दुष्कर्मियों को फांसी देने के फैसले पर अनशन किया खत्म, बोले- अब मासूमों को मिलेगा न्याय
12 साल से कम उम्र की बच्चियों से दुष्कर्म करने वालों को फांसी देने का कानून के बाद हिसार में अनशन खत्म कर दिया गया।
जेएनएन, हिसार
12 साल से कम उम्र की बच्चियों से दुष्कर्म करने वालों को फांसी देने का कानून बनाए जाने से हिसार में अनशनकारियों ने अनशन खत्म कर दिया। रविवार को क्रांतिमान पार्क में पिछले पांच दिनों से दुष्कर्मियों को 6 महीनों के अंदर फासी की सजा की मांग को लेकर अनशन पर बैठे लोगों ने फैसले का स्वागत किया। अनशनकारियों ने कहा कि अब मासूमों को न्याय मिल सकेगा और कोई दुष्कर्म जैसा जघन्य अपराध करने से पहले सौ बार सोचेगा। इससे पहले अनशन पर बैठे अनशनकारियों की तबीयत ज्यादा गर्मी होने से बिगड़ने लगी थी। अनशन कर रहे अनूप सिंह चानौत और नवीन ढाका का वजन भी तेजी से कम हुआ है शरीर के अंदर कीटोंस की मात्रा बढ़ गई थी। अनशनकारियों ने कहा कि हम देश की बहन बेटियों के की सुरक्षा के लिए और दुष्कर्मियों को 6 महीनों के भीतर फासी की सजा के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं। हमें हमारे स्वास्थ्य की जरा सी भी चिंता नहीं है। समाज के दरिंदों को तुरंत सजा की माग पूरी ना होने तक हमारा अनशन जारी रहेगा चाहे बेशक इसके लिए हमारी जान चली जाए। नवीन ढाका ने कहा कि हमारा अनशन बिल्कुल गैर राजनीतिक है और समाज और देश की हर बहन बेटी की सुरक्षा के लिए है। उन्होंने बीजेपी सरकार को कोसते हुए कहा कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा देने वालों के राज में बेटियों के साथ सबसे ज्यादा दरिंदगी हुई है। दिन प्रतिदिन दुष्कर्म की खबरें आम हो गयी हैं। नारनौंद में महज 8 साल की गुड़िया को भी इन दरिंदों ने नहीं बख्शा। अनूप सिंह चानौत ने कहा जब तक देश के अंदर दरिंदगी करने वालों के खिलाफ 6 महीनों के अंदर फासी की सजा का प्रावधान नहीं होगा तब तक ये दरिंदें हमारी छोटी - 2 बच्चियों को नोचते रहेंगें। अब नया कानून बनना देशहित में है और इससे महिला अपराध कम होगा। अनशन स्थल पर राजीव सरदाना, जगदीश राय, रोशनी देवी, छोटी देवी, शकुंतला देवी, नीलम, सतबीर दूहन, राजेन्द्र भारती, हरपाल क्त्राति, परमजीत सिंह, अजय ढाका, अनिल डाहौला, कपिल कुमार, राजूराम व अन्य संगठनों के प्रतिनिधि मौजूद रहे।