फेल होने से गलत कदम उठाने का था अंदेशा, 2.1 फीसद ग्रेस मार्क्स के बाद भी 42.61% बच्चे फेल
हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड में दसवीं कक्षा के करीब 42.61 फीसद छात्र फेल हो गए। इस बार परीक्षा उत्तीर्ण करने के लिए उसने सर्वाधिक 12 अवसर दिए। फिर भी रिजल्ट में सफलता न मिली
भिवानी, जेएनएन। हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड में दसवीं कक्षा के करीब 42.61 फीसद छात्र फेल हो गए। इससे परेशान छात्रों के हताशा भरे कदम से चिंतित बोर्ड प्रशासन ने पहले ही कई कदम उठा लिये थे। इस बार परीक्षा उत्तीर्ण करने के लिए उसने सर्वाधिक 12 अवसर दिए हैैं। 2.1 फीसद ग्रेस भी दिए हैं। यानी एक विषय में 13 से अधिक अंक भी दे कर उन्हें पास कर दिया है। मगर 2.1 फीसद ग्रेस मार्क्स के बाद भी 42.61 फीसद बच्चे फेल हो गए।
आधिकारिक सूत्र बताते हैं कि हाल ही में मानव संसाधन विभाग के आला अधिकारियों की बैठक में फैसला किया गया था कि परीक्षा परिणाम सुधारने के नाम पर मोडरेशन नहीं किया जाएगा, लेकिन बोर्ड अधिकारियों को यह अधिकार दे दिया गया कि वे फेल छात्र को पास करने के लिए कितने भी अंक दे सकते हैं। बोर्ड प्रशासन ने दसवीं कक्षा के परिणाम तैयार करते हुए भी इसको ध्यान में रखा और जिन छात्रों को एक विषय में 14-15 अंक आए हैं, उन्हें पास होने के लिए आवश्यक अंक दे दिए गए हैं।
बोर्ड द्वारा एक फीसद ग्रेस माक्र्स देने की परिपाटी शुरू से ही चली आ रही है। सेमेस्टर व्यवस्था में हर सेमेस्टर में एक-एक फीसद ग्रेस मार्क्स दे दिए जाते थे। बोर्ड अध्यक्ष डा. जगबीर सिंह ने कहा कि प्रशासन ने नियमानुसार सभी छात्रों को 2.1 फीसद ग्रेस मार्क्स दिए हैं। मानव संसाधन मंत्रालय की बैठक में फैसला हो चुका है कि छात्र को पास करने के लिए कितने भी अंक दिए जा सकते हैं, लेकिन परीक्षा सुधार के नाम से मोडरेशन बिल्कुल नहीं किया जाएगा। हमने भी छात्रों को पास करने के लिए तो 13 अंक दिए हैं।
10 फीसद परीक्षा परिणाम में सिमट गए 73 स्कूल
हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की दसवीं एवं बारहवीं कक्षाओं का परीक्षा परिणाम में इस बार कई रिकॉर्ड बने हैैं। प्रदेश के 73 स्कूलों की परीक्षा परिणाम शून्य से 10 फीसद तक रहा है। हालांकि 100 फीसद रिजल्ट देने वाले स्कूलों की संख्या हजारों में है।
हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड प्रशासन ने शनिवार को सरकारी व गैर सरकारी स्कूलों का विश्लेषण करते नए व अपडेट आंकड़े जारी किए। इनके मुताबिक हरियाणा में दसवीं कक्षा तक के सरकारी स्कूलों की संख्या 3293 है, जबकि प्राइवेट स्कूलों की संख्या 3233 है। इसी प्रकार बारहवीं कक्षा तक के सरकारी स्कूलों की संख्या 1993 व प्राइवेट स्कूलों की संख्या 1589 है।
बारहवीं दसवीं
फीसद - सरकारी- निजी सरकारी- निजी
0-10 - 1 3 29 40
11-20 - 2 0 113 60
21-30 - 0 1 234 123
31-40 - 2 9 330 229
41-50 - 7 17 475 341
51-60 -16 43 453 441
61-70 - 28 61 475 485
71-80 - 96 145 452 511
81-90 - 276 362 385 513
91-100 -1565 945 347 489
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