दो महीने में ही यहां पहुंचे 65 विदेशी नागरिक, 12 का ही रजिस्ट्रेशन, बाकियों का रिकार्ड ही नहीं
इराक से लेकर अफगानिस्तान और नाइजीरिया समेत अन्य देशों के नागरिक शामिल है। विदेशी लोग रोहतक में कर चुके हैं कई वारदातें
विनीत तोमर, रोहतक
रोहतक शहर में 65 से अधिक ऐसे विदेशी नागरिक रह रहे हैं कि जिनका पुलिस के पास भी कोई रिकॉर्ड नहीं है। इनमें इराक से लेकर अफगानिस्तान और नाइजीरिया समेत अन्य देशों के नागरिक शामिल है। कुछ ने यहां पर शिक्षण संस्थानों में पढ़ाई के लिए एडमिशन लिया है तो कुछ नौकरी के लिए रोहतक में है, लेकिन हैरानी की बात यह है कि दो माह के अंदर इतनी बड़ी संख्या में एक साथ विदेशी नागरिक शहर में आए है और पुलिस के पास उनका कोई रिकॉर्ड नहीं है।
दरअसल, पुलिस के पास अभी तक 63 विदेशी नागरिकों का रिकॉर्ड है, जिसमें 42 पुरुष और 21 महिलाएं शामिल है। यह वह विदेशी नागरिक है जो करीब 2015 से जिले में अलग-अलग स्थानों पर रह रहे हैं। इनमें से कुछ नौकरी कर रहे हैं तो कोई पढ़ाई कर रहा है। इनके अलावा हाल ही में जुलाई और अगस्त माह में एक साथ 65 से अधिक विदेशी नागरिक शहर में आए हैं। जिसमें अधिकर इराक के रहने वाले हैं, जबकि कुछ अफगानिस्तान और कुछ नाइजीरिया समेत अन्य देशों के हैं। इन विदेशी नागरिकों में भी दोनों तरह के लोग शामिल है, यानी कि कुछ लोग नौकरी करने आए हैं तो अधिकतर ने पढ़ाई के लिए शिक्षण संस्थानों में एडमिशन लिया है। नियमानुसार, यदि जिले में कोई भी विदेशी नागरिक आता है तो पुलिस के पास उसका रजिस्ट्रेशन होता है और फिर उसकी वेरिफिकेशन कराई जाती है। हैरानी की बात यह है कि दो माह के अंदर 65 से अधिक विदेशी नागरिक जिले में आए, लेकिन पुलिस के रिकार्ड में केवल 12 नए लोगों का रजिस्ट्रेशन हुआ। इसके अलावा बाकी लोगों का कोई पता ही नहीं है। ऐसे में खुद अंदाजा लगाया जा सकता है कि विदेशियों को लेकर पुलिस की लापरवाही बरत रही है। एक माह से हैं विदेशियों का गैंग सक्रिय
एक माह से जिले में विदेशियों का गैंग भी सक्रिय है। जो लगातार घटनाओं को अंजाम दे रहा है। पहली घटना पिछले माह शिवाजी कॉलोनी थाना क्षेत्र में एक व्यापारी के साथ ठगी कर की थी। दूसरी घटना इसी माह तीन सितंबर को सांपला के कंसाला में व्यापारी को बातों में उलझाकर 52 हजार रुपये चोरी कर लिए थे। दोनों ही घटनाओं में विदेशी नागरिक शामिल रहे थे। जिनकी भाषा भी अलग थी और भारतीय करेंसी देखने के नाम पर व्यापारियों को अपना निशाना बनाया। इन घटनाओं के सामने आने के बाद भी पुलिस विदेशियों को लेकर गंभीर नहीं है।
नशे की खेप के साथ भी पकड़े जा चुके हैं विदेशी
पढ़ाई और नौकरी का हवाला देकर आने विदेशी अपराधिक घटनाओं में भी पीछे नहीं है। कुछ समय पहले एसटीएफ की टीम ने एक विदेशी नागरिक को नशे की खेप के साथ भी पकड़ा था, जो महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय समेत अन्य शिक्षण संस्थानों में नशे का सामान बेचता था। आरोपित पहले छात्रों को फ्री में नशे का सामान देकर उन्हें आदी बना देता था और आदत पड़ने के बाद उनसे मोटी रकम वसूलता था। आरोपित अपने विदेशी साथियों के साथ वाट्सएप पर संपर्क में रहता था। जैसे ही उसकी गिरफ्तारी का पता चला तो उसके बाकी साथी भी भूमिगत हो गए, जिनका अभी तक कोई पता हीं नहीं चला। विदेशों से आने वाले लोगों का पुलिस के पास रजिस्ट्रेशन कराया जाता है। जिसमें विदेशी नागरिक के बारे में पूरी जानकारी होती है। जुलाई और अगस्त माह में करीब 12 विदेशी नागरिकों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। बाकी की प्रक्रिया चल रही है।
- भूपेंद्र दहिया, इंचार्ज सिक्योरिटी ब्रांच।