तीन साल बाद सिसाय को नगर पालिका समाप्त करने के आदेश जारी
सिसाय नगर पालिका को खत्म करने के लिए हरियाणा सरकार शहरी स्थानीय निकाय विभाग द्वारा आदेश जारी कर दिए गए हैं। ये आदेश शुक्रवार शाम को जारी किए गए हैं।
संवाद सहयोगी, हांसी : सिसाय नगर पालिका को खत्म करने के लिए हरियाणा सरकार शहरी स्थानीय निकाय विभाग द्वारा आदेश जारी कर दिए गए हैं। ये आदेश शुक्रवार शाम को जारी किए गए हैं। अब सिसाय को वापस नगर पालिका की बजाय ग्राम पंचायत का दर्जा मिल गया है। जारी आदेशों में लिखा गया है कि हरियाणा नगर पालिका अधिनियम, 1973 (1973 का 24) की धारा 8 की उप-धारा (1) अधीन प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए तथा हरियाणा सरकार, शहरी स्थानीय निकाय विभाग, अधिसूचना संख्या 18/238/2018-क1 20 फरवरी 2019 के अधिनियम में, हरियाणा सरकार के राज्यपाल, इसके द्वारा नगरपालिका, सिसाय का समाप्त किया जाता है। सिसाय में दो पंचायतें हैं। एक पंचायत को सिसाय कालीरामण व दूसरी पंचायत को सिसाय बोलान से जाना जाता है। काफी समय से गांव का एक पक्ष सिसाय को नगर पालिका रहने के पक्ष में था तो वहीं दूसरा पक्ष नगर पालिका के विरोध में था। जिसके चलते विभाग के द्वारा गांव का सर्वे करवाया गया था। र्वे के दौरान लोगों के सुझाव की रिपोर्ट कंबाइन कर उपायुक्त प्रियंका सोनी को गई थी, जिसके बाद इस रिपोर्ट के सरकार के पास भेजा गया था। सर्वे के दौरान 5011 लोगों के सुझाव लिए गए थे। रिपोर्ट के अनुसार ज्यादातर लोगों ने सिसाय को दोबारा पंचायत बनाने के लिए अपनी राय दी थी। बीजेपी सरकार के दौरान 20 फरवरी 2019 में सिसाय को नगर पालिका बनाने के लिए नोटिफिकेशन जारी किया गया था। नगर पालिका बनते हुए सरकार की ओर से सिसाय नगर पालिका के लिए सरकार की ओर से 10 करोड़ का बजट पास किया गया था। अब तक नगर पालिका के विकास के लिए सरकार की ओर से करोड़ों रुपये का बजट पास किया गया है। जिससे विकास कार्य करवाए जा रहे हैं। सिसाय गांव के लोगों का एक दल इस बारे मंत्री अनिल विज से मिला था। इस दौरान उन्होंने सिसाय नगर पालिका को बनाए रखने के लिए के लिए आश्वासन दिया था। नगर पालिका बनने से होता ज्यादा विकास : सिहाग
जब सिसाय में सर्वे का काम किया जा रहा था उस समय सिसाय के पूर्व सरपंच बलबीर सिहाग ने कहा था कि नगर पालिका बनवाने के लिए पंचायतों द्वारा काफी प्रयास किए गए थे। उन्होंने बताया कि कुछ राजनीतिक लोगों ने नगर पालिका खत्म करवाना चाहते हैं। नगर पालिका के कारण सिसाय का ज्यादा विकास होगा। जिसके चलते सिसाय में कॉलेज, लाईब्रेरी, कम्यूनिटी सेंटर, बड़े पार्क, सड़कें व आने वाले समय में तहसील बनने की भी उम्मीद है। उन्होंने बताया था कि नगर पालिका बनने के बाद गांव में प्रत्येक घरों के सामने से कूड़ा उठाया जा रहा था। लड़कियों के कॉलेज बनने की भी उम्मीद जगी थी। लोगों को ज्यादा से ज्यादा रोजगार भी उपलब्ध होता। पंचायत के पास ज्यादा फंड नहीं आता है और नगर पालिका में विकास कार्य के लिए हर साल करोड़ों रुपये का बजट पास किया जाता है। मौजूदा समय में सिसाय में करोड़ो की लागत से विकास कार्य करवाए जा रहे हैं। यदि दोबारा से पंचायत का दर्जा दिया गया तो सभी विकास कार्य अधर में लटक जाएंगे। करोड़ो की लागत से करवाए जा रहें थे विकास कार्य
नगर पालिका बनने के बाद गांव में करीब साढ़े आठ करोड़ की लागत से आईटीआई का निर्माण कार्य करवाया जा रहा है। करीब साढ़े तीन करोड़ की लागत से नगर पालिका का दो मंजिला कार्यालय बन रहा है। 2 करोड़ की लागत से पार्क का निर्माण कार्य। 50 लाख की लागत से नालों का निर्माण, करीब साढ़े 13 करोड़ की लागत से पूरे गांव में दोबारा से पानी की लाइनें, करीब 18 करोड़ से नालों का निर्माण सहित अनेक विकास कार्य करवाए जा रहे हैँ।
प्रॉपर्टी टैक्स बना लोगों की मायूसी का कारण
ग्रामीणों का कहना है कि जिस समय सिसाय को नगर पालिका का दर्जा दिया गया था उस समय गांव में खुशी का माहौल था। परंतु प्रॉपर्टी टैक्स के कारण लोगों को सबसे ज्यादा मायूसी का सामना करना पड़ा। ग्रामीणों का कहना है कि गांव में प्रोपर्टी का सर्वे सही प्रकार से नहीं किया गया है। उन्होंने बताया कि गांव में बिल्डिग के नक्शे पास करने बारे गलत प्रचार किया गया। जिस कारण से लोग इसका विरोध कर रहे हैं।
नगर पालिका को लेकर दिया जा रहा राजनीतिक रूप
सिसाय नगर पालिका को लेकर राजनीति शुरू हो गई है। लोगों का कहना है कि पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु द्वारा सिसाय को नगर पालिका का दर्जा दिलवाया गया था। परंतु उनके चुनाव हारने के बाद से ही दूसरी पार्टी के लोग इसे राजनीति रूप दे रहे है। जिसके चलते वे अब कैप्टन अभिमन्यु के फैसलों को बदलवाने का प्रयास कर रहे हैं।