Adampur by-election announced: 1967 से कभी चुनाव नहीं हारने वाले चौ. भजनलाल परिवार की होगी अग्नि परीक्षा
आदमपुर उपचुनाव 3 नवंबर को होगा और 6 नवंबर को चुनाव परिणाम आएगा। आदमपुर उप-चुनाव संबंधी गजट नोटिफिकेशन 7 अक्टूबर को जारी किया जाएगा। इसके बाद आदर्श आचार संहिता भी लागू हो जाएगी। वहीं नामांकन की प्रक्रिया 14 अक्टूबर से शुरू होगी।
मनोज कौशिक, हिसार। आदमपुर उपचुनाव का बिगुल बज चुका है। 3 नवंबर को मतदान होगा और 6 नवंबर को चुनाव परिणाम आएगा। आदमपुर उप-चुनाव संबंधी गजट नोटिफिकेशन 7 अक्टूबर को जारी किया जाएगा। इसके बाद आदर्श आचार संहिता भी लागू हो जाएगी। वहीं नामांकन की प्रक्रिया 14 अक्टूबर से शुरू होगी, और छंटनी 15 अक्टूबर को और नामांकन वापसी 17 अक्टूबर को होगा। बीते विधानसभा चुनाव में कुलदीप बिश्नोई ने यहां से जीत दर्ज की थी, उनके कांग्रसे को अलविदा कहने और विधायक पद से इस्तीफा देने के चलते यह उपचुनाव हो रहा है।
कांग्रेस से बीजेपी में शामिल होकर इस्तीफा देने वाले कांग्रेस के विधायक रहे हरियाणा के पूर्व सीएम चौधरी भजनलाल के बेटे कुलदीप बिश्नोई के लिए यह बड़ी चुनौती है। भजनलाल का परिवार विधानसभा चुनावों में 1967 के बाद अब तक नहीं हारा है। हालांकि लोकसभा चुनाव में आदमपुर से पौते भव्य बिश्नोई को बेहद कम वोट मिले थे। लेकिन विधानसभा चुनावों में अब तक भजनलाल के दुर्ग को कोई तोड़ नहीं सका है। इस बार क्या होगा यह चर्चा का विषय बना हुआ है। सही मायने में कहा जाए तो इस बार भजनलाल की परिवार की अग्नि परीक्षा है।
भजनलाल परिवार से कौन हो सकता है प्रत्याशी
कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हुए कुलदीप बिश्नोई आदमपुर से चुनाव खुद लड़ेंगे या बेटे भव्य को ही प्रत्याशी बनाएंगे। इस पर अभी पूरी तरह से मुहर नहीं लगी है। हालांकि बेटे भव्य की संभावनाएं ज्यादा जाहिर की जा रही हैं। कांग्रेस, इनेलो और आप भी प्रत्याशी को घाेषित किए जाने की बाट जो रही है।
आम आदमी पार्टी भी हो रही सक्रिय, दिलचस्प हुआ मुकाबला
आदमपुर उपचुनाव में कांग्रेस, बीजेपी की तो टक्कर बताई ही जा रही थी, मगर बीच में एक दम से केजरीवाल की एंट्री ने माहौल को और दिलचस्प बना दिया है। करीब 10 दिन पहले ही अरविंद केजरीवाल ने पंजाब के सीएम भगवंत मान के साथ रैली की थी तो वहीं रविवार को ही उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी बालसमंद में रैली करके गए हैं। इसमें कई तरह की घोषणाएं करके भी लोगों को रिझाना का काम किया गया है।
सोनाली फोगाट मौत मामले से बदल गए समीकरण
बिग बास फेम बीजेपी नेत्री सोनाली फोगाट कुलदीप बिश्नोई की बीजेपी में एंट्री करने का शुरू से विरोध करती आ रही थीं। वे खुद बीते विधानसभा चुनावों में कुलदीप बिश्नोई के खिलाफ चुनाव लड़ी थी। इस बार भी बीजेपी की ओर से यहीं से चुनाव लड़ना चाहती थी। मगर कुलदीप बिश्नोई की बीजेपी में एंट्री होने से मामला बदलता नजर आया। उनके विरोध सुर देख उनकी मौत से तीन दिन पहले ही कुलदीप बिश्नोई मिलने पहुंचे थे। कुलदीप बिश्नोई और साेनाली ने कहा था कि उनके बीच अब कोई मतभेद नहीं है। सोनाली से विवाद खत्म होने के बाद कुलदीप बिश्नोई को बड़ा फायदा होने वाला था।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा व दीपेंद्र हुड्डा भी गड़ाए बैठे हैं नजरें
बीजेपी, आम आदमी पार्टी ही नहीं बल्कि पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा व उनके बेटे राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र हुड्डा भी आदमपुर सीट पर नजरें गड़ाए बैठे हैं। हाल में ही दीपेंद्र हुड्डा कई बार आदमपुर हलके में आ चुके हैं, वहीं उनके साथ पूर्व वित्तमंत्री संपत सिंह के बेटे गौरव संपत भी नजर आते हैं। नलवा से विधायक रहे पूर्व वित्तमंत्री संपत सिंह भी भाजपा को अलविदा कह कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं।
आदमपुर में अपने ही बूथ में हार गए थे भव्य बिश्नोई
आदमपुर मार्केट कमेटी में चौधरी भजन लाल की दुकान है। यहीं के बूथ में आज तक पूरा परिवार मतदान करता आया है। हैरानी की बात है कि चौधरी भजन लाल के पोते भव्य बिश्नोई को बीते लोकसभा चुनावों में पारिवारिक बूथ पर हार का सामना करना पड़ा। वह अपना बूथ बचाने में नाकाम रहे। आदमपुर मार्केट कमेटी में बने बूथ 57 में 136 मतों से भव्य बिश्नोई हार गए। भाजपा को यहां 287 वोट मिले तो भव्य बिश्नोई को मात्र 151 मतों से संतुष्ट होना पड़ा। बूथ नंबर 57 पर कुल 500 वोट पड़े थे। लेकिन इस बार कुलदीप बिश्नोई खुद भाजपा में हैं।