मुर्गीपालन व पशुपालन के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं को दिया आर्थिक सशक्तीकरण का संदेश
जागरण संवाददाता हिसार चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के इंदिरा चक्रव
जागरण संवाददाता, हिसार : चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के इंदिरा चक्रवर्ती गृह विज्ञान महाविद्यालय की ओर से गांव बुड़ाक में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का आयोजन महिला सशक्तिकरण व लैंगिक भेद मिटाने के लिए कॉलेज में चल रही तीन वर्षीय परियोजना के तहत किया गया। यह परियोजना अनुसंधान निदेशक डा. एसके सहरावत के मार्गदर्शन में हुई।
महाविद्यालय की अधिष्ठाता डा. बिमला ढांडा ने बताया कि इस परियोजना का संचालन महाविद्यालय के चार विभागों द्वारा संयुक्त रूप से किया जा रहा है। परियोजना की मुख्य अन्वेषक डा. कृष्णा दूहन ने बताया कि परियोजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में लिग भेद कम करने हेतु मॉडल विकसित करने के लिए बुड़ाक गांव को चुना गया है। उन्होंने बताया कि इसी के तहत गांव बुड़ाक में ग्रामीण महिलाओं के लिए आर्थिक सशक्तिकरण को लेकर कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें पशुपालन व मुर्गीपालन को लेकर जानकारी दी गई। लाला लाजपतराय पशु चिकित्सा एवं विज्ञान विश्वविद्यालय से डा. अशोक मलिक ने ग्रामीणों को पशुपालन के माध्यम से आय बढ़ाने के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी।
उन्होंने किसान उत्पादक समूह के बारे में बताते हुए कहा कि इनके माध्यम से किसान दूध से बनी बर्फी, दही, पनीर, खोया आदि का व्यवसाय शुरू कर सकते हैं और अपनी आमदनी में इजाफा कर सकते हैं। इसके अलावा मुर्गीपालन के माध्यम से भी ग्रामीण आर्थिक रूप से सशक्त हो सकते हैं। उन्होंने ग्रामीणों को मुर्गियों की विभिन्न प्रजातियों व उनके रखरखाव की तकनीकों से अवगत कराया। पशुओं की विभिन्न बीमारियों से कराया अवगतइसी प्रकार पशु चिकित्सक डा. रविद्र ने पशुओं में होने वाली बीमारियों जैसे मुंह खुर, गल घोटू आदि की जानकारी दी और उनसे निदान के उपाय बताए। साथ ही पशुओं की नस्ल सुधार के लिए गुणवत्ता, कृत्रिम गर्भाधान के बारे में ग्रामीणों को जागरूक किया। इसके अलावा सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं जैसे पशु किसान क्रेडिट कार्ड, पशुपालन के लिए वित्तीय सहायता के बारे में भी विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई। परियोजना की मुख्य अन्वेषक डा. कृष्णा दूहन ने ग्रामीण महिलाओं से आह्वान किया कि वे आय उपार्जन के नए साधन अपनाएं ताकि वो आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनकर अपना व अपने परिवार का उत्थान कर सकें। कार्यक्रम के समापन अवसर पर डा. निगम ने सभी उपस्थितजनों का धन्यवाद किया।