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एवरेस्‍ट, किलिमंजारो, कारसटेंस, एल्‍ब्रुस के बाद विन्‍सन चोटी पर इस बेटी ने फहराया तिरंगा

सेवन समिट फतह लक्ष्‍य लेकर चल रही पर्वतारोही अनीता कुंडू यूरोप की 4892 मीटर ऊंची विन्सन चोटी समेत पांच चोटियों पर फतह कर रचा इतिहास। 40 से 50 डिग्री माइनस तापमान में की चढ़ाई।

By manoj kumarEdited By: Published: Sun, 13 Jan 2019 05:02 PM (IST)Updated: Mon, 14 Jan 2019 11:33 AM (IST)
एवरेस्‍ट, किलिमंजारो, कारसटेंस, एल्‍ब्रुस के बाद विन्‍सन चोटी पर इस बेटी ने फहराया तिरंगा
एवरेस्‍ट, किलिमंजारो, कारसटेंस, एल्‍ब्रुस के बाद विन्‍सन चोटी पर इस बेटी ने फहराया तिरंगा

उकलाना/ हिसार, जेएनएन। किसान की बेटी और एवरेस्ट को दोनों ओर से फतह करने वाली भारत की पहली एवरेस्ट विजेता हिसार के गांव फरीदपुर वासी अनीता कुंडू ने फिर से एक बार इतिहास रच दिया है। वह अंटार्कटिका महाद्वीप की दक्षिणी ध्रुव पर 4892 मीटर ऊंचाई पर स्थित सबसे ऊंची चोटी विन्सन को फतह किया है। 14 जनवरी की सुबह चार बजकर 20 मिनट पर यह कारनामा कर दिखाया।

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गौरतलब है कि अनिता कुंडू ने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट को नेपाल की ओर से 2013 और चीन की तरफ से 2017 में दोनों रास्तों से फतह करके भारत की प्रथम एवरेस्ट विजेता महिला होने का गौरव प्राप्त किया था। वह अपने सेवन समिट अभियान पर है यानी सातों महाद्वीपों की सात ऊंची चोटियों को फतह करने का उनका लक्ष्य है। मार्च 2018 में इंडोनेशिया की कारस्टेन्स पिरामिड शिखर, अगस्त 2018 में यूरोप की एल्‍ब्रुस, अक्टूबर 2018 में अफ्रीका की किलिमंजारो को वह फतह कर चुकी है। जून 2018 में अमेरिका की देनाली पर भी उन्होंने चढ़ाई की थी लेकिन बर्फीले तूफान की वजह से चोटी से चंद मीटर दूरी से उन्हें अपने कदम रोकने पड़े थे और वापस आई थी।

माइनस 40-50 डिग्री रोक रहा था रास्ता, नहीं मानी हार
रमेश कुंडू ने बताया कि अंटार्कटिका महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी विन्सन दक्षिणी ध्रुव पर स्थित है। यह चोटी दुनिया की सबसे ठंडी चोटियों में माना जाता है और इसका तापमान माइनस 40-50 डिग्री रहता है। जिस कारण यहां पर चढ़ाई करना जोखिम से भरा रहता है। सर्द बर्फिली हवाएं पर्वतारोही का रास्ता रोकती हैं और इतनी ठंड में अपने स्वास्थ्य को सही बनाए रखना पर्वतारोही के लिए बड़ी चुनौती होती है। मगर अनीता ने हार नहीं मानी।


किलिमंजारो चोटी को फतह करने के बाद तिरंगा फहराते हुए अनीता कुंडू

शनिवार को दूसरे कैंप में पहुंची गई थी अनीता
अनीता कुंडू ने अंटार्कटिका महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी विन्सन की चढ़ाई सात जनवरी को शुरू की थी। शनिवार को वह दूसरे कैंप में पहुंची चुकी हैं। माना जा रहा था कि अगर मौसम ठीक रहा और र्बिफला तूफान नहीं आया तो अनीता कुंडू विन्सन चोटी पर रविवार या सोमवार को तिरंगा फहरा देंगी। ऐसा ही हुआ भी और उनहोंने सोमवार को यह उपलब्धि अपने नाम कर ली।

समूह में अकेली पर्वतारोही थी अनीता कुंडू
अंटार्कटिका महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी विन्सन जो दक्षिणी धुव्र पर स्थित है, की चढ़ाई करने के लिए दस पर्वतारोहियों का एक ग्रुप गया था। जिसमें अनीता कुंडू भारत से अकेली और 9 पर्वतारोही विदेशी थे। अनीता हरियाणा पुलिस विभाग में सब इंस्‍पेक्‍टर के पद पर कार्यरत हैं मगर उन्‍होंने अपने जुनूनू को जिंदा रखते हुए पर्वतारोहण को जारी रखा हुआ है।

मिशन पर आएगा 70 लाख रुपये का खर्च
अनीता कुंडू के विन्सन मिशन पर लगभग 70 लाख रुपये का खर्च आया है। उनके इस अभियान को सिक्युरिटी एंड इंटेलिजेंस इंडिया लिमिटेड ने स्पोंसर किया हुआ है। उनके सभी अभियानों का खर्च राज्यसभा सांसद रविन्द्र किशोर सिन्हा की ये कंपनी उठाती है। सिन्हा अनीता को अपनी बेटी मानते हैं और वे अपनी बेटी की इस बहादुरी पर गर्व करते हैं। इस कंपनी और बहुभाषी न्यूज एजेंसी हिंदुस्थान समाचार का ब्रांड एंबेसडर भी बनाया हुआ है।


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