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सर्वोच्च सैन्‍य परम विशिष्ट सेवा मेडल से नवाजे जाएंगे हिसार निवासी एयर मार्शल घोटिया

परम विशिष्ट सेवा पदक बहुत ही उत्कृष्ट सेवा के लिए दिया जाता है शांतिकाल में परम विशिष्ट सेवा पदक राष्ट्र का सर्वोच्च सैन्य अवार्ड है। अवॉर्ड मिलने की घोषणा राष्‍ट्रपति ने की है।

By Manoj KumarEdited By: Published: Tue, 28 Jan 2020 03:12 PM (IST)Updated: Tue, 28 Jan 2020 03:12 PM (IST)
सर्वोच्च सैन्‍य परम विशिष्ट सेवा मेडल से नवाजे जाएंगे हिसार निवासी एयर मार्शल घोटिया
सर्वोच्च सैन्‍य परम विशिष्ट सेवा मेडल से नवाजे जाएंगे हिसार निवासी एयर मार्शल घोटिया

हिसार, जेएनएन। हिसार (हरियाणा के रहने वाले एयर मार्शल सुरेंद्र कुमार घोटिया को 71वें गणतंत्र दिवस के मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने परम विशिष्ट सेवा मेडल प्रदान करने की घोषणा की। एयर मार्शल सुरेंद्र कुमार घोटिया दक्षिण-पश्चिम वायु कमान के कमांडिंग इन चीफ हैं। परम विशिष्ट सेवा पदक बहुत ही उत्कृष्ट सेवा के लिए प्रदान किया जाता है। शांतिकाल में परम विशिष्ट सेवा पदक राष्ट्र का सर्वोच्च सैन्य अवार्ड होता है।

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फुर्सत मिलते ही हिसार में अपने खेतों में  वक्त गुजारते हैं एयर मार्शल घोटिया

आदमपुर क्षेत्र के छोटे से गांव घुड़साल के मूल निवासी एयर मार्शल सुरेंद्र सिंह घोटिया को परम विशिष्ट सेवा मेडल से नवाजे जाने की घोषणा से पूरे गांव में जश्न का माहौल है। यही नहीं उनके ससुराल सिरसा के डिंग मंडी में बधाइयों का दौर चला। हालांकि अब पैतृक गांव घुड़साल में घोटिया का कोई पारिवारिक सदस्य नहीं रहता है मगर उनका पैतृक मकान और जमीन गांव में ही है। अब फरवरी में राष्ट्रपति के हाथों घोटिया सम्मान ग्रहण करेंगे। 

घुड़साल के ग्रामीण सुरेंद्र सहारण, राय सिंह सहारण, रमेश घोटियार, राजेश घोटिया, हवा सिंह सहारण और रामचंद्र गोदारा ने बताया कि एयर मार्शल सुरेंद्र सिंह घोटिया सादगी की मिसाल हैं। जब भी वह गांव में आते हैं पायजामा-कुर्ता में आते हैं। पैरों में हवाई चप्पल पहनते हैं और गांव में हमेशा बागड़ी भाषा में ही बात करते हैं। ग्रामीणों ने बताया कि उनकी उपलब्धि पर पूरे गांव को नाज है।

एयर मार्शल के छोटे भाई रिटायर्ड मेजर वीरेंद्र सिंह घोटिया फिलहाल मुंबई में रहते हैं। दैनिक जागरण से विशेष बातचीत में उन्होंने कहा कि जब भी मौका लगता है सुरेंद्र सिंह परिवार के संग समय बिताने के लिए पैतृक गांव घुड़साल चले जाते हैं। वे अधिकांश समय खेतों और रिश्तेदारों से मिलने में व्यतीत करते हैं। वीरेंद्र सिंह ने बताया कि हमारे पिता भागीरथ घोटिया पुणे स्थित आर्मी कॉलेजिज ऑफ मिलिट्री में सिविल इंजीनियर के प्रोफेसर थे और माता रेशमा देवी गृहणी थीं। पिता भागीरथ 1957 में गांव से नौकरी के लिए पुणे चले गए थे। हम दोनों भाइयों को देश सेवा की सीख अपने पिता से ही मिली।

राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के छात्र रहे हैं घोटिया

घोटिया राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के छात्र रहे हैं। उन्होंने 1981 में भारतीय वायु सेना के फाइटर स्ट्रिम से कमीशन प्राप्त किया। घोटिया एक कुशल फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर हैं। वे फाइटर स्क्वाड्रन के कमांङ्क्षडंग अफसर, वायु सेना मुख्यालय में वरिष्ठ पदों पर नियुक्ति के अलावा पेरिस स्थित भारतीय दूतावास में एयर अटैची का पद भी संभाल चुके हैं।

गांव में जमीन और पुश्‍तैनी मकान

रिटायर्ड मेजर वीरेंद्र सिंह घोटिया ने कहा कि हमारे लिए ये गर्व की बात है कि भाई सुरेंद्र को परम विशिष्ट सेवा मेडल के लिए चुना गया है। उन्होंने बताया कि बड़े भाई सुरेंद्र सिंह को गांव आने का कम समय मिलता है। वह साल या दो साल में एक बार ही गांव जा पाते हैं मगर जब भी गांव जाते हैं तो खेती में या रिश्तेदारों से मिलने में ही समय निकालते हैं। उन्होंने बताया कि उनकी गांव में 25 एकड़ जमीन और एक पुश्तैनी मकान है। गांव में चाचा-ताऊ अब भी रहते हैं।

बहन ने फोन कर बताया- आपके जीजा को परम विशिष्ट सेवा मेडल मिला है

एयर मार्शल घोटिया की शादी 1987 में सिरसा जिले के डिंग गांव में राम सिंह पचार की बेटी निर्मला से हुई है। फिलहाल ये परिवार सिरसा में रहता है। घोटिया के साले भूपेंद्र सिंह पचार ने कहा कि बहन ने फोन कर जीजा को सर्वोच्च सम्मान मिलने की जानकारी दी। इसके बाद मैंने भी फोन कर जीजा जी को बधाई दी। हमारे परिवार को उनकी उपलब्धियों पर गर्व है। भूपेंद्र पचार ने बताया कि हमारी दोनों भांजियां शिवाली घोटिया व जहान्वी घोटिया ने पेरिस से फैशन डिजाइनिंग और इंटरनेशनल मार्केटिंग में एमबीए किया है। शिवाली घोटिया जनरल इलेक्ट्रोनिक्स में साउथ एशिया की प्रबंधक है। भूपेंद्र ने बताया कि परिवार में आयोजित कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए एयर मार्शल घोटिया बच्चों सहित सिरसा आते रहते हैं। अक्सर परिवारजनों में आपस में फोन पर बात होती रहती है और कुशलक्षेम जानते रहते हैं।

::::::::'एयर मार्शल सुरेंद्र सिंह घोटिया मेरे आदर्श हैं। उनकी उपलब्धियों पर पूरे गांव को नाज हैं। वह गांव के हर युवा के लिए प्रेरणास्त्रोत हैं। आज गांव के लिए सबसे बड़ा दिन है।

-ऋतु देवी, सरपंच, घुड़साल (हिसार)।


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