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एचएयू में अब वीसी के पास नहीं रहेंगी सभी पॉवर, निचले अधिकारियों की तय होगी जिम्मेदारी

जागरण संवाददाता हिसार चौधरी चरण सिंह हरियाणा विश्वविद्यालय में पहले हर काम के लिए कुल

By JagranEdited By: Published: Sun, 02 Aug 2020 08:36 AM (IST)Updated: Sun, 02 Aug 2020 08:36 AM (IST)
एचएयू में अब वीसी के पास नहीं रहेंगी सभी पॉवर, निचले अधिकारियों की तय होगी जिम्मेदारी
एचएयू में अब वीसी के पास नहीं रहेंगी सभी पॉवर, निचले अधिकारियों की तय होगी जिम्मेदारी

जागरण संवाददाता, हिसार: चौधरी चरण सिंह हरियाणा विश्वविद्यालय में पहले हर काम के लिए कुलपति के कार्यालय में जाना पड़ता था। क्योंकि हर प्रोजेक्ट, हर काम कुलपति की मंजूरी के बिना नहीं होता था। विवि में प्रशासनिक और फाइनेंस महकमों को कुछ इस प्रकार बनाया गया तो कुलपति बदलते रहते, मगर साल दर साल काम करने का तरीका वही रहता। ऐसे में कोई काम बिगड़ता तो इसकी जिम्मेदारी भी कुलपति की ही होती। मगर अब इस सिस्टम को बदलने की तैयारी हो चुकी है। विवि प्रशासन ने रिफार्म कमेटी का गठन किया है। इस कमेटी में रजिस्ट्रार को अध्यक्ष बनाया गया था तो वित्त नियंत्रक को सदस्य बनाया गया है। इसके लिए कुलपति प्रो. समर सिंह तकनीकि सलाहकार के रूप में सीनियर कोऑर्डिनेटर व वैज्ञानिक राजवीर गर्ग को लेकर आए हैं। इन तीनों का मुख्य काम अपने-अपने क्षेत्र में बदलाव के लिए काम करना है। ताकि विवि को पुराने सिस्टम से बदलकर नए दौर में लाया जा सके।

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सेंट्रलाइज पॉवर की जा रही खत्म

रिफार्म कमेटी बनाने का यही उद्देश्य है कि किसी एक व्यक्ति की मोनोपॉली न रहे। इसमें विभागों के हेड से लेकर डीन और डायरेक्टर तक की जिम्मेदारी तय की जाएगी। उन्हें भी अधिकार होगा कि वह अपने विभाग के दायरे में निर्णय ले सकें। वरिष्ठता के क्रम में विभागों और उनके काम काज को जानने का मौका भी मिलेगा। इसके साथ ही बार-बार कुलपति कार्यालय के चक्कर काटने की आवश्यकता नहीं होगी।

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सहायक वैज्ञानिकों को दे दिए कई अहम पद

मौजूदा समय में एचएयू में कई मुख्य पदों पर सहायक वैज्ञानिकों तक को जिम्मेदारियां दे रखी हैं, जबकि उनके सीनियर डिपार्टमेंट में काम काज संभाल रहे हैं। ऐसे सभी लोगों की फाइलें कुलपति ने तलब की हैं। जल्द ही पदों पर ही विवि में बड़े फेरबदल देखने को मिलेंगे। इन सभी कार्यों को करने के पीछे कुलपति का उद्देश्य है कि विवि में काम की गुणवत्ता व क्षमता को बढ़ाया जा सके। इसके साथ ही अगर बदलाव कमेटी को अगर कोई विवि में सुझाव देना चाहे तो वह भी देने के लिए स्वतंत्र होगा।


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