पांच बहनों पर 17 साल बाद पैदा हुआ लड़का, छत गिरी तो बुझ गया 7 महीने का चिराग
बारिश में मकान की छत गिरने से बच्चे की मौत हो गई। गरीबी में पिता बिल नहीं चुका पाया तो अस्पताल प्रशासन ने शव देने से भी इन्कार कर दिया। जैसे तैसे रुपये जुटाए और शव लिया।
भूना/फतेहाबाद, जेएनएन। मुसीबत जब आती है तो अकेले नहीं आती साथ में दुखों का अंबार लेकर आती है। 17 साल की लंबे इंतजार के बाद पैदा हुए 5 बहनों के इकलौते भाई ने महज 7 माह बाद ही दुखद घटना में परिवार को अलविदा कह दिया। जिसके चलते लंबे अरसे बाद प्रज्वलित होने वाला परिवार को चिराग पुन: बुझ गया और परिवार में मातम पसर गया।
कस्बे के फतेहाबाद रोड निवासी पवन कुमार के निर्माणाधीन मकान की छत के तले पूरा परिवार दब गया था। जिसमें से 7 माह के मासूम बच्चे गुरूदेव ने हिसार के निजी अस्पताल में दम तोड़ दिया। आर्थिक तंगी से जूझ रहे परिवार के समक्ष संकट उस समय और अधिक विकराल हो गया, जहां इलाज का बिल न चुका पाने के कारण निजी अस्पताल संचालक ने मासूम का शव देने से भी इन्कार कर दिया।
हिसार के अतिरिक्त जिला उपायुक्त, एसडीएम व सिविल सर्जन सहित अन्य अधिकारियों ने पवन कुमार ने मदद की गुहार लगाई, लेकिन कहीं फरियाद नहीं सुनी गई। आखिरकार अपने स्तर पर राशि एकत्रित करके मासूम का शव भूना लाया गया और रिती रिवाजों के अनुसार अंतिम श्रद्धांजलि दी गई।
बता दें कि भूना के फतेहाबाद रोड निवासी पवन कुमार अपने परिवार सहित नवनिर्मित कमरों में आराम कर रहा था। इस दौरान तेज बरसात हुई और बरसात के चलते अचानक कमरे की छत गिर गई और धमाके के साथ ही पूरा परिवार चोटिल हो गया। जिसमें पवन कुमार, उसकी पत्नी सुमन व पांच बेटियां तथा 7 माह का मासूम बालक गुरूदेव शामिल था।
सभी को उपचार के लिए सीएचसी भूना से प्राथमिक उपचार के बाद फतेहाबाद रेफर किया गया। लेकिन चिकित्सकों ने उन्हें फतेहाबाद से अग्रोहा रैफर कर दिया। अग्रोहा के चिकित्सकों ने मासूम गुरुदेव की गंभीर हालत को देखते हुए हिसार रेफर कर दिया, जहां उसने दम तोड़ दिया। गुरूदेव अपनी 5 बहनों का इकलौता भाई था।