वर्ल्ड बॉक्सिंग रैंकिंग में फिर छाए अमित पंघाल और मंजू, बड़ी संघर्ष भरी है इनकी कहानी
एआइबीए की वर्ल्ड रैंकिंग के 52 किलोग्राम में भारत के स्टार बॉक्सर रोहतक निवासी अमित पंघाल पहले स्थान पर कब्जा जमाने में कामयाब हुए हैं। 48 किलो में मंजू रानी दूसरे स्थान पर काबिज
रोहतक, जेएनएन। अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ (एआइबीए) की ओर से जारी की गई वर्ल्ड बॉक्सिंग रैंकिंग में फिर से रोहतक के गोल्डन ब्वॉय का जलवा दिखा है। अपने पंच के दम पर रोहतक के बॉक्सर न केवल पुरुष वर्ग में बल्कि महिला वर्ग में भी शानदार उपलब्धि हासिल कर रहे हैं। एआइबीए की ओर से जारी वर्ल्ड रैंकिंग के 52 किलोग्राम में भारत के स्टार बॉक्सर रोहतक निवासी अमित पंघाल पहले स्थान पर कब्जा जमाने में कामयाब हुए हैं।
उनकी इस उपलब्ध पर परिवार व खेल प्रेमियों में खुशी की लहर है। मायना गांव निवासी अमित के चाचा राजनारायण ने बताया कि अमित की मेहनत रंग लाई है। वर्ल्ड बॉक्सिंग रैंकिंग में प्रथम स्थान हासिल करना गौरव की बात है। अमित ने 1300 प्वाइंट्स के साथ प्रथम स्थान प्राप्त किया है। बता दें कि अमित ने 11 साल की आयु में गांव में ही अनिल धनखड़ कोच से बॉक्सिंग का ककहरा सीखा था। सुविधाओं के अभाव में भी वे अभ्यास करते रहे और आज वे दुनिया के नंबर एक बॉक्सर बन गए हैं।
वहीं, महिला वर्ग के 48 किलोग्राम भार वर्ग में रोहतक की बॉक्सर मंजू रानी ने 1175 प्वाइंट्स के साथ दूसरा स्थान हासिल कर नाम रोशन किया है। गांव रिठाल निवासी स्टार बॉक्सर मंजू के प्रारंभिक कोच साहब सिंह ने बताया कि मंजू ने यह उपलब्धि हासिल कर देश का गौरव बढ़ाया है। उनकी इस उपलब्धि से परिवार में खुशी है। लॉकडाउन में मंजू घर पर ही अभ्यास कर रही है।
बता दें कि मंजू जब 12 साल की थी तो उनके पिता भीमसेन की कैंसर से मौत हो गई थी। भीमसेन बीएसएफ जवान थे। पिता की मौत के सदमे से मंजू उभर नहीं पा रही थी और इसी कारण बहुत चिड़चिड़ी और गुस्सैल होने लगी थी। उनके गुस्से का सही इस्तेमाल करने के लिए उन्होंने बॉक्सिंग शुरू की। तब से लेकर आज तक मंजू ने ढेरों मेडल जीत कर नाम रोशन किया है। ये रैंकिंग सितंबर 2020 तक कायम रहेगी। मंजू ने वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में रजत पदक जीता था और उनका सपना ओलंपिक में गोल्ड जीतने का है।