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अभिनेता पंकज बेरी ने कहा, सरकार ने हर क्षेत्र के लिए किया, फिल्म इंडस्ट्री के बारे में भी सोचे

अभिनेता पंकज बेरी दैनिक जागरण हिसार के फेसबुक पेज पर लाइव आकर लोगों से रूबरू हुए। उन्‍होंने कहा सरकार ने हर क्षेत्र के लोगों के लिए किया कलाकारों के लिए भी सोचे।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Thu, 11 Jun 2020 07:45 PM (IST)Updated: Thu, 11 Jun 2020 07:45 PM (IST)
अभिनेता पंकज बेरी ने कहा, सरकार ने हर क्षेत्र के लिए किया, फिल्म इंडस्ट्री के बारे में भी सोचे
अभिनेता पंकज बेरी ने कहा, सरकार ने हर क्षेत्र के लिए किया, फिल्म इंडस्ट्री के बारे में भी सोचे

हिसार, [पवन सिरोवा]। कलाकार आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। बहुत से कलाकार ऐसे हैं जो कम पैसे कमाते हैं। उसी से अपने परिवार का पालन पोषण करते हैं। मैं दैनिक जागरण समाचारपत्र के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से अपील करना चाहता हूं कि हमारी इंडस्ट्री के लिए कुछ करें, ताकि कलाकारों का भला हो सके। सरकार ने विभिन्न क्षेत्रों में कुछ न कुछ किया है। इसलिए फिल्म इंडस्ट्री के बारे में भी सरकार कुछ सोचें। मेरी प्रार्थना है। यह बात बॉलीवुड और टीवी धारावाहिकों के अपने अभियन का लोहा मनवाने वाहे अभिनेता पंकज बेरी ने कही। पंकज बेरी दैनिक जागरण हिसार के फेसबुक पेज पर मुंबई से वीरवार 11 जून 2020 को 12 बजे लोगों से रूबरू हुए। करीब डेढ़ घंटा उन्होंने जनता के सवालों के जवाब दिए। जिसमें हरियाणा के रहने वाले पंकज बेरी ने अपने जीवन की बातें साझा की। साथ ही अपनी आवाज में गीत (दुनिया में कितना गम है....) भी प्रस्तुत किए।

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लोगों के सवाल और पंकज बेरी के जवाब

सवाल : कोरोना के कारण मुश्किल घड़ी में कलाकर घर पर रहते हुए कैसे पॉजिटिव सोच को बढ़ावा दे सकते है?

जवाब : कोरोना में सावधानी में ही बचाव है। लंबे समय तक घर पर रहने से नेगेेटिव सोच दिमाग में आती है तो उसे मत आने दें। जितना पॉजिटिव सोच सकते है सोचे। योगा व प्रणायाम करें। अच्छी किताबें पढ़े, अच्छा सोचें और अच्छा लिखियें। इस मुश्किल वक्त में जितना पॉजिटिव हो सके रहे।

सवाल : कोरोना के कारण फिल्म इंडस्ट्री में आर्थिक स्थिति में परिवर्तन के अलावा और क्या बड़े बदलाव क्या आए?

जवाब : लॉकडाउन की बंदिशों में लोगों की सोच बदली है। लोग ओर गहराई से सोचने लगे है। लोगों की सोच का असर आगे सिनेमा और सीरियल पर भी दिखेगा। इंसान को इस समय प्रतिदिन आधा घंटा अवश्य बैठकर सोच-विचार करना चाहिए कि वह कहां पहुंचा और उसे क्या करना चाहिए।

सवाल : बचपन से लेकर अब तक का सफर कैसा रहा?

जवाब : थैंक्यू दैनिक जागरण जिनके माध्यम से जनता से जुड़ा। पहले मैं दो किस्ती पर सवार था। एक थियेटर और दूसरा क्रिकेट। साल 1982 में मैंने थियेटर को ही चुना। घासीराम कोतवाल नाटक में पापुलर हुआ और चंडीगढ़ से मुंबई की यात्रा शुरु हुई। फिल्म सैनिक की शूङ्क्षटग में एक्सीडेंट हो गया था जो लाइफ का मुश्किल दौर था। परिवार ने साथ दिया और मैं उसे उभरा। 

सवाल : नाटक की शूटिंग नियमित होने और सिनेमा में स्थिति सुधरने में अभी कितना समय लगेगा?

जवाब : तेनाली राम को प्यार दिया। उसके लिए धन्यवाद। थियेटर फेस्टिवल में हिसार में आया था उस दौरान बहुत प्यार मिला। अच्छे लोगों से मिला। अच्छें प्ले देखें। आशा करते है तेनाली राम की जल्द ही शूटिंग शुरू हो जाएगी। सितंबर तक सिनेमा खुलने की उम्मीद है, बाकि तो सरकार जाने। 

सवाल : लॉकडाउन से आपकी दिनचर्या में क्या परिवर्तन आया है? 

जवाब : बेटे के साथ ताश खेलता हूं। अपने हाथों से सब्जी-पकवान बनाकर खिलाता हूं। किचन में अलग अलग प्रकार के बदलाव कर रहा हूं। अलग-अलग पराठे बनाता हूं। बहुत आनंद आता है। कोरोना में आत्म चिंतन आत्म मनन और चीजों का विशेषण करने का मौका मिला।

सवाल : तेनालीराम में बेस्ट एक्सपीरियंस क्या रहा?

जवाब : तेनालीराम में बेहतरीन व भरपूर रोल है। नाट््यशास्त्र में नौ रस है। सबसे बेस्ट एक्सपीरियंस यही है कि आचार्य तथाचार्य का रोल करने का मौका मिला।


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