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90 साल पुरानी बैल गाड़ी को किसानों ने फिर किया तैयार, बैल जोड़कर टीकरी बॉर्डर पहुंचे

90 साल पुरानी इस गाड़ी को किसान परिवार ने एक-एक पुर्जा खोलकर सुरक्षित रखा हुआ था। आंदोलन को धार देने को फिर से यह गाड़ी तैयार की और बैलों की जोड़ी लेकर पहुंच गए। बाईपास से इसी गाड़ी के जरिये किसानों ने टीकरी बॉर्डर सभा में पहुंचकर शिरकत की।

By Manoj KumarEdited By: Published: Sun, 17 Jan 2021 05:42 PM (IST)Updated: Sun, 17 Jan 2021 05:42 PM (IST)
90 साल पुरानी बैल गाड़ी को किसानों ने फिर किया तैयार, बैल जोड़कर टीकरी बॉर्डर पहुंचे
किसानों ने कहा कि जरूरत पड़ी तो बैल गाड़ी के साथ बाकी पशुओं को भी गांव से लाया जाएगा।

बहादुरगढ़, जेएनएन। रोहतक के गांव बहलबा के किसान रविवार को बैलगाड़ी लेकर टीकरी बॉर्डर पर पहुंचे। 90 साल पुरानी इस गाड़ी को किसान परिवार ने एक-एक पुर्जा खोलकर सुरक्षित रखा हुआ था। आंदोलन को धार देने को फिर से यह गाड़ी तैयार की और बैलों की जोड़ी लेकर पहुंच गए। बाईपास से इसी गाड़ी के जरिये किसानों ने टीकरी बॉर्डर सभा में पहुंचकर शिरकत की। किसान धूप सिंह व पप्पू ने कहा कि अब वे अपने बैलों को भी आंदोलन में लाने के लिए मजबूर हो गए हैं।

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इन्हें यही पर रखेंगे और जरूरत पड़ी तो बाकी पशुओं को भी गांव से लाया जाएगा। उन्हें भी नेशनल हाइवे पर ही रखेंगे। सड़क की एक लाइन पर तो वे खुद ट्रैक्टर-ट्रालियों के साथ जमे हुए हैं जबकि दूसरी लेन पर पशुओं को बांधने पर मजबूर होंगे। ऐसे में पूरी सड़क को ही जाम किया जाएगा। जब तक सरकार मांगे पूरी नहीं करेगी, तब तक सड़क पर रहेंगे।

जींद के किसान ने शुरू की अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल

जींद के गांव घोघडिय़ा के किसान वीरेंद्र ने टीकरी बॉर्डर पर आंदोलन के बीच में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी है। शनिवार से उन्होंने हड़ताल शुरू की और किसानों की मांग पूरी होने तक इसे जारी रखने का ऐलान किया है। अन्य किसान भी वीरेंद्र के समर्थन में पहुंच रहे हैं।


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