जहां कोई भी नहीं हुआ था पास, इस बार 92.30 फीसद पहुंचा वहां का दसवीं कक्षा का परिणाम
हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के दसवीं कक्षा के परिणाम में पिछली बार रहा था बहुत कम परिणाम। काबरेल स्कूल का शून्य परिणाम तो मात्रश्याम का पहले 13.5 फीसद रहा था परिणाम
हिसार, जेएनएन। एक साल पहले जो स्कूल फर्श पर थे वो अब अर्श पर पहुंच गए हैं। अध्यापकों की मेहनत और विद्यार्थियों की तरफ से दिए गए अतिरिक्त समय ने स्कूल का परिणाम 90 फीसद तक ला खड़ा किया है। इस साल कुछ विद्यार्थी रह गए, लेकिन अब परिणाम और बेहतर करने के लिए अध्यापक अपनी नई रणनीति तैयार करने में लगे हुए है। वह इस साल पिछड़े बच्चों की नैय्या पार लगा सके। हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने शुक्रवार को दसवीं का परीक्षा परिणाम घोषित किया था। परिणाम में पिछले वर्ष फिसड्डी रहे काबरेल, मात्रश्याम और ङ्क्षमगनी खेड़ा के स्कूल ने इस बार अपने आयाम स्थापित किए हैं।
शून्य से पहुंच गए 92.30 फीसद परिणाम
काबरेल का राजकीय गर्ल्स हाई स्कूल का पिछले वर्ष शून्य परिणाम रहा था। 24 छात्राओं में से कोई भी पास नहीं हो पाया था। कारण था स्कूल में दो ही अध्यापक थे जिसमें एक इंचार्ज का काम संभाल रहा था। सितंबर 2017 के बाद इसमें अध्यापक पहुंचे, लेकिन मार्च में हुई परीक्षा के बाद परिणाम शून्य रहा। इस पर शिक्षा विभाग ने जांच की तो कई कारण सामने आए। विभाग ने फिर स्कूल में स्टॉफ को पूरा किया और पढ़ाई शुरू करवाई। एक के बाद एक दिन बीता। अतिरिक्त कक्षाएं शुरू हुई। छात्राओं को पहले याद करवाया जाता और फिर उनसे टेस्ट लिया जाता। यह पूरा साल निरंतर चला। उसका परिणाम यह रहा कि पिछले वर्ष फेल हुई सभी छात्राओं के साथ दाखिल हुए नई छात्राओं ने परिणाम को 92.30 फीसद तक पहुंचा दिया। इस बार 39 छात्राएं थी जिसमें 34 पास हुई। दो की कंपार्टमेंट आई है।
मात्रश्याम का री-चेकिंग में बढ़ गया था 10 फीसद परिणाम, अब 87.5 फीसद तक पहुंचा
मात्रश्याम के राजकीय हाई स्कूल का परीक्षा परिणाम पिछले वर्ष बोर्ड ने शुरुआत में 3.7 फीसद घोषित किया था। बच्चों को डाउट हुआ तो कुछ ने री-चेङ्क्षकग का फार्म भरा और दो के नंबर बढ़ गए। स्कूल का परिणाम उसके बाद 13.5 फीसद तक बढ़ गया, मगर नंबर कम वाली सूची से स्कूल का नाम नहीं हट पाया। पिछले वर्ष गणित और साइंस के टीचर नहीं होने का खामियाजा स्कूल का भुगतना पड़ा था। परिणाम कम होने पर विभाग ने टीचर पूरे किए इस बार परीक्षा परिणाम 87.5 फीसद तक पहुुंच गया।
छुट्टी के दिन भी लगाईं कक्षाएं तो 10 से 90 फीसद पहुुंच गया मिंगनी खेड़ा का परिणाम
मिंगनी खेड़ा का राजकीय हाई स्कूल का परीक्षा परिणाम पिछले वर्ष 10 फीसद रहा था। उस परिणाम के बाद स्कूल की तरफ से अलग से योजना बनाई गई। छुट्टी के दिन भी कक्षाएं लगाई तो परिणाम में सुधार हुआ। इस बार दसवीं का परीक्षा परिणाम 90 फीसद तक पहुंच गया। इस बार 28 बच्चों में से 26 पास हुए, जबकि दो की कंपार्टमेंट आई। स्कूल के हेड मास्टर सुखबीर ङ्क्षसह आर्य ने बताया कि आठवीं से नौवीं में पिछली बार बच्चे आए थे तो काफी को तो अक्षर ज्ञान तक नहीं था। उसका असर परीक्षा परिणाम पर पड़ा था। इस बार सभी अध्यापकों ने मेहनत की। अतिरिक्त कक्षाएं लगाई। छुट्टी के दिन भी बच्चों को स्कूल बुलाया और मोटीवेशन करते हुए टेस्ट भी लिए। अतिरिक्त कक्षाओं और अतिरिक्त मेहनत से ही आज परिणाम बेहतर हुआ है।
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