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चार करोड़ के घपले में तीन माह पहले सस्पेंड हुआ था सीए, अब फिर लगाया 36.55 लाख का चूना

अब निगम एसडीओ ने सेक्टर 9-11 अर्बन थाना पुलिस को शिकायत देकर पवन के खिलाफ धोखाधड़ी, गबन और आपराधिक षडयंत्र रचने का मामला दर्ज करवाया है।

By Edited By: Published: Sun, 25 Nov 2018 10:24 AM (IST)Updated: Sun, 25 Nov 2018 11:05 AM (IST)
चार करोड़ के घपले में तीन माह पहले सस्पेंड हुआ था सीए, अब फिर लगाया 36.55 लाख का चूना
चार करोड़ के घपले में तीन माह पहले सस्पेंड हुआ था सीए, अब फिर लगाया 36.55 लाख का चूना

हिसार, जेएनएन।  बिजली निगम को चार करोड़ रुपये का चूना लगाने पर सस्पेंड चल रहे कॉमर्शियल असिस्टेंट (सीए) पवन कुमार ने फिर निगम को चूना लगा दिया है। इस बार पवन ने नया तरीका ढूंढा। सीए के सरकारी नंबर को अपने नाम पोर्ट करवाकर उससे आइडी खोली और छह बड़े उपभोक्ताओं को फायदा पहुंचाया। निगम को इस दौरान 36 लाख 55 हजार रुपये का चूना लगा दिया। बिजली निगम अधिकारियों ने रूटीन जांच की तो पवन द्वारा आइडी का प्रयोग करने का पता चला।

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अब निगम एसडीओ ने सेक्टर 9-11 अर्बन थाना पुलिस को शिकायत देकर पवन के खिलाफ धोखाधड़ी, गबन और आपराधिक षडयंत्र रचने का मामला दर्ज करवाया है। पुलिस ने केस दर्ज करने के बाद जांच का दायरा बढ़ा दिया है। पुलिस आरोपित की तलाश में जुट गई है। दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम में सीए पवन कुमार कई साल से सेवाएं देता आ रहा था। निगम उसकी सेवाएं अलग-अलग कार्यों मे लेता रहा है। जून 2018 में एओ इंस्पेक्शन डीएचबीवीएन ने उपमंडल में टीम के साथ रेवेन्यू रिकॉर्ड का ऑडिट किया था, जिसमें करोड़ों रुपये की अनियमितताएं पाई गई थी। निगम के अनुसार उसमें पवन कुमार सीधे तौर पर संलिप्त पाया गया था।

अधीक्षक अभियंता प्रवर्तन मंडल ने 20 अगस्त को उसे निलंबित कर दिया था और एक्सईएन आपरेशन हांसी में उसका हेडक्वार्टर फिक्स कर दिया था। वह निलंबित होने के बाद एसडीओ सब डिविजन सातरोड के दफ्तर में आता-जाता रहा। निगम ने पवन को रेवेन्यू संबंधी कार्य करने के लिए एक सरकारी सिम मुहैया करा रखा था। निगम द्वारा उसी सिम पर उसे रोज पासवर्ड जारी किया जाता था। ताकि वह रेवेन्यू से संबंधित कार्य कर सके। निगम द्वारा निलंबित करने पर पवन का सिम वापस करना अनिवार्य था। एसडीसी शीलकुमार ने उसे कई बार मौखिक तौर पर सिम जमा कराने के लिए कहा था।

बावजूद इसके उक्त कर्मचारी ने सिम जमा नहीं कराया। निगम ने 6 सितंबर को उसे आखरी पत्र सिम वापस करने के लिए लिखा था। तब उसने 24 सितंबर को सिम कार्यालय में जमा कराया। निगम के अधिकारियों ने 8 नवंबर को रेवेन्यू स्टेटमेंट देखी तो उनकी आंखें खुली रह गईं। तब अधिकारियों को पता चला कि पवन ने निलंबन के बावजूद अपनी आइडी प्रयोग में लाकर 6 उपभोक्ताओं को गलत तरीके से लगभग 36.55 लाख रुपये का लाभ दे दिया। निगम अधिकारियों को पता चला कि पवन ने मोबाइल कंपनी के अधिकृत सेंटर से गलत तरीके से निगम का सिम अपने नाम से चालू करवा लिया था। उसने धोखाधड़ी से असली सिम की डुप्लीकेट सिम कंपनी से लेकर अपने पास रख ली थी और बंद सिम को निगम के दफ्तर में जमा करा दिया था। पुलिस ने धोखाधड़ी, गबन और आपराधिक षडयंत्र रचने का केस दर्ज कर आरोपित की तलाश शुरू कर दी है।

पहले भी चार करोड़ रुपये हो चुकी है धोखाधड़ी
बिजली निगम के सातरोड सब डिविजन में धोखाधड़ी का यह पहला मामला नहीं है। सीए पवन कुमार ने इससे पहले सैकड़ों उपभोक्ताओं को चार करोड़ रुपये का फायदा पहुंचाया था। वह उपभोक्ताओं के अंतिम बिल की राशि पूरी की पूरी हटा देता था। इससे सीधे तौर पर उसे फायदा होता और निगम को नुकसान होता था। पिछले दिनों स्पेशल ऑडिट में यह मामला सामने आया था और उसमें जेई, एलडीसी तक शामिल मिले थे। उस मामले में बिजली निगम ने उपभोक्ताओं को रिकवरी डाली और पैसा रिकवर किया था। इसके अलावा सिटी सब डिविजन में एसडीओ, जेई व अन्य कर्मचारियों द्वारा धोखाधड़ी कर उपभोक्ताओं को फायदा पहुंचने के मामले में पुलिस में मामला दर्ज है।

जांच में सामने आया था कि पवन कुमार सस्पेंड होने के बावजूद अपनी आइडी प्रयोग में लाकर उपभोक्ताओं को फायदा दे रहा है। छह उपभोक्ताओं को 36 लाख 55 हजार रुपये का फायदा उनकी तरफ से पहुंचाया गया है। इस मामले में मामला दर्ज करवाया गया है। विभाग को सूचित कर दिया गया है। - संजय सांगवान, एसडीओ, सातरोड सब डिविजन।


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