अजय चौटाला बोले- महाभारत होगी, फैसला करें, पांडवों का साथ देना है या दुर्योधन का
इनेलो महासचिव ने मंगलवार को दिल्ली से सिरसा तक के सफर के दौरान जगह-जगह कार्यकर्ताओं के साथ बैठकें की उन्होंने हरेक जगह अभय चौटाला पर तंज कसते हुए जनता को बातो-बातों में समझाया
जेएनएन, हिसार। इनेलो महासचिव डा. अजय सिंह चौटाला जेल से बाहर निकलते ही आक्रामक रूख अपनाए हुए हैं, वो जहां भी जनसभाएं करते हैं वहां इनेलो में पड़ी फूट पर बोलने से जरा सा भी गुरेज नहीं कर रहे हैं। उन्होंने हिसार में कहा कि अब बहुत हो चुका। हम किसी से कुछ नहीं मांगेंगे बल्कि अब हक की लड़ाई होगी। हालात महाभारत के कौरवों और पांडवों जैसे बने हैं। अब फैसला आपको करना है कि पांडवों का साथ देना है या दुर्योधन का। पिता ओमप्रकाश चौटाला की बातों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि वे अक्सर कहते थे कि किसी को मांगने से कुछ नहीं मिलता, हक तो छीनना पड़ता है। अब वही करेंगे।
अजय चौटाला मंगलवार सुबह नई दिल्ली स्थित सांसद दुष्यंत के आवास से सिरसा के लिए निकले थे। इस दौरान वे झज्जर, चरखी दादरी, भिवानी, हांसी, हिसार, फतेहाबाद और सिरसा में जगह-जगह रुककर कार्यकर्ताओं से रूबरू हुए। दिल्ली से सिरसा के सफर के दौरान उन्होंने कार्यकर्ताओं को संबोधित कर उनमें उत्साह का संचार किया।
अजय ने कहा कि जिन कार्यकर्ताओं ने अपने संघर्ष और खून पसीने से सींचकर इनेलो को इतना बड़ा संगठन बनाया है, उनका अपमान किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कार्यकर्ताओं को न पहले जलील होने दिया और न आगे होने देंगे। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों की कारगुजारी के चलते वर्तमान स्थिति पैदा हुई है। न तो हम किसी का हक बेवजह छीनते हैं और न ही अपना छोड़ेंगे। हमें न साम्राज्य चाहिए, न सत्ता। कार्यकर्ताओं का सम्मान सर्वोपरि है। सबको याद है जो लोग हमें आज पार्टी विरोधी बताते हैं, वे पहले कार्यकर्ताओं से क्या बर्ताव करते थे।
उन्होंने कहा कि वे सिरसा में तेजाखेड़ा जाकर मां का आशीर्वाद लेंगे और फिर अगले मिशन पर निकलेंगे। उन्होंने कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि 17 नवंबर की प्रस्तावित जींद रैली में अधिक से अधिक संख्या में पहुंचे। दिखा दें कि इनेलो किसकी पार्टी है। अजय चौटाला ने साफ कर दिया कि जींद में कार्यकर्ता बैठक में ही आगामी रणनीति तैयार की जाएगी। खास बात ये रही कि उनकी कार्यकर्ता बैठकों में वे लोग भी दिखाई दिए जो लंबे समय से इनेलो से दूरी बनाए हुए थे।