Move to Jagran APP

अनिता कुंडू ने उत्तराखंड की रूदुगैरा चोटी पर फहराया तिरंगा

हिसार की बेटी अनीता कुंडू ने अब उत्तराखंड की रूदुगैरा चोटी पर फतेह हासिल की है। वह कड़ाके की ठंड ऑक्सीजन की कमी और गाइड नहीं होने के बावजूद पीठ पर भारी भरकम बैग लेकर ऊंचे शिखर पर पहुंची।

By JagranEdited By: Published: Mon, 05 Oct 2020 08:29 AM (IST)Updated: Mon, 05 Oct 2020 08:29 AM (IST)
अनिता कुंडू ने उत्तराखंड की रूदुगैरा चोटी पर फहराया तिरंगा
अनिता कुंडू ने उत्तराखंड की रूदुगैरा चोटी पर फहराया तिरंगा

जागरण संवाददाता, हिसार : हिसार की बेटी अनीता कुंडू ने अब उत्तराखंड की रूदुगैरा चोटी पर फतेह हासिल की है। वह कड़ाके की ठंड, ऑक्सीजन की कमी और गाइड नहीं होने के बावजूद पीठ पर भारी भरकम बैग लेकर ऊंचे शिखर पर पहुंची। 3 अक्टूबर सुबह साढ़े 10 बजे उत्तराखंड की 5800 मीटर ऊंची माउंट रुदुगैरा चोटी पर पहुंचकर पताका फहराई। इस चोटी को फतेह करने के बाद अनीता कुंडू ने सोशल मीडिया पर सफर की परिस्थितियां भी साझा कीं।

loksabha election banner

राष्ट्रपति द्वारा एडवेंचर के सबसे बड़े तेनजिंग नोर्गे अवॉर्ड से सम्मानित हिसार के गांव फरीदपुर की बेटी पर्वतारोही अनीता कुंडू ने देश के दो पर्वतों की चढ़ाई करने के अपने मिशन में एक में पर फतेह हासिल कर फेसबुक पेज पर इसके बारे में लिखा है। अनीता ने लिखा कि मैंने बेशक चार अभियान माउंट एवरेस्ट के किए हों, दुनिया के सातों महाद्वीपों के शिखरों को छुआ हो, लेकिन यह अभियान एक नया ही अनुभव दे गया। सफर में मैं बिना गाइड के थी। यहां मौसम खराब है। मैं नीचे आकर अनुभव सांझा करूंगी। अब मेरा आगामी प्रयास गंगोत्री-3 को फ़तेह करने का होगा। गंगोत्री-3 की ऊंचाई 6700 मीटर है। यह टेक्निकल माउंटेन है। अनीता ने अनुसार उसका यह दूसरा अभियान 20 से 25 दिनों का रहेगा। अनिता कुंडू की उपलब्धियां

-2009 में पर्वतारोहण के बेसिक, एडवांस के साथ सभी कोर्स पास किए। सतोपंथ, कोकस्टेट आदि देश की कई चोटियों को फतेह किया।

- 2017 में फिर चीन के रास्ते से माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई की, 60 दिन के कड़े संघर्ष के बाद 21 मई 2017 को एवरेस्ट फतेह किया।

- नेपाल और चीन दोनों ही रास्तों से माउंट एवरेस्ट को फतेह करने का सौभाग्य प्राप्त किया।

-2018 में पूरी दुनिया के सातों महाद्वीपों की चढ़ाई शुरू की। इसमें एशिया की माउंट एवरेस्ट, अफ्रीका की किलिमंजारो, यूरोप की एलबुर्स, अंटार्कटिका की विनसन मासिफ, दक्षिणी अमेरिका की अकांकागुवा और ऑस्ट्रेलिया की कारस्टेन्स पिरामिड शिखर फतेह की।

- 27 सितम्बर 2019 को माउंट मनासलू फतेह किया। ये मिले हैं पुरस्कार

केंद्र सरकार ने हाल ही में अनिता को तेनजिंग नोर्गे नेशनल एडवेंचर अवॉर्ड, हरियाणा सरकार ने नारी शक्ति पुरस्कार, कल्पना चावला अवार्ड, सर्वोत्तम महिला पुलिस अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है। कई संस्थाएं, समूह, संगठन अनिता को सम्मानित कर चुके हैं। 13 साल की उम्र में हो गया था पिता का देहांत

अनिता किसान परिवार से संबंध रखती है। 13 साल की थी तो उनके पिता का देहांत हो गया था। उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और अपनी पढ़ाई और खेल जारी रखा। अनिता ने बताया कि उनकी इस कामयाबी में उनकी मां और ताऊ का बहुत बड़ा योगदान है। मां ने विपरीत परिस्थितियों में भी विश्वास किया। ताऊ ने हमेशा पढ़ने और खेलने के लिए प्रोत्साहन दिया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.