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विरोध के बाद कालेज ने स्थापना फीस लेने का निर्णय लिया वापस

राजकीय कॉलेज द्वारा शैक्षणिक सत्र की परीक्षाओं से ठीक पहले विद्यार्थियों से स्थापना फीस लिए जाने से कॉलेज प्रशासन को विद्यार्थियों के कड़े विरोध का सामना करना पड़ा। जिसके बाद उच्चतर शिक्षा विभाग के आदेशों का हवाला देते हुए फीस लिए जाने के आदेशों को कॉलेज प्रशासन ने वापिस ले लिया। वहीं गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय द्वारा कॉलेजों को स्थापना फीस लेने संबंधित कोई आदेश दिए जाने से स्पष्ट इंकार किया गया है। हालांकि कॉलेज प्रशासन द्वारा विश्वविद्यालय द्वारा स्थापना फीस लेने संबंधित पत्र भेजे जाने की बात कही जा रही है। ऐसे में विश्वविद्यालय व कॉलेज के बीच विद्यार्थियों को परेशानी उठानी पड़ी हैं व कई विद्यार्थी फीस जमा भी करवा चुके हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 16 Mar 2019 02:30 AM (IST)Updated: Sat, 16 Mar 2019 02:30 AM (IST)
विरोध के बाद कालेज ने स्थापना फीस लेने का निर्णय लिया वापस
विरोध के बाद कालेज ने स्थापना फीस लेने का निर्णय लिया वापस

संवाद सहयोगी, हांसी: राजकीय कॉलेज द्वारा शैक्षणिक सत्र की परीक्षाओं से ठीक पहले विद्यार्थियों से स्थापना फीस लिए जाने से कॉलेज प्रशासन को विद्यार्थियों के कड़े विरोध का सामना करना पड़ा। इसके बाद उच्चतर शिक्षा विभाग के आदेशों का हवाला देते हुए फीस लिए जाने के आदेशों को कॉलेज प्रशासन ने वापिस ले लिया। वहीं गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय द्वारा कॉलेजों को स्थापना फीस लेने संबंधित कोई आदेश दिए जाने से स्पष्ट इंकार किया गया है। हालांकि कॉलेज प्रशासन द्वारा विश्वविद्यालय द्वारा स्थापना फीस लेने संबंधित पत्र भेजे जाने की बात कही जा रही है। ऐसे में विश्वविद्यालय व कॉलेज के बीच विद्यार्थियों को परेशानी उठानी पड़ी हैं व कई विद्यार्थी फीस जमा भी करवा चुके हैं।

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बता दें कि राजकीय कॉलेज में नोटिस लगाया गया था कि सभी संकाय के विद्यार्थी स्थापना शुल्क जमा करवाएं व जो विद्यार्थी फीस जमा नहीं करवाएगा उसका रोल नंबर रोक दिया जाएगा। इसके बाद छात्र नेताओं ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया व कॉलेज प्राचार्या से चर्चा की। प्राचार्या सविता मान ने कहा कि विश्वविद्यालय के आदेश के अनुसार ही विद्यार्थियों से फीस ली जा रही है। उन्होंने कहा कि इसके बाद शुक्रवार को हायर एजुकेशन विभाग की तरफ से पत्र आया है, जिसमें कहा गया है कि स्थापना फीस शैक्षणिक सत्र के बीच में ना ली जाए। इसके बाद फीस लेने की प्रक्रिया को रोक दिया गया है व यह शुल्क अब नए सत्र के साथ लेने के निर्देश मिले हैं। कॉलेज प्रशासन का कहना है कि जिन विद्यार्थियों ने फीस का भुगतान कर दिया है, उनकी फीस रिफंड की जाएगी। फीस न लिए जाने के फैसले के बाद कॉलेज के विद्यार्थियों ने राहत की सांस ली है।

बाक्स:

इतनी फीस ली जानी थी

बीए, बीकॉम, बीएससी - 300

बीसीए - 500

एम कॉम - 400 वर्जन::::::::

जीजेयू द्वारा किसी भी कॉलेज को स्थापना फीस लेने के लिए कोई पत्र नहीं लिखा गया है। बीच सत्र में इस प्रकार से कोई फीस नहीं ली जाती है केवल दाखिले के समय ही विद्यार्थियों से फीस ली जा सकती है। इस बारे में कॉलेज से संपर्क किया जाएगा कि आखिर किस आदेशों के तहत वह विद्यार्थियों से फीस ले रहे है।

नरसी बिश्नोई, डीन ऑफ कॉलेज, जीजेयू।


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