किसान आंदोलन : गर्मी के साथ ही बढ़ती जा रही है कई चीजों की किल्लत, कम सप्लाई से बढ़ रही मुश्किलें
आंदोलन में अब गर्मी के साथ ही कई चीजों की किल्लत भी बढ़ती जा रही है। दूध सब्जी और अन्य चीजों की सप्लाई अब कम है। ऐसे में आंदोलनकारियों की मुश्किलें बढ़ रही हैं। किसानों की संख्या भी कम होती जा रही है।
बहादुरगढ़, जेएनएन। कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन में अब गर्मी के साथ ही कई चीजों की किल्लत भी बढ़ती जा रही है। दूध, सब्जी और अन्य चीजों की सप्लाई अब कम है। ऐसे में आंदोलनकारियों की मुश्किलें बढ़ रही हैं। इस बीच संयुक्त मोर्चा के नेता दोबारा से आंदोलनकारियों को दिल्ली के बॉर्डरों पर पहुंचने का आह्वान कर रहे हैं। साथ ही सरकार व पुलिस-प्रशासन के रुख पर भी नजर टिकाए हुए हैं।
टोल के जरिये आंदोलनकारियों पर दबाव बनाने की रणनीति
केएमपी के टोल को फ्री करवाने के मामले में आंदोलनकारी कहीं न कहीं बैकफुट पर आ गए हैं। रविवार को आंदोलनकारियों और खाप से जुड़े लोगों द्वारा केएमपी के मांडौठी टोल को फ्री करवाने का ऐलान किया गया था। मगर टकराव की आशंका में इस बार आंदोलनकारी भी आगे नहीं बढ़े। वहीं पुलिस-प्रशासन भी डटा रहा। आंदोलनकारियों ने जिस तरह एन वक्त पर रणनीति बदली और प्रतिनिधिमंडल के जरिये बातचीत करके 22 अप्रैल तक का अल्टीमेटम दिया गया। उससे कहीं न कहीं पुलिस प्रशासन की आंदोलनकारियों पर दबाव बनाने की रणनीति को बल मिलता नजर आ रहा है।
इस टोल को प्रशासन द्वारा 107 दिनों बाद 13 अप्रैल को चालू करवाया गया था। 14 अप्रैल को आंदोलनकारियों ने फिर से टोल का फ्री कर दिया था। इस पर पुलिस की ओर से केस भी दर्ज किया गया। 15 को फिर से प्रशासन ने आंदोलनकारियों को टोल से हटाकर इसे चालू करवा दिया था। उसके बाद आंदोलनकारियों ने बैठक करके टोल को फिर से बंद करवाने का फैसला तो लिया मगर इस फैसले को अंजाम देने से पहले आंदोलनकारी फूंक-फूंककर कदम रख रहे हैं।