भिवानी में कृषि मेला, नई तकनीक जानने को किसानों में दिखी जिज्ञासा, फसल अवशेष प्रबंधन पर रहा जोर
कृषि विज्ञान केंद्र में लगाए गए मेले में किसानों और कृषि विज्ञानिकों के अलावा महिलाएं भी शामिल हुईं। किसानों को खेती में आमदनी दोगुना करने की जानकारी दी गई। कृषि उपकरणों पर मिलने वाली सब्सिडी के बारे में किसानों को बताया गया।
हिसार/भिवानी, जेएनएन। ...यहां किसानों में फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर नया जानने की जिज्ञासा खूब बनी थी। कृषि मेले में किसानों को जागरूक करने के लिए कृषि वैज्ञानिक हर नई तकनीक के बारे में जानकारी दे रहे थे। किसान विशेषज्ञों से सवाल भी पूछ रहे थे। कृषि उपकरणों और उन पर दी जा रही सब्सिडी के बारे में भी किसानों को इस मेले के दौरान बताया गया। दैनिक जागरण ने भी इस मेले में भागीदारी की। जिला स्तरीय इस आयोजन में बतौर मुख्य अतिथि एडीजी एक्सटेंशन, आइसीएआर नई दिल्ली वेदप्रकाश चहल रहे।
शनिवार को कृषि विज्ञान केंद्र में लगाए गए मेले में किसानों और कृषि विज्ञानिकों के अलावा महिलाओं की भी भागीदारी रही। मेले का शुभारंभ मुख्य अतिथि एडीजी एक्सटेंशन, आइसीएआर नई दिल्ली वेदप्रकाश चहल ने दीप प्रज्वलन के साथ की। उन्होंने कहा कि किसान की आमदनी दोगुना करने के लिए सरकार ठोस कदम उठा रही है। इसके लिए किसानों को अच्छी पैदावार के लिए किसानों को आधुनिक सुविधाएं दी जा रही हैं। वहीं किसानों को कृषि उपकरणों पर सब्सिडी भी दी जा रही है। किसानों को जागरूक करने के लिए स्पेशल मेले लगाए जा रहे हैं। विभाग के वैज्ञानिक उनके खेताें तक पहुंच कर भी किसानों को आधुनिक सुविधाओं, तकनीक आदि के बारे में बता रहे हैं। किसान कृषि विभाग की योजनाओं का लाभ उठाएं। इससे उनको बहुत लाभ होगा।
फसल अवशेष प्रबंधन पर गंभीर होकर काम करें
डीडीए आत्माराम गोदारा ने कहा कि किसानों को उनकी फसलों की अच्छी पैदावार मिले। फसल अवशेष प्रबंधन पर किसान गंभीर होकर काम करें। इसके अलावा अन्य जरूरी सुविधाओं को लेकर लगातार किसानों को जागरूक किया जा रहा है। किसान भी इस तरह के आयोजनों में बढ़ चढ़ कर भाग ले रहे हैं।
कृषि वैज्ञानिकों से दूरभाष पर लें जानकारी
डीडीए आत्माराम गोदारा ने कहा कि किसान किसी भी समय कृषि वैज्ञानिकों से दूरभाष पर फसल संबंधित किसी भी समस्या का समाधान जान सकते हैं। कृषि विभाग की टीम हर समय किसानों के लिए तैयार है। इस मौके पर कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ संयोजक यूके शर्मा, डा. मुरारीलाल, डा. योगिता बाली, डा. नसीब धनखड़, बलबीर शर्मा आदि अनेक कृषि अधिकारी और किसान मौजूद रहे।