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रंगों से नहीं अपने खून से शहीदों के चित्र बनाते हैं ये चित्रकार, वजह भी बेहद खास

चित्रकार थरिन्द्र पाल सिंह किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। मगर रंगों की बजाय कोई खून से चित्रकारी क्‍यों करेगा। तो आइए आपको बताते हैं इसके पीछे की असल वजह......

By Manoj KumarEdited By: Published: Mon, 16 Dec 2019 04:10 PM (IST)Updated: Tue, 17 Dec 2019 10:36 AM (IST)
रंगों से नहीं अपने खून से शहीदों के चित्र बनाते हैं ये चित्रकार, वजह भी बेहद खास
रंगों से नहीं अपने खून से शहीदों के चित्र बनाते हैं ये चित्रकार, वजह भी बेहद खास

हांसी, जेएनएन। आपने रंग बिरंगे रंगों से चित्रकारी करने वाले आर्टिस्‍ट तो बहुत देखे होंगे, मगर सोचिए कोई अपने खून से चित्रकारी करे तो क्‍या हो। चित्रकारी भी बस कहने भर को नहीं बल्कि ऐसी की चित्र देखो तो बस उसे देखते ही रह जाओ। ऐसे ही एक मशहूर चित्रकार थरिन्द्र पाल सिंह है। जो किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। उनके द्वारा बनाए गए चित्र देश-विदेश में अपनी छाप छोड़े हुए हैं। मगर आखिर रंगों की बजाय कोई खून से चित्रकारी क्‍यों करेगा। तो आइए आपको बताते हैं इसके पीछे की असल वजह.......

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चित्रकारी थरिन्द्र पाल सिंह के बचपन का शौक था जो कि अब उनका व्यवसाय बन चुका है। पेंटर पाल के नाम से मशहूर चित्रकार के द्वारा जब भी कोई विशेष मौका या उत्सव होता है तो अपने खून से चित्र बना पात्रों को समर्पण व श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।

उन्होंने अपने खून से न केवल गुरु गोबिंद सिंह, गुरु नानक देव जी, बाबा बंदा सिंह बहादुर, बाबा जतिंद्र पाल सिंह सोढ़ी के चित्र बना भेंट किए हैं। उनके द्वारा बनाए गए चित्र प्रदर्शनियों में दिखाए गए हैं। इसके साथ-साथ अन्ना हजारे, डा. भीम राम आम्बेडकर, राज्यकवि उदयभानू हंस, महाराजा रणजीत सिंह, जस्सा सिंह आहलूवालिया, सरदार श्याम सिंह अटारी, झांसी की रानी, भगत सिंह, चंद्रशेखर व कई अन्यों के चित्र बनाकर सामाजिक व धार्मिक संस्थाओं को समर्पित कर चुके हैं।

इनका मानना है कि खून से बनाया गया चित्र भले ही रंगों से सराबोर नहीं होता, मगर उसकी खूबसूरती सबसे ज्‍यादा होती है। सबसे ज्‍यादा तो इससे आ‍त्मिक शांति मिलती है। खून कैसे कब और कितना निकालना है इसका भी वो बखूबी ध्‍यान रखते हैं।

इसी कड़ी में चित्रकार थरिन्द्र पाल सिंह ने हांसी में 1971 भारत-पाक युद्ध के हीरो सरदार जगजीत सिंह अरोड़ा लेफ्टिनेंट जनरल व उस समय के थल सेना अध्यक्ष फील्ड मार्शल जनरल माण्कशाह के खून से चित्र बना उन्हें याद किया। उन्होंने कहा कि यह हमारे आदर्श हीरो हैं, जिन्होंने पाकिस्तान के 93000 सैनिकों का समर्पण करवा भारत को विजयी बनाया व पाकिस्तान को करारी हार दी।


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