मां-बाप से मिला 2 साल पहले बिछुड़ा मासूम, लॉकडाउन न होता तो पहुंच जाता ऑस्ट्रेलिया
दो साल पहले दिल्ली के मुंडका स्थित एक फैक्ट्री के बाहर से लापता हुआ मासूम अनुज अगर लॉकडाउन नहीं लगता तो शायद आस्ट्रेलिया पहुंच जाता। लेकिन कुदरत को शायद यह मंजूर नहीं था। दो साल बाद अब वह यूपी निवासी अपने माता पिता को मिल गया है।
झज्जर, जेएनएन। दो साल पहले दिल्ली के मुंडका स्थित एक फैक्ट्री के बाहर से लापता हुआ मासूम अनुज अगर लॉकडाउन नहीं लगता तो शायद आस्ट्रेलिया पहुंच जाता। लेकिन कुदरत को शायद यह मंजूर नहीं था। दरअसल, उत्तर प्रदेश के जिला हरदोई निवासी बबलू वर्ष 2018 में दिल्ली के मुंडका स्थित एक फैक्ट्री में परिवार सहित काम करते थे। जुलाई 2018 में उनका बेटा 6 वर्षीय अनुज फैक्ट्री के समीप खेल रहा था, काम खत्म करके आकर देखा तो बेटा वहां पर नहीं मिला।
पुलिस से लापता बेटे को खोजने की गुहार भी लगाई। काफी प्रयास किए। लेकिन, पता नहीं चल पाया। इसलिए दिल्ली को छोड़ वापिस अपने गांव चले गए। क्योंकि, वे बेटे के मिलने की उम्मीद छोड़ चुके थे और बेटे के मिलने का कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा था। मगर फिर इस कहानी में एक नया मोड़ आया और अब दो साल के बाद बच्चा अपने अपने माता पिता को मिल गया।
सिर्फ कुछ शब्दों के माध्यम से घर तक पहुंची टीम
गुम होने के बाद 10 जुलाई 2018 को बहादुरगढ़ में फैक्ट्रियों के पास अनुज घूमता हुआ पाया गया। हालत खराब थी। बरामद हुए बच्चे को पुलिस ने सीड्ब्ल्यूसी के हवाले कर दिया। बच्चे से पूछताछ की और उमंग चिल्ड्रन होम में भेज दिया गया। बच्चा केवल गांव मुरादपुर व बाजार आलमपुर के बारे में ही बता पाया था, जहां पर उसका ननिहाल पड़ता था। बच्चे से मिली जानकारी के आधार पर सीड्ब्ल्यूसी व स्टेट क्राइम ब्रांच ने वहां पर बच्चे की पहचान करवाने के लिए अभियान चलाया।
जल्दी से कहीं पर कोई सुराग नहीं लगा। फोटो आसपास के शहरों में पहुंचाए गए। ताकि बच्चे को पहचान सके। इसके बाद जब बच्चे के माता-पिता का पता चला तो संपर्क किया। पहले सीड्ब्ल्यूसी व स्टेट क्राइम ब्रांच ने अनुज को वीडियो कॉल के माध्यम से माता-पिता से बात करवाई। सोमवार को बच्चे के माता-पिता बुलाए गए और उन्हें बच्चा सौंप दिया गया।
2 साल बिछुड़े बेटे को सामने देखा तो खिल उठे चेहरे
दो साल से बिछुड़े बेटे को जब सामने देखा तो सबके चेहरे खिल उठे। माता-पिता व बच्चे के चेहरे पर खुशी अलग ही झलक रही थी। माता-पिता दो साल तक बेटा नहीं मिलने के कारण उम्मीद भी छोड़ चुके थे। लेकिन जब अपने बच्चे को अपनी आंखों के सामने देखा तो खुशी रोक नहीं पाए। परिवार से बच्चे को मिलाने वाली हर कड़ी का शुक्रिया अदा कर रहे थे। दुआ दे रहे थे।
लॉकडाउन नहीं लगता तो अनुज जाते आस्ट्रेलिया
लंबे समय तक अनुज के माता-पिता नहीं मिलने के कारण एक ऑस्ट्रेलियन दंपती ने एक प्रक्रिया के तहत अनुज को गोद लेने की इच्छा जताई। गोद (अडॉप्ट) लेने की कार्रवाई के लिए कानूनी प्रक्रिया पूरी की जा चुकी थी। लीगल रूप से अनुज को गोद दिया जा सकता था। इसके तहत एक आस्ट्रेलिया के परिवार ने अनुज को गोद लेने के लिए आवेदन किया हुआ था। लॉकडाउन के कारण इस प्रक्रिया में कुछ देरी हुई। वहीं अब करीब 5-6 महीने में गोद भी लिया जाना था। लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते लॉकडाउन में पूरी प्रक्रिया नहीं हो सकी। माता-पिता मिलने के बाद अब अनुज को गोद लेने की प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ेगी।
- बच्चे को माता-पिता से मिलाने के लिए प्रयास कर रहे थे। जैसे ही इसके माता-पिता का पता चला तो उन्हें बुलाया गया है। अब अनुज को माता-पिता को सौंप दिया जाएगा। माता-पिता व बच्चा दोनों ही खुश हैं। प्रयास रहता है कि गुम हुए बच्चों को माता-पिता से मिलाया जाए।
----एएसआइ राजेश कुमार, स्टेट क्राइम ब्रांच।
-अनुज को आस्ट्रेलिया का परिवार गोद लेने की तैयारी में था। इसकी प्रक्रिया चल रही थी। हालांकि सोमवार को कागजी कार्रवाई के बाद अनुज को उनके माता-पिता को सौंप दिया है। बच्चे ने भी अपने माता-पिता से मिलकर खुशी जताई है।
---वीना रानी, सदस्य, सीड्ब्ल्यूसी, झज्जर।