एक घंटा और मौसम साथ देता तो यूएसए की सबसे ऊंची चोटी पर तिरंगा फहरा देती अनीता
अपने मिशन सेवन समिट में अमेरिका की सबसे ऊंची चोटी देनाली पर बर्फीले तूफान के चलते रूकी अनीता कुंडू की राह
पासा राम धत्तरवाल, उकलाना (हिसार) अपने मिशन सेवन समिट में अमेरिका की सबसे ऊंची चोटी देनाली को फतह करने गई माउंट एवरेस्ट को दोनों ओर से फतह करने वाली भारत की पहली एवरेस्ट विजेता गांव फरीदपुर वासी अनीता कुंडू को बर्फीले तूफान के कारण अपने मिशन को बीच में छोड़कर वापस लौटना पड़ा। अगर एक घंटे के लिए मौसम साफ हो जाता तो अनीता देनाली को फतह कर लेती। लेकिन उनका भाग्य ने साथ नहीं दिया और बुलंद हौसलों के साथ अपनी टीम के सभी सदस्यों के साथ वापस लौटना पड़ा। अगले सप्ताह वो अब वापस स्वदेश वापसी करेंगी और उनका स्वास्थ्य सही बताया जा रहा है। अब उन्हें देनाली चोटी को फतह करने के लिए दोबारा से संघर्ष करना होगा।
एवरेस्ट और इंडोनेशिया की चोटी को कर चुकी हैं फतह
अनीता कुंडू ने 2013 में माउंट एवरेस्ट को नेपाल की ओर से फतह किया था। उसके बाद उन्होंने 2015 में एवरेस्ट को चीन की ओर से फतह करने के प्रयास, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली। उसके बाद उन्होंने दोबारा प्रयास किया और 2017 को एवरेस्ट को फतह करके एवरेस्ट को दोनों से फतह करने वाली प्रथम एवरेस्ट विजेता होने का रिकार्ड बनाया। उसके बाद वे सेवन समिट पर निकल गई और 2018 में इंडोनेशिया की चोटी को फतह किया था। सेवन समिट के तीसरे मिशन देनाली पर 22 जून को रवाना हुई थीं अनीता
अनीता कुंडू ने अपने सेवन समिट अभियान के तहत तीसरे मिशन देनाली को 22 जून को शुरू किया था। अगर वो इस मिशन में कामयाब हो जातीं तो देनाली फतह करने वाली हरियाणा की प्रथम पर्वतारोही बन जातीं।
खराब मौसम में चार दिन तक नहीं हो पाया संपर्क
अनीता कुंडू के मिशन देनाली के दौरान अचानक मौसम खराब हो गया था, जिस कारण उनका संपर्क टूट गया। लगातार चार दिनों तक उनके संपर्क नहीं हो पाया। जिस कारण परिजनों को उनकी ¨चता सताने लगी थी। गत दिवस परिजनों का अनीता से संपर्क हुआ तो पता लगा कि वे स्वस्थ हैं लेकिन बर्फीले तूफान में फंस गई थीं।
एक घंटा मौसम साफ हो जाता तो बना देतीं रिकॉर्ड
अनीता कुंडू जब देनाली चोटी के बिल्कुल करीब पहुंच गईं तो एक बार फिर बर्फीला तूफान शुरू हो गया। वो चोटी से कुछ दूरी पर ही थीं और चोटी तक पहुंचने के लिए केवल एक घंटे की चढ़ाई करनी बाकि थी। लेकिन बर्फीले तूफान में उन्हें अपनी जान बचाने के लिए मिशन को बीच में ही छोड़कर वापस लौटना पड़ा। उनके साथ चल रहे अन्य पर्वतारोही भी मिशन को बीच में ही छोड़कर वापस आ गए।
मौत के करीब से लौटी हूं, फैसला करना बड़ा मुश्किल था : अनीता
फेसबुक के माध्यम से हुई बातचीत में अनीता कुंडू ने बताया कि जब वो देनाली चोटी के बिल्कुल करीब पहुंच गईं तो तेज बर्फीला तूफान आ गया। उन्हें अपनी मौत बिल्कुल करीब नजर आने लगी। एक ओर देनाली की चोटी और दूसरी ओर मौत। ऐसे में उन्हें फैसला लेने में बहुत मुश्किल का सामना करना पड़ा। लेकिन अंत में टीम के सभी सदस्यों ने ¨जदा रहने के लिए वापस लौटने का फैसला लिया। देनाली फतह करने के लिए कई पर्वतारोही टीमें थीं, जोकि सभी वापस लौट आईं। वापस लौटने के बाद प्रशंसकों से ऑनलाइन की बात
अनीता सात जुलाई को रात्रि में वापस बेस कैंप पहुंची। रविवार को होटल पहुंचकर उन्होंने अपने फेसबुक अकाउंट पर आनलाइन आकर अपने प्रशंसकों से बातचीत की और कहा कि उनके हौंसले बुलंद हैं और एक दिन देनाली को जरूर फतह करेंगी।