किडनी ट्रांसप्लांट के बाद हो गया कोरोना, भिवानी के एडवोकेट ने नहीं मानी हार, जीत ली जिंदगी
भिवानी के एडवोकेट महेश कुमार जिंदादिली की मिसाल हैं। सकारात्मक सोच से इन्होंने 15 दिन में कोरोना को हरा दिया। लंबी बीमारी के बाद किडनी ट्रांसप्लांट करवाया था। चार महीने में कोरोना हो गया। लेकिन इन्होंने हार नहीं मानी।
भिवानी [अशोक ढिकाव]। जिंदगी जीने का अपना-अपना अंदाज होता है। कुछ लोग मामूली दुख-पीड़ा आने पर भी हार मानकर जिंदगी गंवा देते हैं। तो कुछ लोग मौत को भी हरा कर जीने का मकसद खोज लेते हैं। इनमें से एक हैं भिवानी की जगत कालोनी निवासी एडवोकेट महेश कुमार।
महेश बताते हैं कि उनकी किडनी में दिक्कत थी। वह सालों से इस बीमारी से परेशान थे। कोरोना काल के दौरान ही 18 जनवरी 2021 को उन्होंने दिल्ली के मैक्स अस्पताल में अपनी किडनी ट्रांसप्लांट करवाई। उसके बाद उन्हें नई जिंदगी मिली। वह इस बीमारी से अभी ठीक से उबर भी नहीं पाए थे कि कोरोना संक्रमण ने उन्हें घेर लिया, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। पॉजिटिव सोच के साथ नेगेटिव होने की ठान ली और आखिर में 15 दिन के अंदर कोरोना को हरा दिया।
ट्रांसप्लांट के चार महीने में हुआ कोरोना
एडवोकेट महेश कुमार बताते हैं कि वह काफी समय से किडनी की बीमारी से परेशान थे। उनका कई महीनों तक दिल्ली के मैक्स अस्पताल में इलाज चलता रहा। आखिरकार डॉक्टरों को 18 जनवरी 2021 को किडनी ट्रांसप्लांट करनी पड़ी। वह किडनी ट्रांसप्लांट करवाने के बाद ठीक हो गए, लेकिन इस मई माह में तबियत खराब रहने लगी। 6 मई 2021 को कोविड-19 टेस्ट करवाया तो उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। उनकी पत्नी सुनीता व 14 साल का बेटा भविष्य परेशान हो गए। दोनों ही घबरा गए, लेकिन इस दौरान सबसे पहले उन्होंने अपने बेटे भविष्य को अपनी नानी के घर भेज दिया, ताकि वह सुरक्षित रहे। इसके बाद वह अपने घर पर होम क्वारंटाइन हो गए।केवल इम्युनिटी बढ़ाने वाली वस्तुओं का सेवन करना और सुबह पहले भजन सुनना। योग करने को अपने जीवन का हिस्सा बना लिया, ताकि कोरोना को हरा सकूं।
टीवी पर पॉजिटिव न्यूज व कार्यक्रम देखे, धार्मिक पुस्तकें पढ़ीं
एडवोकेट महेश ने कहा कि वह इस स्थिति में घबराए नहीं। पत्नी के सहयोग से वह इस बीमारी से लड़ते रहे। टीवी पर कोरोना से संबंधित कोई भी न्यूज तक नहीं देखते थे। केवल पॉजिटिव न्यूज, हंसी मजाक के कार्यक्रम देख कर अपना मनोरंजन करते। इसके साथ ही सुबह उठते ही सबसे पहले योग करना, पौधों में पानी देना व टहलना नहीं भूलते थे। दिन भर अपने रूम में धार्मिक किताबे पढ़ते। केवल 12 दिन बाद ही जांच फिर से करवाई तो नेगेटिव आई। कोरोना को हरा कर आज खुशी से जिंदगी जी रहा हूं।