आंदोलन करें या सरकार को और समय दें की उलझन में फंसे जाट नेता
अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति का सरकार को दिया गया 31 मार्च तक का समय समाप्त हो गया है।
जेएनएन, हिसार
अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति का सरकार को दिया गया 31 मार्च तक का समय समाप्त हो गया है। जाट नेताओं ने अब इस मुद्दे पर एक सप्ताह बाद रोहतक के जसिया में कोर कमेटी की बैठक बुलाने का निर्णय लिया है। वहां जिला अनुसार रिपोर्ट लेकर फैसला लिया जाएगा। जाट धर्मशाला में जाट संघर्ष समिति के सदस्यों की शनिवार को बैठक भी हुई।
संघर्ष समिति की तरफ से जाट समुदाय को आरक्षण लागू करवाने के लिए सरकार को 31 मार्च तक का समय दिया था। उसके बाद समुदाय ने आंदोलन करने की बात कहीं थी। लेकिन पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट की तरफ से जाट आरक्षण स्थिति ज्यों की त्यों रखने के फैसले के बाद अब समुदाय की जल्द बैठक बुलाने का निर्णय लिया है। जसिया में एक सप्ताह बाद होने वाली बैठक में आंदोलन तक का निर्णय हो सकता है। लेकिन यह फैसला जिले से आने वाले सभी पदाधिकारियों से विचार-विमर्श करने के बाद लिया जाएगा।
समिति के प्रदेश प्रवक्ता रामभगत ¨सह मलिक ने बताया कि सरकार से बातचीत के बाद ही यह समय दिया गया था। अब समय समाप्त हो गया है। उनकी राष्ट्रीय अध्यक्ष से भी बातचीत हुई है। एक सप्ताह बाद कोर कमेटी की बैठक होगी। उसमें सभी जिला पदाधिकारियों से बातचीत कर यह फैसला लिया जाएगा सरकार को आगे का समय देना है या नहीं। समाज के लोग अभी आंदोलन के लिए फ्री है या नहीं। इन पर चर्चा कर ही आंदोलन की रणनीति पर चर्चा होगी। उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि वह कानूनी रूप से इस मसले को हल करें।