Move to Jagran APP

विभागों के नहीं काटने होंगे चक्कर, जिला, उपमंडल व तहसील स्तर पर मिलेंगी 500 से अधिक सेवाएं

अंत्योदय सरल व हरपथ पर विभागाध्यक्षों को प्रशिक्षित करने के लिए एक दिवसीय डिजिटल हरियाणा वर्कशॉप आयोजित

By JagranEdited By: Published: Wed, 19 Sep 2018 01:56 PM (IST)Updated: Wed, 19 Sep 2018 01:56 PM (IST)
विभागों के नहीं काटने होंगे चक्कर, जिला, उपमंडल व तहसील स्तर पर मिलेंगी 500 से अधिक सेवाएं
विभागों के नहीं काटने होंगे चक्कर, जिला, उपमंडल व तहसील स्तर पर मिलेंगी 500 से अधिक सेवाएं

जेएनएन, हिसार :

loksabha election banner

उपायुक्त अशोक कुमार मीणा ने कहा कि आम आदमी को अब अपने काम करवाने के लिए अलग-अलग विभागों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे बल्कि उन्हें सरकार द्वारा दी जाने वाली 500 से अधिक सेवाएं एक ही छत के नीचे उपलब्ध करवाई जाएंगी। इसके लिए जिला, उपमंडल व तहसील स्तर पर अंत्योदय सरल केंद्र खोले जाएंगे।

उपायुक्त मीणा आज हकृवि स्थित मानव संसाधन प्रबंधन विभाग के सेमिनार हॉल में सभी विभागों के कार्यालयाध्यक्षों को प्रशिक्षित करने के लिए आयोजित एक दिवसीय डिजिटल हरियाणा वर्कशॉप को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सभी कार्यालयाध्यक्ष अपने विभागों की सभी योजनाओं की ऑनलाइन प्रगति का विश्लोषण करने का पर्याप्त प्रशिक्षण लें। सेमिनार में सीएम सैल, चंडीगढ़ से आए हार्दिक राठौड़ ने अंत्योदय सरल के तहत आने वाली सभी सेवाओं और इन्हें प्रदान करने में कार्यालयाध्यक्षों की जिम्मेदारियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

उपायुक्त अशोक कुमार मीणा ने कहा कि जनता को सरकारी सेवाएं देने वाले 37 विभागों द्वारा दी जाने वाली 236 योजनाओं के अंतर्गत 400 से अधिक सेवाएं इस समय सरल पोर्टल पर उपलब्ध करवाई जा चुकी हैं, जिनकी संख्या जल्द ही 600 से अधिक की जाएंगी। उन्होंने कहा कि इस पोर्टल पर मिलने वाली सेवाओं को सेवा का अधिकार कानून के तहत नोटिफाई किया गया है ताकि ये सेवाएं सरकार द्वारा निर्धारित समयावधि में लोगों को प्रदान की जा सके। आम आदमी अंत्योदय सरल केंद्रों अथवा अपने घर से भी सेवाएं लेने के लिए आवेदन कर सकता है।

उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी सेवा का अधिकार कानून अधिनियम को पढ़ें। उन्होंने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि वे डाटा एंट्री ऑपरेटर या क्लर्क के भरोसे काम न छोड़ें बल्कि खुद प्रतिदिन सरल के डैशबोर्ड का निरीक्षण करें और यह जानकारी रखें कि विभाग के पास कितने आवेदन आए, कितनों की प्रक्त्रिया पूरी की जा चुकी है और कितनी पेंडेंसी है। उन्होंने कहा कि हर विभाग द्वारा चेक लिस्ट बनाई जानी है कि किस सेवा के लिए कौन-कौन से दस्तावेज जमा करवाने जरूरी है। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारियों को अगले एक महीने के भीतर सरल पर उपलब्ध अपनी सेवाओं और इसकी अपडेटिड स्थिति के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए। उपायुक्त ने कहा कि इस समय हिसार में 16 विभाग सरल पर सूचीबद्ध हैं। उन्होंने मौके पर ही ऑनलाइन सभी विभागों का स्कोर देखा और धीमी गति वाले विभागों से पेंडेंसी का कारण पूछा।

