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हिसार में 37 फीसद कम बरसे बादल, 15 सितंबर तक बारिश की बने रहेंगे आसार Hisar news

अब तक मानसून के बादल कम ही मेहरबान हुए हैं व जिले में औसत से 37 फीसद कम बारिश दर्ज की गई है। मानसून इसी महीने 15 तारीख के बाद रुखसत होने वाला है। अब तक महज 158 एमएम बारिश हुई है।

By Manoj KumarEdited By: Published: Tue, 03 Sep 2019 03:30 PM (IST)Updated: Tue, 03 Sep 2019 03:30 PM (IST)
हिसार में 37 फीसद कम बरसे बादल, 15 सितंबर तक बारिश की बने रहेंगे आसार Hisar news
हिसार में 37 फीसद कम बरसे बादल, 15 सितंबर तक बारिश की बने रहेंगे आसार Hisar news

हिसार/हांसी [मनप्रीत सिंह] देश में कहीं बाढ़ के हालात हैं तो कहीं सूखा पड़ा हुआ है। हिसार जिले की बात करें तो अब तक मानसून के बादल कम ही मेहरबान हुए हैं व जिले में औसत से 37 फीसद कम बारिश दर्ज की गई है। मानसून इसी महीने 15 तारीख के बाद रुखसत होने वाला है।

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16 जुलाई से जिले में सक्रिय हुए मानसून से अब तक महज 158 एमएम बारिश हुई है। इस अवधि में सामान्य तौर से 249 एमएम बारिश होने चाहिए थी। हालांकि मौसम वैज्ञानिकों को 15 सितंबर तक जिले में अच्छी बारिश होने की उम्मीद है। सितंबर के तीन दिन बीतने को हैं और अभी भी हिसार में बारिश नहीं हो रही है। हालांकि मंगलवार को छिटपुट बूंदाबांदी हुई थी, मगर इससे कोई राहत नहीं मिली। उमस और गर्मी से लोगों को बुरा हाल है, बारिश नहीं होने से फसलें भी खराब हो रही हैं।

जिले में 16 जुलाई से मानसून ने दस्तक दी थी व मौसम विभाग के अनुसार 15 सितंबर से मानसून के बादल रुखसत होंगे। अभी तक हिसार जिले में केवल 158 एमएम बारिश हुई है। हालांकि अभी भी मौसम विभाग ने 15 दिनों में भारी बारिश का पूर्वानुमान लगा रहा है। वर्तमान मानसून के मौसम में 25 जून से 15 जुलाई की अवधि में पिछले सालों में सबसे कम बारिश हुई है। पूरे प्रदेश में 35 फीसद कम बारिश दर्ज हुई है। बारिश कम होने का सबसे अधिक असर खरीफ की फसल पर पड़ेगा। जिले में सर्वाधिक धान की खेती की जाती है जिसके लिए अत्याधिक पानी की जरुरत होती है।

मानसून हलका रहने के असर
बारिश का सीधा असर हमारे जीवन पर पड़ता है। बारिश से भूजल स्तर में इजाफा होता है तो वहीं फसलों के लिए भी लाभदायक है। समय पर बारिश ना आने से फसल पर किसान का खर्च बढ़ जाता है जिससे महंगाई बढ़ती है व किसान की माली हालत कमजोर होती है।

7-8 फीसद जमीन पूरी तरह बारिश पर निर्भर
खेती के लिए बारिश की अपरिहार्य अवश्यकता होती है। जिले में 7-8 फीसद कृषि जमीन ऐसी है जो पूरी तरह से बारिश के पानी पर निर्भर है। बारिश कम होने से इस जमीन पर फसल नहीं हो पाती है।

असंतुलित बारिश में घटते जा रहे बारिश के दिन

वर्ष         वास्तविक बारिश    बारिश के दिन

2011         359.4                  19

2012          418.8                 18

2013          679.1                 20

2014          262.0                 15

2015          391.7                 25

2016          418.2                 19

2017          518.9                 23

2018          355.6                 14

2019*       321.6                  14

---मौसम विभाग को अभी आने वाले 15 दिनों में जिले में बारिश होने की उम्मीद है। अभी तक जिले में 37 फीसद कम वर्षा हुई है। इस बार पूरे प्रदेश में ही मानसून कमजोर रहा है लेकिन अभी कुछ अवधि बची है जिसमें उम्मीद है कि वर्षा की पूर्ति होगी।
- डा. एमएल खिचड़, मौसम वैज्ञानिक, एचएयू।


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