना पड़ता है। हमने बिजली मंत्री रणजीत चौटाला से भी बातचीत की थी। इस विषय में वे दोबारा 15 अक्टूबर को बहादुरगढ़ आ रहे हैं और बिजली की सप्लाई सुचारू करने को लेकर बातचीत होगी।
उन्होंने बताया कि अब ग्रेप के नियमों के मुताबिक गैस वाला जनरेटर ही चल सकेगा। ऐसे में पुराने जनरेटरों को गैस में कन्वर्ट करने वाला उपकरण उन्हें बाजार में ही नहीं मिल रहा है। नए जनरेटर काफी महंगे आ रहे हैं। ऐसे में उद्यमियों के सामने एक तरफ कुआं तो एक तरफ खाई वाली स्थिति है। अगर वे फैक्ट्रियों को बंद करते हैं तो भी नुकसान होता है और चलाते हैं तो भी कार्रवाई होने का डर सता रहा है। बहादुरगढ़ के कई एरिया में पीएनजी के गैस कनेक्शन नहीं मिल रहे हैं।
फुटवियर फैक्ट्रियों के सामने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने एनओसी की शर्त भी लगा दी है। जग्गा ने सभी उद्यमियों से एनओसी का आवेदन करने की अपील की ताकि उन्हें बोर्ड की कार्रवाई का सामना न करना पड़े। बीसीसीआई के वरिष्ठ उपप्रधान नरेंद्र छिकारा ने सरकार से मांग की है कि एयर क्वालिटी इंडेक्स के 300 माइक्रोग्राम तक पहुंचने तक और जब तक पीएनजी गैस के कनेक्शन नहीं मिलते जब तक उन्हें राहत दी जाए।
अगर यह राहत एक सप्ताह में नहीं मिलती है तो वे फैक्ट्रियां बंद कर देंगे और पांच लाख वर्करों के साथ सड़क पर उतरकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे। इस मौके पर विकास आनंद सोनी, नरेंद्र छिकारा, नवीन मल्होत्रा, पवन जैन, अनिल कुमार आदि मौजूद थे।