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रोहतक से गुरूग्राम तबादले के बाद भी अमित पंघाल ने नहीं छोड़ा था अपने गुरू का साथ

एशियन गेम्स में देश को सोना दिलाने वाले अमित पंघाल को आज दुनिया के बेहतरीन मुक्केबाजों में गिना जा रहा है। लेकिन उनको यहां तक पहुंचाने में एक शख्स का बड़ा योगदान रहा है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 02 Sep 2018 04:34 PM (IST)Updated: Mon, 03 Sep 2018 12:44 PM (IST)
रोहतक से गुरूग्राम तबादले के बाद भी अमित पंघाल ने नहीं छोड़ा था अपने गुरू का साथ
रोहतक से गुरूग्राम तबादले के बाद भी अमित पंघाल ने नहीं छोड़ा था अपने गुरू का साथ

रतन चंदेल, रोहतक : एशियन गेम्स में देश को सोना दिलाने वाले अमित पंघाल को आज दुनिया के बेहतरीन मुक्केबाजों में गिना जा रहा है। लेकिन उनको यहां तक पहुंचाने में एक शख्स का बड़ा योगदान रहा है। ये शख्स कोई और नहीं बल्कि उनके गुरु अनिल धनखड़ हैं। गांव शिमली निवासी उनके गुरु अनिल धनखड़ से ही अमित ने शुरुआत में बा¨क्सग का गुरु मंत्र लिया था, जिसके बल पर वे आज तक मेडल जीत रहे हैं। दरअसल, अनिल धनखड़ ने यहां मायना गांव के खेतों में चौधरी छोटूराम मैमोरियल बा¨क्सग क्लब-दी हीरोज, के नाम से 2005 में बा¨क्सग अकादमी शुरू की थी। इसी छोटी सी अकादमी में अमित के बड़े भाई अजय पंघाल अभ्यास करने जाते थे। बाद में वर्ष 2007 में वे अमित को भी इसी अकादमी में अपने साथ लाने लगे। बस फिर क्या था, यहीं पर कोच धनखड़ ने अमित को पहले दिन अभ्यास करते हुए देखा और तभी अमित के अंदर के बॉक्सर को पहचान लिया। जिसके बाद उन्होंने अमित को बा¨क्सग की बारीकियां सिखानी शुरू की। वर्ष 2011 तक अमित ने खेतों में बनी इसी अकादमी में अभ्यास किया और जिला व प्रदेश स्तर पर अनेक मेडल अपने नाम करते हुए नेशनल में लगातार तीन साल तक गोल्ड मेडल जीतकर नाम रोशन किया। वर्ष 2011 में बदला अकादमी का स्थान :

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इसके बाद वर्ष 2011 में कोच अनिल धनखड़ की शिक्षा विभाग में डीपी के पद पर जॉब लगी। उनको गुरुग्राम में पो¨स्टग मिली। जिसके चलते उन्होंने बा¨क्सग अकादमी को भी मायना गांव से गुरुग्राम में शिफ्ट कर लिया। उन्होंने अमित पंघाल को गुरुग्राम में भी विशेष रूप से निश्शुल्क प्रशिक्षण देना जारी रखा। वहीं, अमित ने भी उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन करते हुए कोच का मान बढ़ाया और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गोल्ड मेडल जीतकर देश का नाम रोशन किया। कोच के पास अब भी 50 से अधिक बाक्सर प्रशिक्षण लेते हैं। हालांकि इसके बाद अमित राष्ट्रीय प्रशिक्षकों से प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं लेकिन वे अपने कोच अनिल धनखड़ का सम्मान आज भी बढ़ा रहे हैं। रोहतक की बा¨क्सग को पहले कमजोर माना जाता था। ऐसे में उन्होंने 2005 में गांव के खिलाड़ियों पर विश्वास जताया और मायना में बा¨क्सग अकादमी शुरू की। अकादमी में अमित सहित 100 से अधिक खिलाड़ियों ने प्रशक्षिण लिया। जिनमें से विकास खत्री, सनबीर खत्री, संजीव, मनोज मलिक आदि बाक्सर ने देश विदेश में शानदार प्रदर्शन किया। वहीं अमित पंघाल ने अब एशियन गेम्स में भी श्रेष्ठ प्रदर्शन कर देश को गौरवांवित कर दिया है।

- अनिल धनखड़, अमित पंघाल के कोच।

ये हैं अमित की उपलब्धियां :

- वर्ष 2007 में गांव से ही अकादमी में बा¨क्सग की शुरुआत की।

- 2009 से 11 तक लगातार तीन साल सब जूनियर चैंपियनशिप में गोल्ड जीता।

- 2012 में श्री लंका में खेले पहले ही अंतरराष्ट्रीय मुकाबले में गोल्ड मेडल जीता।

- 2015 में केरला में हुए नेशनल गेम्स में शानदार प्रदर्शन कर सिल्वर मेडल जीता।

- 2016 में सीनियर नेशनल बा¨क्सग में गोल्ड मेडल पर कब्जा जमाया।

- 2017 में एशियन चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतकर नाम रोशन किया।

- 2017 में जर्मनी में आयोजित व‌र्ल्ड बा¨क्सग चैंपियनशिप में भाग लिया।

- 2018 में इंडियन ओपन खेलों में गोल्ड मेडल जीतकर नाम रोशन किया।

- 2018 में आस्ट्रेलिया में हुए कॉमनवेल्थ खेलों में सिल्वर मेडल जीता।

- 2018 में ही अब एशियन खेलों में गोल्ड मेडल जीतकर नाम रोशन किया है।


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