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मौसम बदलते ही सजग हुआ प्रशासन, डीसी ने हिसार को जीरो मलेरिया जिला बनाने का दिया लक्ष्य

डीसी ने कहा कि हिसार में वर्ष 2011 में मलेरिया के 9308 मामले सामने आए थे जो पिछले वर्ष घटकर केवल 2 रह गए थे। इसलिए यह लक्ष्य प्राप्त करना कठिन नहीं है। इस कार्य में सभी नागरिक भी मच्छरों को पनपने पर रोकने की दिशा में सहयोग करें।

By Manoj KumarEdited By: Published: Tue, 16 Mar 2021 05:57 PM (IST)Updated: Tue, 16 Mar 2021 05:57 PM (IST)
मौसम बदलते ही सजग हुआ प्रशासन, डीसी ने हिसार को जीरो मलेरिया जिला बनाने का दिया लक्ष्य
डीसी ने जल जनित बीमारियों की रोकथाम के लिए जिला स्तरीय मलेरिया वर्किंग कमेटी की बैठक ली

हिसार, जेएनएन। उपायुक्त डॉ. प्रियंका सोनी ने स्वास्थ्य विभाग, शहरी स्थानीय निकाय विभाग तथा पंचायत विभाग सहित अन्य सभी विभागों को वर्ष 2021 के लिए हिसार को जीरो मलेरिया जिला बनाने का लक्ष्य दिया है। उन्होंने कहा कि हिसार में वर्ष 2011 में मलेरिया के 9308 मामले सामने आए थे, जो पिछले वर्ष घटकर केवल 2 रह गए थे। इसलिए यह लक्ष्य प्राप्त करना कठिन नहीं है। इस कार्य में सभी नागरिक भी मच्छरों को पनपने पर रोकने की दिशा में जिला प्रशासन का सहयोग करें।

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उपायुक्त ने यह बात आज जिला सभागार में जल जनित बीमारियों की रोकथाम के लिए जिला स्तरीय मलेरिया वर्किंग कमेटी की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही। उन्होंने आमजन से आह्वïान किया कि वे कूलर की सफाई करें व छतों पर पड़े बर्तनों व टायरों में पानी खड़ा न होने देंं, ताकि डेंगू, चिकनगुनिया व मलेरिया न फैले। उपायुक्त ने कहा कि इस कार्य में सभी विभाग अपनी जिम्मेदारी निभाएं और अपने दफ्तरों की नियमित सफाई करवाएं और यह सुनिश्चित करें कि उनके कार्यालय में कूलर या अन्य स्थानों पर पानी इक_ïा न हो। पंचायत विभाग जिला की सभी पंचायतों को जागरूक करे कि गांवों में कहीं भी गड्ढïों आदि में पानी खड़ा न रहे, जहां जरूरत हो वहां फोगिंग भी करवाई जाए।

इस अवसर पर एसएमओ व नोडल अधिकारी डॉ. सुभाष खतरेजा ने बताया कि खाली प्लाटों व गड्ढïों में खड़े पानी, पुराने बेकार टायरों, छतों पर रखे गए अनुपयोगी बर्तनों व अन्य जलस्रोतों में खड़ा पानी मलेरिया, डेंगू व चिकनगुनिया फैलाने वाले मच्छरों के पैदा होने के सबसे उपयुक्त  स्थान हैं। इसलिए जीरो मलेरिया का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए हमें पूरी तरह से जागरूक होकर कार्य करना होगा। उन्होंने बताया कि जिले के विभिन्न तालाबों में आयरिश, गंबुजिया व गप्पी मछलियों के बीज डलवाए जा रहे हैं, ये मछलियां लारवा को खाकर मच्छरों के पैदा होने की संभावना को खत्म कर देती हैं।

बैठक में जनस्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए गए कि जिले में कहीं भी जलापूर्ति लाईन में लीकेज न हो। इसके लिए एक टोल फ्री नंबर भी जारी करने को कहा गया है, जिस पर आमजन लाइन लीकेज की सूचना दे सकें। इसके अतिरिक्त पानी की सैंपलिंग करवाने व वाटर वक्र्स की नियमित सफाई करवाने के संबंध में भी दिशा-निर्देश दिए गए। बैठक में सीएमओ डॉ. रत्ना भारती, डिप्टी सीएमओ डॉ. जया गोयल, डॉ. सुभाष खतरेजा, डॉ. कुलदीप, आईएमए अध्यक्ष जेपीएस नलवा, डॉ. अजय महाजन, डॉ. एमडी छाबड़ा सहित अन्य विभागों के अधिकारी व संस्थाओं के पदाधिकारी भी मौजूद थे।


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