तीन बार माउंट एवरेस्ट फतह करने वाली अनीता कुंडू ने माउंट मनासलू पर फहराया तिरंगा
हिसार के गांव फरीदपुर के किसान की बेटी अनीता कुंडू ने आज सुबह 320 पर माउंट मनासलू पर तिरंगा फहरा दिया। सेवन समिट अभियान के तहत अनीता ने अब विश्व की 5वीं ऊंची चोटी पर फतह कर ली है
हिसार, जेएनएन। दंगल फिल्म में गीता और बबीता फोगाट ने साबित कर दिखाया कि बेटियां बेटों से कम नहीं होती हैं। मगर हरियाणा की एक और ऐसी बेटी है जो बार बार यह साबित कर रही है। तीन बार माउंट एवरेस्ट को फतह करने वाली हिसार के गांव फरीदपुर के किसान की बेटी अनीता कुंडू ने आज सुबह 3:20 पर माउंट मनासलू पर तिरंगा फहरा दिया है।
सेवन समिट अभियान के तहत अनीता ने अब विश्व की 5वीं ऊंची चोटी पर फतह कर ली है। अनीता कुंडू द्वारा आज सुबह माउंट मनासलू की चोटी को फतह करने पर क्षेत्र के लोगों में खुशी का माहौल छाया हुआ है। हाल में ही अनीता कुंडू ने तीसरी बार एवरेस्ट की चोटी को फतह कर वहां तिरंगा फहराया था। जिस बर्फीले तूफान ने कई पर्वतारोहियों की जिंदगी को ग्रस लिया था। अनीता ने उसी तूफान को मात दे दी। हरियाणा पुलिस में सब इंस्पेक्टर के पद पर कार्यरत अनीता कुंडू नेपाल और चीन दोनों ओर से और चार बार चोटी माउंट एवरेस्ट की चोटी फतह करने वाली पहली भारतीय महिला भी हैं।
22 हजार की फीट की ऊंचाई पर आया थी बर्फीला तूफान
तीसरी बार माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई के दौरान अनीता कुंडू अपनी टीम के पर्वतारोहियों के साथ एवरेस्ट पर लगभग 22 हजार फीट की ऊंचाई पर पहुंच चुकी थी। अचानक मौसम बदल गया और बर्फीला तूफान आ गया था। जिससे उनके कैंप में नुकसान हुआ और उनकी टीम बर्फीले तूफान में फंस गए। जिसके कारण उन्होंने फैसला किया वह वापस बेस कैंप जाएंगे। इस तूफान में उन्होंने बड़ी परेशानियों का सामना किया और जान जोखिम में डालकर वह किसी तरह से जान बचाकर बेस कैंप वापस पहुंचे थे। फिर से चढ़ाई शुरू कर उन्होंने अपना मुकाम हासिल किया था।
सेवन समिट पर अभियान पर है अनीता
एवरेस्ट को दोनों ओर फतह करने वाली देश की प्रथम महिला अनीता कुंडू ने 2013 में नेपाल के रास्ते और 2017 में चीन के रास्ते माउंट एवरेस्ट को फतेह किया था। 2015 में वह चोटी तक नहीं पहुंच पाई थी और वापस लौट आई थी। अब फिर से चढ़ाई की है। वह इंडोनेशिया की कारस्टेन्स पिरामिड शिखर, यूरोप की एलबुर्स, अफ्रीका की किलिमंजारो, अंटार्कटिका की विन्सन को फतह करने में कामयाब हो चुकी हैं। अमेरिका की माउंट देनाली पर भी अनीता ने चढ़ाई की और फतह करने ही वाली थी कि एक बर्फीले तूफान ने उनके कदमों को रोक लिया था। वो फिर इस मुकाम को हासिल करेंगी। देश की ये बहादुर बेटी आज हिंदुस्तान के हर युवा के लिए एक प्रेरणास्त्रोत है।
चार भारतीयों की हो गई थी मौत
मई 2019 में तीसरी बार माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई करते हुए नेपाल में चार भारतीयों की मौत हो गई थी। जान गंवाने वालों में सोनीपत के रवि ठाकुर भी शामिल थे। वह दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट को फतह करने के बाद नीचे उतर रहे थे। कैंप-4 में अपने टेंट में मृत पाया गया। इसी कैंप में दुनिया की पांचवीं सबसे ऊंची चोटी माउंट मकालू की सफल चढ़ाई के बाद नीचे लौट रहे भारतीय पर्वतारोही नारायण सिंह की मौत हो गई थी। माउंट कंचनजंगा (8,586 मीटर) की चढ़ाई के दौरान दो भारतीयों बिप्लब बैद्य (48) और कुंतल करार (46) की मौत हो गई थी।