सिरसा डेरा में नहीं हुई नामचर्चा, सतनाम सिंह के सौंवें जन्मदिन कार्यक्रम पर संशय
आगामी दिनों में भी जिला में सुरक्षा व्यवस्था यूं ही रहेगी तथा नाकेबंदी जारी रहेगी। सुरक्षा व्यवस्था का जिम्मा सिरसा पुलिस संभालेगी। रविवार को डेरा में नामचर्चा का आयोजन नहीं हुआ
सिरसा, जेएनएन। पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्याकांड मामले में डेरा प्रमुख के खिलाफ आए फैसले के बाद यहां तैनात सुरक्षा बलों की टीमें वापस लौटने लगी हैं। 25 जनवरी को डेरा के दूसरे गुरु सतनाम सिंह का जन्मदिन है। ऐसे में आगामी दिनों में भी जिला में सुरक्षा व्यवस्था यूं ही रहेगी तथा नाकेबंदी जारी रहेगी। सुरक्षा व्यवस्था का जिम्मा सिरसा पुलिस संभालेगी। उधर रविवार को डेरा में नामचर्चा का आयोजन नहीं हुआ। नामचर्चा में भाग लेने के लिए चंद डेरा प्रेमी डेरा पहुंचे थे उन्हें लौटा दिया गया।
डेरा प्रमुख के खिलाफ आने वाले फैसले से पूर्व ही जिला प्रशासन ने सुरक्षा व शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस बल की 12 कंपनियां तथा सीआरपीएफ की दो कंपनियों को तैनात किया था। 17 जनवरी को फैसला आने के दो दिनों बाद तक जिला में सुरक्षा बल तैनात रहा। रविवार को सुरक्षा कंपनियों को वापस भेज दिया गया है परंतु सुरक्षा व्यवस्था बदस्तूर जारी रहेगी। जिला में नाकेबंदी रहेगी तथा वहां सिरसा पुलिस के जवान तैनात होंगे। नाकेबंदी की यह प्रक्रिया 26 जनवरी तक रहेगी।
माथा टेककर वापस गए, आठ शादियां हुई
रविवार को अनेक श्रद्धालु डेरा में आए भी परंतु गेट पर तैनात सेवादारों ने उन्हें बता दिया कि नामचर्चा नहीं है इसलिए वे सिर्फ माथा टेक कर वापस चले जाए। आठ जोड़े शादी के लिए आए। नामचर्चा न होने पर उन्होंने डेरा प्रमुख के चित्र के आगे ही हार पहनाकर शादियां की। एक जोड़े के परिजनों द्वारा डेरा के रेस्टोरेंट में पार्टी का आयोजन भी किया गया था। इसके अलावा करनाल से एक डेरा अनुयायी अपने परिजनों की अस्थियां भी लेकर आया, जिस पर डेरा में पौधे लगाए जाते हैं।
25 जनवरी को है सतनाम सिंह का सौंवां जन्मदिन, कार्यक्रम पर संशय
25 जनवरी को डेरा सच्चा सौदा के दूसरे गुरु शाह सतनाम का सौंवा जन्म दिवस है। हर जन्मदिवस पर पहले भव्य आयोजन होते थे। डेरा प्रमुख गुरमीत ङ्क्षसह सत्संग करते थे, जिसमें लाखों लोगों के आने का दावा किया जाता। साल भर सेवा कार्य करने वालों को डेरा प्रमुख प्रेम निशानियां देते थे। डेरा प्रमुख के जेल जाने के बाद जनवरी 2017 में सादगी पूर्ण ढंग से नामचर्चा हुई थी, जिसमें हजारों लोग पहुंचे थे। परंतु इस बार सतनाम सिंह के जन्मदिन पर डेरा में होने वाले कार्यक्रम पर संशय के बादल छाए हुए हैं। अभी तक डेरा में नामचर्चा कार्यक्रम पर भी पाबंदी है।