एक ऐसा सरकारी स्कूल जहां सिफारिश से भी नहीं होता दाखिला, मची रहती है होड़
सरकारी स्कूल में बच्चों का दाखिल कराने के नाम पर भले ही अभिभावक मुंह चिढ़ा लेते हों लेकिन रोहतक का एक सरकारी स्कूल ऐसा है जिसमें दाखिला दिलाना प्राइवेट स्कूल से भी मुश्किल है।
रोहतक [रतन चंदेल] सरकारी स्कूल में बच्चों का दाखिल कराने के नाम पर भले ही अभिभावक मुंह चिढ़ा लेते हों, लेकिन रोहतक का एक सरकारी स्कूल ऐसा है जिसमें दाखिला दिलाना प्राइवेट स्कूल से भी मुश्किल है। यहां दाखिले के लिए सिफारिशें तक लगती हैं, लेकिन दाखिला तय मापदंडों के आधार पर ही लिया जाता है। हम बात कर रहे हैं रोहतक जिले के गांव सांघी स्थित डा. सरूप सिंह राजकीय मॉडल संस्कृति सीनियर सेंकेंडरी स्कूल की। इसमें 32 गांवों से विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण करने आते हैं। रोहतक शहर से भी विद्यार्थी इसमें पढऩे आते हैं। यह सब कुशल शिक्षकों व उचित मार्गदर्शन से ही संभव है।
गांव का यह स्कूल यूं तो 1952 में बना था, लेकिन 2007 में इसे सरकार ने राजकीय मॉडल संस्कृति स्कूल घोषित किया। इसके तहत इसमें आवश्यक सुविधाएं मुहैया कराई गईं। यह स्कूल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में अपनी विशेष पहचान बनाए हुए है। प्राइवेट स्कूलों को छोड़कर भी विद्यार्थी इसमें दाखिला लेने आते हैं। शिक्षकों का कहना है कि स्कूल के गुणात्मक सुधार में विभाग के साथ साथ समाज का भी भरपूर सहयोग मिल रहा है। शिक्षक खुद न चाहें तो यहां से उनका स्थानांतरण नहीं होगा। प्रधानाचार्य भी सुबह से शाम तक स्कूल में ही रहते हैं ताकि बच्चों की पढ़ाई का उपयुक्त माहौल बना रहे। बता मेरे यार सुदामा फेम विधि देशवाल भी इसी स्कूल की छात्रा रही हैं।
पूर्व राज्यपाल के नाम पर रखा स्कूल का नाम
बता दें कि डा. सरूप सिंह सांघी गांव के ही निवासी थे। वे 1990 से 95 तक गुजरात के राज्यपाल रहे। उन्हीं के नाम पर इस स्कूल का नामकरण किया गया। यह स्कूल अगले शैक्षणिक सत्र से सीबीएसई से पंजीकृत हो जाएगा। इसके लिए प्रक्रिया चल रही है। स्कूल में 1750 विद्यार्थी हैैं जिन्हें पढ़ाने के लिए 65 शिक्षक कार्यरत हैैं।
ये हैं उपलब्धियां :
- 2010 से 2018 तक लगातार हरियाणा में प्रथम
- प्रधानाचार्य जयपाल दहिया को 2019 में स्टेट टीचर अवार्ड मिला
- आईटी में एक विद्यार्थी 2015 में हरियाणा में प्रथम रहा
- स्किल डेवलपमेंट में हरियाणा में तीसरा स्थान हासिल किया।
- मेरे यार सुदामा रै फेम विधि देशवाल इसी स्कूल की छात्रा रही हैं
- तीन विद्यार्थी जितेश, अंकित और निकिता लेफ्टिनेंट बने हैं।
- अनुज, अंजू व योगिता ने हाल ही में जेईई मेंस की परीक्षा पास की
- योगिता ने 2018 में 10वीं कक्षा में प्रदेश में छात्राओं में प्रथम स्थान पाया
- भाषण व लेखन प्रतियोगिताओं में लगातार दो साल प्रदेश में प्रथम स्थान पर रहा
- प्रधानमंत्री स्वच्छता अवार्ड प्रदेश स्तर पर एक बार व जिला स्तर पर तीन बार विजेता
- इनके अलावा और भी अनेक ढेरों उपलब्धियां स्कूल के नाम है।
स्कूल में हैैं यह सुविधाएं
- आरओ के पानी की सुविधा
- इंग्लिश लैब
- गणित की लैब
- स्मार्ट क्लास रूम
- 24 घंटे बिजली व्यवस्था
- स्वच्छ और हराभरा वातावरण
ऐसे होता है दाखिला
स्कूल में दाखिला लेने के लिए प्रवेश परीक्षा से गुजरना पड़ता है। अंग्रेजी माध्यम के इस स्कूल में प्रवेश परीक्षा के लिए भी पैमाना तय किया हुआ है। दाखिले के लिए सिफारिशें तक भी आती हैं।
----स्कूल में विद्यार्थियों की पढ़ाई के साथ-साथ उनके चहुंमुखी विकास पर जोर दिया जा रहा है। यहां पढ़ाई का बेहतर माहौल उपलब्ध कराने का प्रयास रहता है। स्कूल में कुशल शिक्षक हैं, आधुनिक लैब हैं और हराभरा वातावरण हैं। विभाग और समाज का सहयोग भी मिल रहा है।
- जयपाल दहिया, प्रधानाचार्य