चार सबसे ऊंची चोटियों को फतह करने वाली अनीता बोली- भूकंप से मैंने पहाड़ों को हिलते देखा है
वसंत महोत्सव में पहुंची अनीता कुंडू ने खासबीत में साझा किए अनुभव। पिता की हुई मौत, जमीन बेच शुरू किया दुनिया की सबसे ऊंची चार चोटियों फतह का सफर, अब तीन चोटियों पर जाने का लक्ष्य
रोहतक, रीतू लाम्बा। दुनिया की चार सबसे ऊंची चोटी फतह करने वाली अनीता कुंडू ने बताया कि मैं आज भी उस दिन को नहीं भूलती, जब नेपाल में भूंकप आया था। उस वक्त मैंने पहली बार पहाड़ों को भी हिलते हुए देखा देखा था। उस समय ऐसा लगा कि आज आखिरी दिन है, लेकिन मैंने हार नहीं मानी और बच निकली। उस वक्त नेपाल के डॉक्टर की टीम ने 24 घंटे लगातार अपनी निगरानी में रखा और वह मेरे जुनून को देखकर बोल रहे थे कि यह पागल हो गई। 24 घंटे बाद उन्हें कहा कि वह ठीक है। बता दें कि महिला पर्वतारोही अनीता कुंडू को पहली भारतीय महिला के रूप में दोनों तरफ(नेपाल और चीन) से माउंट एवरेस्ट फतह करने का गौरव हासिल है। वह बाबा मस्तनाथ विश्वविद्यालय में आयोजित संत महोत्सव में बतौर अतिथि पहुंची थी। इस दौरान उन्होंने जागरण संवाददाता से अपनी जिंदगी के कई अनछुए पहलुओं पर चर्चा की।
बहरा मेंढक बनकर लक्ष्य की ओर बढ़ती रही
अनीता ने बताया कि 13 साल की उम्र में पिता का साया सिर से उठ चुका था। वह वक्त मेरे लिए बहुत ही कठिन था। इसके कुछ ही महीनों बाद मेरी शादी करने का निर्णय ले लिया गया था, मगर मैंने हार नहीं मानी और शादी से इन्कार कर दिया। मुझे अपने सपने को पूरा करना था और अपने तीन छोटे भाई बहनों को एक बेहतर भविष्य देना था। उस वक्त मां ने मेरा साथ दिया। लोगों ने बाहर आते-जाते बहुत ही ताने मारे, लेकिन मैं बहरा मेंढक बनकर लक्ष्य की ओर बढ़ती रही। आज वही लोग मुझ पर फख्र करते हैं।
20 से अधिक बार उतर चुके हैं पैर के नाखून
अनीता ने बताया कि वह करीब एक माह अंटार्कटिका महाद्वीप पर रहने के बाद 24 जनवरी को वापस आई। उन्होंने बताया कि अंटार्कटिका में छह महीने दिन और छह महीने रात होती है। वहां पर ऑक्सीजन की कमी है और ग्लेशियर मूव करता रहता है। उन्होंने बताया कि पर्वतारोहण सबसे मुश्किल कार्य है। पर्वतारोहण के दौरान उनके पैरों के नाखून 20 से अधिक बार उतर चुके हैं। जब चोटी से नीचे उतर कर आते हैं तो पैरों की त्वचा तक बिल्कुल गल जाती है और पैर छालों से भर जाते हैं। वहीं अलग-अलग देशों में जाने के बाद भाषा की परेशानी आती है। वह हाव-भाव से अपनी बातों को समझाती हैं।
सेवन समिट पर फतह करने का सपना
अनीता ने दुनिया की सात ऊंची चोटियों(सेवन समिट) पर तिरंगा फहराने का लक्ष्य रखा हुआ है। अभी तक एवरेस्ट के अलावा, किलिमंजारो, एल्ब्रुस, विन्सन समेत चार चोटियों पर फतह हासिल कर चुकी हैं। उन्होंने बताया कि वह लड़कियों को सरकारी स्कूलों में जाकर मोटिवेट करती हैं। साथ ही उसका सपना माउंट ट्रेनिंग कैंप खोलने का है, जहां वह लड़कियों को फ्री में ट्रेङ्क्षनग दिया करेंगी। अनीता अभी करनाल में सब इंस्पेक्टर के पद पर कार्यरत हैं। वह शादी करने की बजाय अपना आजीवन देश को समर्पित करना चाहती हैं
पहली दफा जमीन बेचकर किया था अभियान पूरा
अनीता ने बताया कि वर्ष 2013 में उसने एवरेस्ट पर चढ़ाई की थी। उस समय सरकार की तरफ से कोई आर्थिक मदद नहीं मिली थी। मजबूरन उसे अपनी जमीन बेचकर पैसे का इंतजाम करना पड़ा था। दूसरी बार एवरेस्ट फतह के लिए उसके पास बेचने के लिए जमीन भी नहीं थी। ऐसे में उसने लोन और निजी फाइनेंसरों से 25 लाख रुपये ब्याज पर लिए और एवरेस्ट पर तिरंगा फहराया।