अतिरिक्त उपायुक्त अमरजीत सिंह मान ने कहा कि हर अधिकारी को हर काम आना चाहिए ताकि वे केवल अपने कंप्यूटर ऑपरेटर पर आश्रित न रहें। उन्होंने कहा कि ऑफिस बेस्ड कार्य होना चाहिए, पर्सन बेस्ड नहीं होना चाहिए। उन्होंने जिला सूचना अधिकारी को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि दिशा केंद्र के सभी कर्मचारी पहचान पत्र गले में डालकर रखें ताकि किसी भी बाहरी व्यक्ति की पहचान देखते ही हो सके। सेवाएं देने वाला कर्मचारी यदि लंबे समय तक मोबाइल पर बात करता दिखा तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। यदि बहुत जरूरी है तो कर्मचारी बाहर जाकर बात करें और जल्द बात खत्म करके अपनी टेबल पर वापस आकर कार्य करे।

उन्होंने कहा कि बदलते समय के साथ सभी सेवाएं ऑनलाइन हो रही हैं और सेवा के अधिकार अधिनियम के तहत अब समय पर कार्य करना अधिकारियों की मजबूरी हो गई है। जो अधिकारी समय पर अपना काम नहीं करेगा, उसे सरकार अनिवार्य सेवानिवृत्ति देकर घर भेज देगी। ऑनलाइन होने के कारण अधिकारियों-कर्मचारियों द्वारा किए जा रहे कायरें का सिलसिलेवार रिकॉर्ड सरकार व विभागों के चंडीगढ़ मुख्यालय पर संरक्षित रहेगा। यदि अधिकारियों के सेवा रिकॉर्ड को उनकी वार्षिक गोपनीय रिकॉर्ड के साथ जोड़ दिया जाए तो काम से बचने वाले अधिकारियों का बचना मुश्किल हो जाएगा।

चंडीगढ़ से आए हार्दिक राठौड़ ने बताया कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने एक साल पहले यह निर्देश दिए कि नागरिकों को सभी सेवाएं एक ही प्लेटफार्म पर मिले जिसे जी2सी यानी गवर्नमेंट टू सिटिजन कहा गया है। हरियाणा देश का पहला ऐसा राज्य है जिसने एक ही पोर्टल पर 400 से अधिक सेवाएं अपने नागरिकों को उपलब्ध करवानी शुरू की है। हरियाणा के उदाहरण से प्रेरित होकर 3 अन्य राज्यों, कर्नाटक, झारखंड व त्रिपुरा ने हरियाणा सरकार से इस मॉडल को अपने राज्यों में लागू करने में सहायता की माग की है। सरल केंद्र पूरी तरह से कैशलैस व पेपरलैस होगा।

उन्होंने बताया कि विभागों द्वारा आवेदनों के निपटान करते हुए सेवाएं उपलब्ध करवाने की प्रगति के आधार पर प्रत्येक विभाग का सरल स्कोर बनेगा जिसकी समीक्षा जिला स्तर पर उपायुक्त और प्रदेश स्तर पर खुद मुख्यमंत्री करेंगे। उन्होंने बताया कि बिना प्रचार हर रोज 30 हजार लोग सरल पर अप्रोच कर रहे हैं। जल्द ही सरल पोर्टल का उपयोग करने वालों की संख्या में भारी बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। सरल से जुड़े नागरिकों के आकड़ों का उपयोग देश व प्रदेश की भविष्य की योजनाएं बनाने में भी मदद मिलेगी।

उन्होंने मौके पर ही अधिकारियों को ऑनलाइन डेमो करके दिखाया कि वे अपने विभाग के डैशबोर्ड को किस प्रकार संचालित कर सकते हैं। उन्होंने अधिकारियों-कर्मचारियों के सवालों, जिज्ञासाओं और समस्याओं के संबंध में विस्तार से जानकारी देते हुए उनका समाधान किया।

इस अवसर पर अतिरिक्त उपायुक्त अमरजीत सिंह मान, सीटीएम शालिनी चेतल, बरवाला एसडीएम पृथ्वी सिंह, हासी एसडीएम राजीव अहलावत, नगर निगम के संयुक्त आयुक्त जयबीर यादव, जिला सूचना अधिकारी एमपी कुलश्रेष्ठ, वरिष्ठ वैज्ञानिक अखिलेश कुमार, सीएमजीजीए राधिका सिंघल, डीआरओ राजेंद्र सिंह, जिला समाज कल्याण अधिकारी डॉ. डीएस सैनी, पशुपालन विभाग के उपनिदेशक डॉ. डीएस सिंधू सहित अन्य विभागों के उच्चाधिकारी भी मौजूद थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.