हिसार के स्याहड़वा में 21 घंटे बाद मिला कुएं में दबा एक शव, NDRF और Army दूसरे की तलाश में जुटी
स्याहड़वा गांव में रविवार सुबह एक किसान और मजदूर कुएं में काम करते समय मिट्टी ढहने से दब गए। दोनों को निकालने के लिए एनडीआरएफ और सेना की टीम कुएं की खोदाई में लगी हुई है। मगर 21 घंटे के बाद आज सुबह 4 बजे मजदूर जगदीश का शव मिला।
जागरण संवाददाता, हिसार। शहर से 35 किलोमीटर दूर स्याहड़वा गांव में रविवार सुबह एक किसान और मजदूर कुएं में काम करते समय मिट्टी ढहने से दब गए। दोनों को निकालने के लिए एनडीआरएफ और सेना की टीम कुएं की खोदाई में लगी हुई है। मगर 21 घंटे के बाद आज सुबह 4 बजे मजदूर जगदीश का शव मिला है। अभी तक मालिक का कोई सुराग नहीं लगा है। गांव में सनसनी फैली हुई है। सैकड़ों की संख्या में लोग मौके पर पहुंचे हुए है। सुरक्षा के मद्देनजर भारी पुलिसबल तैनात हैं। यह घटनाक्रम रविवार सुबह 7.30 बजे का है।
सूचना पाकर डीसी डा. प्रियंका सोनी, एसपी लोकेंद्र सिंह, सीएमओ डा. रत्ना भारती, बिजली निगम से एक्सईन विजेंद्र लंबा, पीडब्ल्यूडी एवं जन स्वास्थ्य विभाग सहित अन्य अधिकारियों ने भी मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। प्रशासन ने गांव वालों को हर सभी सुविधा मुहैया करवाने का भी आश्वासन दिया है।
जानकारी के अनुसार रविवार सुबह घटना के बाद 8:30 बजे गांव वालों ने कुएं की खोदाई का काम शुरू कर दिया था। शुरू में दो ट्रैक्टर और एक जेसीब लगाई गई थी । इसके बाद गांव वालों ने कुछ और ट्रैक्टर और पोपलीन मशीन भी मंगवा ली थी। दोपहर 2:00 बजे तक ग्रामीणों ने करीब 20 से 25 फीट तक खोदाई कर ली थी। उसी समय सेना की टीम भी मौके पर पहुंची और स्थिति को परखा। मगर सेना की टीम को खोदाई का तरीका सही नहीं लगा। इसलिए बीच में ही खोदाई को रूकवा दिया गया।
इसके बाद सेना की टीम ने पोपलीन से आसपास का एरिया समतल करवाया। इसके बाद एनडीआरएफ और सेना की टीम कुएं की खोदाई में जुटी। दोनों टीम में अपने टेक्निकल तरीके से खोदाई कर रही है। एनडीआरएफ से टीम लीडर कन्हैया के नेतृत्व में एनडीआरएफ की टीम और सेना से सी ओ के नेतृत्व में सेना की टीम आई हुई थी। आज सुबह तक 45 फीट तक खोदाई कर ली गई। जल्द ही किसान के भी मिलने की संभावना है। सुबह चार बजे करीब आधे घंटे से तेज आंधी और तूफान है इस वजह से सेना की टीम ने अभियान को बंद कर दिया है अभी एक व्यक्ति को निकालना बाकी है जिसका कोई सुराग नहीं लगा है। अब फिर से सर्च अभियान जारी है।
खोदाई अलग-अलग तकनीक से की जा रही है। बालू मिट्टी के गिरने का भय अभी भी बना हुआ है। यही वजह है कि कुएं के पास लोहे की टीन लगाई गई है ताकि मिट्टी खिसक न जाए। आर्मी और एनडीआरएफ की टीम मेहनत कर रही है। जगदीश को सिविल अस्पताल की मोर्चरी में पोस्टमार्टम के लिए भी भेज दिया गया। वहीं जयपाल की तलाश जारी है। जल्द ही उनके भी मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।
एनडीआरएफ की टीम अब एक आधुनिक उपकरण लेकर आई है जिससे मिट्टे के ढहने से बचाव होगा और कुएं के अंदर तक खोदाई हो सकेगी। घटनास्थल पर अब भीड़ भी बढ़ने लगी है। आसपास के गांव के लोग भी पहुंचे हुए हैं। मजदूर की मौत से लोगों का हौसला भी हल्का टूटा है मगर किसान का जब तक पता नहीं चलता तब तक कोई थककर बैठने को राजी नहीं है।