बर्फीले तूफान को मात दे, अनीता कुंडू ने तीसरी बार माउंट एवरेस्ट की चोटी पर फहराया तिरंगा
नेपाल व चीन के रास्ते एवरेस्ट को फतह करने वाली अनीता पहली भारतीय महिला हैं। वे इंडोनेशिया-कारस्टेन्स पिरामिड यूरोप-एलबुर्सअफ्रीका- किलिमंजारोअंटार्कटिका-विन्सन चोटी फतह कर चुकी
हिसार, जेएनएन। बेटियां बेटों से कम नहीं, बल्कि उनसे भी आगे जा सकती हैं। इसी कथन को हिसार की अनीता बार बार साबित कर रही हैं। तीन बार माउंट एवरेस्ट को फतह कर चुकीं गांव फरीदपुर व किसान की बेटी अनीता कुंडू ने तीसरी बार एवरेस्ट की चोटी को फतह कर वहां तिरंगा फहराया है। जिस बर्फीले तूफान ने कई पर्वतारोहियों की जिंदगी को ग्रस लिया। अनीता ने उसी तूफान को मात दे दी। हरियाणा पुलिस में सब इंस्पेक्टर के पद पर कार्यरत अनीता कुंडू नेपाल और चीन दोनों ओर से और चार बार चोटी माउंट एवरेस्ट की चोटी फतह करने वाली पहली भारतीय महिला भी हैं।
इससे पहले पर्वतारोही अनिता कुंडू के कदमों को शुक्रवार को बर्फीले तूफान ने रोक दिया था। वहां अचानक आए बर्फीले तूफान ने उनका रास्ता रोक लिया और उन्हें बेस कैंप में लौटना पड़ा। अनीता कुंडू दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर 14 सदस्यों की टीम के साथ अप्रैल में चढ़ाई करने रवाना हुई थी। अनीता टीम को लीड कर रह थी।
एवरेस्ट पर बर्फीले तूफान आने और अनीता के लौटने की जानकारी उनके परिजनों को मिली तो उनकी सांसें अटक गई। जब उनकी टीम सुरक्षित वापस बेस कैंप पहुंचे तो उन्होंने चैन की सांस ली। अनीता कुंडू व उनकी टीम ने फिर एवरेस्ट की चढ़ाई शुरू की थी।
22 हजार की फीट की ऊंचाई पर आया थी बर्फीला तूफान
अनीता कुंडू अपनी टीम के पर्वतारोहियों के साथ एवरेस्ट पर लगभग 22 हजार फीट की ऊंचाई पर पहुंच चुकी थी। अचानक मौसम बदल गया और बर्फीला तूफान आ गया था। जिससे उनके कैंप में नुकसान हुआ और उनकी टीम बर्फीले तूफान में फंस गए। जिसके कारण उन्होंने फैसला किया वह वापस बेस कैंप जाएंगे। इस तूफान में उन्होंने बड़ी परेशानियों का सामना किया और जान जोखिम में डालकर वह किसी तरह से जान बचाकर बेस कैंप वापस पहुंचे थे।
सेवन समिट पर अभियान पर है अनीता
एवरेस्ट को दोनों ओर फतह करने वाली देश की प्रथम महिला अनीता कुंडू ने 2013 में नेपाल के रास्ते और 2017 में चीन के रास्ते माउंट एवरेस्ट को फतेह किया था। 2015 में वह चोटी तक नहीं पहुंच पाई थी और वापस लौट आई थी। अब फिर से चढ़ाई की है। वह इंडोनेशिया की कारस्टेन्स पिरामिड शिखर, यूरोप की एलबुर्स, अफ्रीका की किलिमंजारो, अंटार्कटिका की विन्सन को फतह करने में कामयाब हो चुकी हैं। अमेरिका की माउंट देनाली पर भी अनीता ने चढ़ाई की और फतह करने ही वाली थी कि एक बर्फीले तूफान ने उनके कदमों को रोक लिया था। वो फिर इस मुकाम को हासिल करेंगी। देश की ये बहादुर बेटी आज हिंदुस्तान के हर युवा के लिए एक प्रेरणास्त्रोत है।
चार भारतीयों की हो चुकी है मौत
नेपाल में बीते एक सप्ताह में पर्वतारोहण के दौरान चार भारतीयों की मौत हो गई। जान गंवाने वालों में सोनीपत के रवि ठाकुर भी शामिल हैं। वह दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट को फतह करने के बाद नीचे उतर रहे थे। उन्हें शुक्रवार सुबह कैंप-4 में अपने टेंट में मृत पाया गया। इसी कैंप में गुरुवार रात को दुनिया की पांचवीं सबसे ऊंची चोटी माउंट मकालू की सफल चढ़ाई के बाद नीचे लौट रहे भारतीय पर्वतारोही नारायण सिंह की मौत हो गई थी। बुधवार शाम को माउंट कंचनजंगा (8,586 मीटर) की चढ़ाई के दौरान दो भारतीयों बिप्लब बैद्य (48) और कुंतल करार (46) की मौत हो गई थी।
अनीता कुंडू की टीम में ये पर्वतारोही
एवरेस्ट फतेह करने के लिए अनीता कुंडू अपनी टीम के सदस्यों के साथ 15 अप्रैल को रवाना हुई थी। इस टीम में भारत से अनीता कुंडू, विपिन चौधरी, भारत शर्मा, ब्रिटिश से निकोलस सीमोन व कलो कुमार तिवारी, ग्रिक से अलिकी, निकोलियस, सीरिया से समेर अकद, यूएस से रंडोल्फ माइकल शामिल हैं।
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